भोपाल। भोपाल के अवधपुरी इलाके में एक मंदिर में लाउड स्पीकर पर तेज आवाज में भजन, आरती और सुंदरकांड किए जाने का मुद्दा गरमा गया है। एमपी नगर SDM राजेश गुप्ता ने मंदिर प्रबंधक को नोटिस देकर लाउड स्पीकर हटाने के लिए कहा है। इस पर मंदिर प्रबंधक ने पिछले दो दिन से भजन-कीर्तन और सुंदरकांड बंद कर दिया है।
मंदिर प्रबंधक का आरोप है कि एसडीएम ने मुझे और बेटे को जेल भेजने की धमकी दी। इस पर एसडीएम ने कहा कि इसे धर्म से जोड़कर न देखें। निर्धारित डेसिबल से ज्यादा आवाज में लाउड स्पीकर चल रहा था। रहवासियों से इसकी शिकायत मिली थी। इसके बाद ही नोटिस दिया गया।
इधर, मंदिर के लाउड स्पीकर बंद कराए जाने पर हिंदूवादी संगठनों ने विरोध जताया है। संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने इस फरमान को गलत बताया। अमरावतखुर्द अवधपुरी में खाम्बरा मंदिर है। यहां नियमित रूप से भजन-कीर्तन, आरती और सुंदरकांड का पाठ होता है। मंदिर प्रबंधक पक्ष खामरा को एमपी नगर वृत्त के एसडीएम गुप्ता ने 20 मार्च को नोटिस दिया था। खामरा को 28 मार्च को ऑफिस में तलब होने के लिए कहा था। इस पर मंदिर प्रबंधक का बेटा लक्ष्य खामरा एसडीएम के सामने पेश हुआ था।
मंदिर प्रबंधक पक्ष खामरा ने बताया कि वे मंदिर के संस्थापक हैं। एसडीएम ने नोटिस दिया था। 28 मार्च को उपस्थित होना था। मेरी तबीयत ठीक नहीं थी, इसलिए बेटे लक्ष्य को भेजा था। जब बेटे ने नोटिस की वजह पूछी, तो एसडीएम ने कहा कि आपके मंदिर के अंदर भजन-आरती और सुंदरकांड होता है, उसे बंद करवा दें। इसकी शिकायत मिली है। बेटे ने कहा कि शिकायत की जांच तो हो। मंदिर में आरती-भजन और पूजन नहीं होगा तो क्या होगा?
खामरा ने आरोप लगाया कि मुझे और बेटे को एसडीएम ने जेल में भेजने की बात कहीं। मंदिर के आसपास कोई नहीं रहता। सरकार धार्मिक भावनाओं को भड़काने वालों पर कार्रवाई करें। यदि कार्रवाई नहीं होती और भजन-पूजन बंद किया जाता है, तो धरना देंगे। जरूरत पड़ी तो भूख हड़ताल करेंगे। मंदिर 35 साल पुराना है। वहां 132 फीट ऊंचा शिवलिंग बनाया जा रहा है, जो दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग होगा। यह भोपाल की शान होगा। क्या यहां पूजा-अर्चना, भजन और सुंदरकांड न हो? यह सबसे बड़ा सवाल है।
एसडीएम राजेश गुप्ता ने बताया कि मंदिर के आसपास के रहवासियों और पार्षद ने शिकायत की थी कि तेज आवाज में लाउड स्पीकर बजाया जा रहा है। मेरी कोर्ट में बुजुर्ग भी आए। जिन्होंने दिक्कतें होने की बात कही। इस पर जांच कराई गई। पूर्व में रहे दो एसडीएम ने भी जांच करवाई थी। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने रिपोर्ट दी थी। जांच में पाया कि मापक और मानक से ऊपर जाकर लाउड स्पीकर बजाया जा रहा है। नोटिस को लेकर गलत भ्रांति फैलाई जा रही है।
