पलामू। झारखंड में पलामू के पांकी बाजार में महाशिवरात्रि के लिए लगाए गए तोरण द्वार के कारण बुधवार को विवाद हो गया। दो पक्षों में जमकर पत्थरबाजी हुई। मस्जिद से पत्थर फेंके गए, जिसके बाद दूसरे पक्ष ने मस्जिद पर पत्थर चलाए। कई दुकानों में तोड़फोड़ की गई। पथराव में कुछ पुलिसकर्मियों के घायल होने की खबर है।
पांकी में धारा 144 लगा दी गई है और इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। झारखंड सरकार के गृह विभाग ने टेलीकॉम कंपनियों को आदेश दिया कि 16 फरवरी के शाम चार बजे तक इंटरनेट सेवा बंद रखें।
पांकी बाजार पूरी तरह बंद है। सड़क पर पत्थर बिखरे पड़े हैं, एक पक्ष के लोगों का कहना है कि तोरण द्वार लगाने के बाद दूसरे पक्ष ने उसे तोड़कर फेंक दिया। इसका विरोध किया गया तो पत्थरबाजी शुरू हो गई।
मस्जिद से पत्थर चलाए गए। इतना पथराव हुआ कि सड़क पर चारों तरफ पत्थर बिखरे हैं। मस्जिद के बाहर की दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया। कुछ लोगों का कहना है कि पेट्रोल बम से भी हमला किया गया, हालांकि पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
एसपी चंदन कुमार सिन्हा और डिप्टी कमिश्नर आंजनेयुलू दोड्डे तुरंत मौके पर पहुंचे और हालात काबू करने की कोशिश की। तीन से चार थानों की पुलिस मौके पर तैनात है। एसपी का कहना है कि महाशिवरात्रि को लेकर तोरण द्वार बनाया जा रहा था। उसी को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हुआ। इस वक्त मामला शांत करा दिया गया है। पुलिस कार्रवाई कर रही है।
इस पूरे विवाद के बाद बुधवार को इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई। पुलिस पूरे इलाके पर नजर रख रही है और मामले को शांत कराया गया है। दूसरी तरफ तोरण द्वार को लेकर अब भी तनाव है। प्रशासन दोनों पक्षों से बात कर मामला सुलझाने की कोशिश कर रहा है।
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कोयंबटूर ब्लास्ट केस में 3 राज्यों में NIA की छापेमारी:तमिलनाडु-कर्नाटक और केरल के 60 ठिकानों पर रेड
नई दिल्ली। कोयंबटूर कार सिलेंडर ब्लास्ट मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 3 राज्यों में छापेमारी की। जांच एजेंसी ने यह छापेमारी तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक के 60 से अधिक ठिकानों पर संदिग्ध ISIS समर्थकों के संबंध में की है। अकेले कर्नाटक में 45 ठिकानों पर छापेमारी कि गई है। बताया जा रहा कि NIA को IS से संबंध रखने वाले कुछ लोगों की जानकारी मिली थी। जानकारी के मुताबिक, इन लोगों को वीडियो के जरिए कट्टरपंथी बनाया गया था।
बता दें कि कोयंबटूर कार धमाके के तार ISIS के कनेक्शन मिले थे। जांच के दौरान NIA ने बताया था कि पकड़े गए आरोपियों से 109 वस्तुएं बरामद की हैं। इनमें इस्लामिक विचारधारा से जुड़े नोटबुक भी शामिल हैं।
पिछले साल 23 अक्टूबर को कोयंबटूर में संगमेश्वर मंदिर के पास खड़ी कार में धमाका हुआ था। कार का मालिक जेमिशा मुबीन भी इसमें मारा गया था। धमाके के समय वह कार के अंदर ही था। उसकी उम्र 29 साल थी और पेशे से इंजीनियर था। ISIS की विचारधारा ने मुबीन को कट्टरपंथी बना दिया था। हालांकि, उसकी ट्रेनिंग पूरी नहीं हुई थी इसलिए वह विस्फोटकों को संभाल नहीं सका।
जांच एजेंसी के मुताबिक, मुबीन की कार में धमाके के समय 2 LPG सिलेंडर थे, इनमें से एक फटा था। अगर दूसरा भी फट जाता तो मंदिर और आस-पास के कई मकानों को नुकसान पहुंचता।
जांच के दौरान पुलिस ने CCTV फुटेज की मदद से पकड़े गए मुबीन के 5 साथियों को भी गिरफ्तार किया था। इन सभी को UAPA के तहत 15 दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा गया है। पकड़े गए लोगों के नाम मोहम्मद थलका, मोहम्मद असरुद्दीन, मोहम्मद रियाज, फिरोज इस्माइल और मोहम्मद नवाज हैं। गिरफ्तार आरोपियों में से एक ने माना है कि वह 21 अप्रैल 2019 को श्रीलंका में हुए सीरियल ब्लास्ट के आरोपियों से मिल चुका है, जो कि ISIS से जुड़े हुए थे।
