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चैक के मामले में एक वर्ष की सजा, 3,28,300 प्रतिकर के दंड से दंडित

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गुना। (गरिमा टीवी न्यूज़) गुना शहर के एक व्यक्ति को चेक देना उस वक्त भारी पड़ गया जब उसने ऋण राशि के बदले चेक फरियादी को दिया और न्यायालय में मामला चलने के बाद न्यायालय ने आरोपी को 1 वर्ष की सजा और प्रतिकार दंड से दंडित किया। 
अभिभाषक अवधेश माहेश्वरी ने बताया कि राजकुमार जैन पुत्र राजमल जैन निवासी चौधरी मोहल्ला गुना ने अशुमन उपाध्याय से अपनी परू आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु 2 लाख रुपये का ऋण लिया और उक्त ऋण राशि के भुगतान बावत् अपने पंजाब नेशनल शाखा गुना स्थित बचत खाते का एक चैक दिया। जिसे अंशुमन उपाध्याय ने अपने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया शाखा गुना स्थित में क्लीयरेंस के लिए जमा किया तो बैंक ने उक्त चैक अपर्याप्त निधि की टीप लगाकर अनादरित कर दिया। 
जब व्यक्तिगत रूप से राजकुमार जैन को अवगत कराया तो वह नाराज हो गया, तब अंशुमन ने अपने अभिभाषक अवधेश माहेश्वरी के माध्यम से न्यायालय गुना में धारा 138 परकाम्य लिखित अधिनियम 1881 के तहत परिवाद प्रस्तुत किया। इस परिवाद में आरोपी ने विभिन्न प्रकार के झूठे बचाव लिए, जिसे न्यायालय ने प्रमाणित नहीं माना। फलस्वरूप न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी गुना म.प्र. सोनू जैन की अदालत ने आरोपी राजकुमार जैन पुत्र राजमल जैन निवासी चौधरी मोहल्ला गुना को धारा 138 परकाम्य लिखित अधिनियम 1881 के अपराध में एक वर्ष के कठोर कारावास एवं 3,28,300 रू. के प्रतिकर के दंड से दंडित किया है।