मंदिर-मस्जिद, गुरुद्वारे और चर्च को लेकर कोई बात नहीं है। यह बात जनता की परेशानी को लेकर है। बच्चे पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। इसे धर्म से जोड़कर न देखें। कोई भी धर्म स्थल हो या अन्य जगह, यदि लाउड स्पीकर तेज आवाज में बजाया जा रहा है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले में पार्षद बी. शक्ति राव ने नवंबर-22 में कलेक्टर को आवेदन दिया था। जिसमें खाम्बरा मंदिर प्रबंधक द्वारा ध्वनि प्रदूषण किए जाने की बात कही। महादेव नगर विकास समिति अवधपुरी ने भी तेज आवाज में लाउड स्पीकर बजाए जाने की शिकायत की थी।
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नावरा पेट्रोल पंप में डकैती से पहले पांच बदमाश गिरफ्तार
बुरहानपुर । पड़ोसी जिलों से आकर बुरहानपुर जिले के जंगलों का सफाया कर रहे आदिवासी अब लूटपाट और डकैती जैसे अपराधों की ओर भी कदम बढ़ा रहे हैं। मंगलवार रात नेपानगर थानाक्षेत्र की नावरा चौकी पुलिस ने वहां के पेट्रोल पंप में डकैती डालने जा रहे पांच बदमाशों को वारदात से पहले गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। सभी आरोपित खंडवा जिले के पिपलोद क्षेत्र के रहने वाले हैं। उनके पास से पुलिस को एक देसी कट्टा, दो जिंदा कारतूस, कुल्हाड़ियां, डंडे और तीन मोटर साइकिलें मिली हैं।
आरोपितों ने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि नावरा का पेट्रोल पंप वन क्षेत्र से लगा है और रात में ज्यादा भीड़ भी नहीं होती। इसलिए डकैती के लिए इसका चयन किया गया था। यहां से डकैती करने के बाद वे जंगल के रास्ते खंडवा जिले में प्रवेश कर जाते। ज्ञात हो कि जंगल के इसी रास्ते से खंडवा, खरगोन के अतिक्रमणकारी भी नेपानगर क्षेत्र में घुसपैठ करते हैं।
पुलिस अधीक्षक राहुल लोढ़ा ने बताया कि देर रात बारह बजे मुखबिर से सूचना मिलने के बाद उप निरीक्षक शशिकांत गौतम व उप निरीक्षक जयपाल राठौर के नेतृत्व में पुलिस की दो टीमें भेजी गई थीं। सभी पुलिसकर्मी सादी वर्दी में थे। दोनों टीमों ने हिवरा रोड में मजार के पास दबिश देकर आरोपित 32 वर्षीय रामलाल पुत्र रेमसिंह बारेला, 23 वर्षीय इलासिया पुत्र नंदराम बारेला, 25 वर्षीय कैलाश पुत्र भाया बारेला, 24 वर्षीय राजेश पुत्र जगदीश बारेला और 40 वर्षीय नंदराम पुत्र भाया बारेला सभी निवासी गोंदवाड़ी थाना पिपलोद जिला खंडवा को गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों को गिरफ्तार करने वाले दलों में एएसआइ अजेश जायसवाल, प्रधान आरक्षक भरत देशमुख, रायसिंग, संदीप कैथवास, मुकेश मोरे, सुखलाल डावर, विक्रम चौहान, सायबर सेल के आरक्षक दुर्गेश, सिकदार देवड़ा, आनंद और सदाशिव की भी भूमिका रही है।
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बाल आयोग ने स्कूलों से कहा बच्चों के साथ दुर्व्यवहार पर आयोग-पुलिस को दें सूचना
जबलपुर। बाल आयोग ने स्कूलों के साथ चर्चा की उन्हें बच्चों के अधिकारियों को लेकर जरूरी जानकारी देते हुए नियमों से अवगत कराया। स्कूलों में पढ़ने वाले छोटे बच्चों के साथ गलत दुर्व्यवहार न हो इसका दायित्व हर शिक्षक है। केवल स्कूल ही नहीं बल्कि आसपड़ोस में भी इस पर नजर रखें। यदि बच्चों के साथ इस तरह की घटनाएं होती हैं तो बाल आयोग और पुलिस प्रशासन को इसकी जानकारी दी जाए, क्योंकि बच्चे घर में मां-बाप के साथ तो