कोयंबटूर के पुलिस कमिश्नर बालकृष्णन ने बुधवार को कहा कि मौके से बरामद सामग्री का इस्तेमाल कम विस्फोटक वाले बम बनाने में किया गया। मुबीन के घर की जांच के दौरान उसके घर के बाहर अमेजन के कुछ खाली बक्से पाए गए। घर से 75 किलोग्राम विस्फोटक मिलने के बाद पुलिस ने कहा कि उसकी मंशा और बम बनाने की थी।
मुबीन के घर से पोटैशियम नाइट्रेट, चारकोल, एल्युमीनियम पाउडर और सल्फर जब्त किया गया था। आशंका है कि जिसका इस्तेमाल विस्फोटक बनाने के लिए किया गया था।
CCTV फुटेज के मुताबिक, IS से जुड़े के तीन संदिग्धों रियाज, फिरोज और नवाज को मुबीन की कार में 2 सिलेंडर और 3 ड्रम रखते हुए देखा गया था। इन्होंने शनिवार रात करीब 11.30 बजे कार में विस्फोटक रखे थे। चौथे संदिग्ध मोहम्मद थलका ने मुबीन और उसके एक रिश्तेदार को कार दी थी। ये सभी कोयंबटूर के उक्कड़म के पास जीएम नगर के रहने वाले थे।
तलाशी के दौरान मुबीन के घर से 75 किलो पोटेशियम नाइट्रेट, चारकोल और एल्युमीनियम पाउडर भी बरामद हुआ था। इसके अलावा एक कागज का टुकड़ा मिला था, जिसमें कोयंबटूर की 5 जगहों पुलिस कमिश्नरेट, कलेक्ट्रेट, विक्टोरिया हॉल, कोयंबटूर रेलवे स्टेशन और रेस कोर्स के नाम लिखे थे।
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आजम के बेटे अब्दुल्ला की विधायकी रद्द, MP-MLA कोर्ट ने सुनाई थी दो साल की सजा
लखनऊ। सपा नेता आजम खान के बाद अब उनके बेटे अब्दुल्ला आजम की भी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है। बुधवार को यूपी विधानसभा सचिवालय ने अब्दुल्ला आजम की स्वार सीट को रिक्त घोषित कर दिया।
मुरादाबाद की MP/MLA कोर्ट ने सोमवार को 15 साल पुराने मामले में सपा महासचिव आजम खान और उनके विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम को 2-2 साल की सजा सुनाई थी। दोनों पर 2-2 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। अब 6 महीने के अंदर स्वार सीट पर उपचुनाव कराया जाएगा।
दरअसल, 2 जनवरी, 2008 को पूर्व मंत्री और रामपुर के पूर्व विधायक आजम खान अपने परिवार के साथ मुजफ्फरनगर में एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे। छजलैट थाने के सामने वाहन चेकिंग के दौरान आजम खान की गाड़ी पुलिस ने रुकवा ली थी। इसके विरोध में आजम और उनके बेटे स्वार-टांडा विधानसभा सीट से विधायक अब्दुल्ला सड़क पर धरने पर बैठ गए थे। आरोप है कि सड़क जाम करते हुए बवाल किया गया था और सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न की थी।
अब्दुल्ला आजम को 3 साल में अपनी विधायकी से दो बार हाथ धोना पड़ा है। 3 साल पहले भी उम्र के फर्जी प्रमाणपत्र मामले में हाईकोर्ट में अब्दुल्ला की विधायकी को रद्द कर दिया था।
मुरादाबाद की MP-MLA कोर्ट ने आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को सोमवार को शाम करीब 5 बजे दोषी ठहराया था। इसके बाद दोनों को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया था। फिर सजा के सवाल पर सुनवाई हुई थी।
ADGC वैभव गुप्ता के अनुसार, कोर्ट ने आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को IPC 353 में 2 साल सजा और 2 हजार जुर्माना, IPC 341 में 1 महीना की सजा और 500 रुपए जुर्माना, 7 क्रिमिनल अमेंडमेंट एक्ट में 6 महीने की सजा और 500 रुपए का जुर्माना लगाया था।
इसके बाद कोर्ट ने दोनों की जमानत मंजूर कर ली थी। जमानतनामा दाखिल करने के बाद आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को सोमवार रात करीब साढ़े 8 बजे रिहा कर दिया गया था।
आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को जिस मामले में सजा हुई है, वह छजलैट मामला करीब 15 साल पुराना है। हरिद्वार हाईवे पर मुरादाबाद के छजलैट थाने के सामने 2 जनवरी, 2008 को मुरादाबाद के तत्कालीन SSP प्रेम प्रकाश ने पूर्व मंत्री आजम खान की गाड़ी चेकिंग के लिए रुकवाई थी।
इसके बाद आजम की गाड़ी पर लगा हूटर उतरवा दिया था। इसे लेकर विवाद बढ़ गया था। आजम खान वहीं सड़क पर धरना देकर बैठ गए थे। इसके बाद आस-पास के जिलों से भी सपा के नेता और कार्यकर्ता छजलैट पहुंच गए थे। आजम खान समेत दूसरे सपा नेताओं पर सरकारी कार्य में बाधा डालने, भीड़ को उकसा कर बवाल कराने समेत विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया था।