स्कूलों में शिक्षकों के साथ सबसे ज्यादा अटैच होते हैं। यह बात पीएसएम कालेज में बाल अधिकार संरक्षण आयोग के तत्वावधान में आयोजित हुई स्कूलों की कार्यशाला में आयोग के सदस्य अनुराग पांडेय ने कही। संयुक्त संचालक लोक शिक्षण के निर्देशन में जिला शिक्षा केन्द्र के द्वारा स्कूलों की कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें बच्चों के साथ होने वाली घटनाओं को रोकने, छात्रों से निरंतर संपर्क बनाए रखने आदि के बार में अवगत कराया गया।
हो इसके लिए शिक्षकों की जिम्मेदारी है। विशेषज्ञों ने कहा कि छोटे बच्चे शारीरिक एवं मानसिक रूप से परिपक्व नहीं होते ऐसे में आपराधिक प्रवृति के लोग बच्चों की मासूमियत का फायदा उठाकर बच्चों के यौन-शोषण को अंजाम देते है। सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष यशवेन्द्र कांगले ने कहा कि बच्चों के यौन-शोषण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर सभी को जागरूक होने और जागरूक करने की आवश्यकता है। पास्को एक्ट, निशुल्क और बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम आदि के बारे में शिक्षकों को अवगत कराया गया। कार्यशाला में जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी, एपीसी घनश्याम बर्मन, एपीसी प्रेमनारायण तिवारी, मनीष पांडेय आदि उपिस्थत थे।
उल्लेखनीय हैै कि आए दिन बच्चों के साथ यौन शोषण और दुर्व्यवहार जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं। कई बार स्कूलों में भी इस तरह की घठनाएं समाज को शर्मिंदा कर रही हैं जिसके बाद से ही बाल आयोग द्वारा लगातार जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है।
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11 माह की बच्ची के फेफड़ों से एलइडी बल्ब निकालकर दिया नया जीवन
इंदौर। 11 माह की बच्ची के फेफड़ों से मिनी एलइडी बल्ब निकालकर एक निजी अस्पताल के डाक्टरों ने उसे नया जीवन दिया। डाक्टरों को बच्ची की ओपन सर्जरी करनी पड़ी, क्योंकि लगभग पांच मिमी आकार का मिनी एलइडी बल्ब उसके फेफड़ों के दाहिने निचले ब्रोन्कस में विंड पाइप के माध्यम से फंस गया था।
बाल रोग सर्जन डा. बृजेश लाहोटी ने बताया कि सर्जरी में देरी बच्ची के लिए घातक साबित हो सकती थी, क्योंकि बाहरी कण उसके फेफड़ों को संक्रमित कर रहे थे और इससे गंभीर निमोनिया हो सकता था। आमतौर पर लेप्रोस्कोपी के माध्यम से बाहरी कणों को हटाया जा रहा है, लेकिन बल्ब निचले लोब में फंस गया था, इसलिए लेप्रोस्कोपी नहीं की गई।
उन्होंने बताया कि मरीज खंडवा की रहने वाली है और उसके माता-पिता ने सांस लेने में परेशानी की शिकायत लेकर हमसे संपर्क किया था। खेलते समय बच्ची में खिलौने का कण फंस गया था, जिसके बाद उसके माता-पिता उसे इंदौर लाए।
यह एक असामान्य मामला था क्योंकि कण संवेदनशील जगह पर फंस गया था जिसके कारण हमने ओपन सर्जरी का विकल्प चुना। मिनी एलइडी बल्ब को बाहर निकालने में एक घंटे का समय लगा। बच्ची अब ठीक हो रही है और गुरुवार को उसे अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी।