बिहार। बिहार के कई जिलों में रामनवमी के मौके पर भड़की हिंसा थम नहीं रही है। शनिवार को सासाराम और बिहारशरीफ में फिर से हिंसा भड़क गई। वहीं, नालंदा के बनौलिया इलाके में फायरिंग हुई। जिसके बाद पूरे इलाके में पुलिस की तैनाती कर दी गई। सासाराम के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को 4 अप्रैल तक बंद करने का फैसला किया गया। साथ ही कोचिंग संस्थानों को बंद करने के निर्देश जिला प्रशासन द्वारा जारी किया गया है। इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने लेटर भी जारी किया है।
नालंदा हिंसा पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि बिहार सरकार में पहले मुख्यमंत्री पल्टूराम थे। अब उनके अधिकारी भी पल्टूराम हो गए हैं। रामनवमी का जुलूस पहले से तय था, तो सरकार सजग क्यों नहीं थी। सीएम नीतीश किसे बेवकूफ बना रहे हैं। क्या उनके आदेश के बिना नालंदा में धारा 144 लगी है।
गिरिराज ने आगे कहा कि नीतीश कुमार की प्रशासन पर पकड़ नहीं है। इसलिए यदि वे नालंदा को नहीं बचा पाए, तो क्या नालंदा के हिंदू सब छोड़कर भाग जाए। अगर रामनवमी नालंदा में नहीं मने तो क्या पाकिस्तान, बांग्लादेश या मलेशिया में मनाई जाएगी।
सासाराम के सफ्फुलागंज इलाके में शनिवार शाम को बम फेंके गए। पुलिस ने घरों तलाशी अभियान चलाया। इसमें आठ लोगों को हिरासत में लिया गया। यहां रामनवमी की शोभायात्रा के बाद से बवाल मचा हुआ है। सहजलाल इलाके में मोटरसाइकिल खड़ी करने और नारे लगाने को लेकर विवाद शुरू हुआ था। एक पक्ष ने वाहनों में तोड़फोड़ कर शोभायात्रा से लौट रहे लोगों पर जानलेवा हमला किया था। विरोध में शुक्रवार को दूसरा पक्ष सड़कों पर उतर आया। सासाराम के बस्ती मोड़, चौखड़ी, आदमखानी, और सोना पट्टी इलाके में पथराव हुआ। इस दौरान बम फेंके गए और कुछ घरों में आग लगा दी गई। अब तक 32 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
सासाराम में हुए धमाके पर जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि सूचना मिली थी कि एक समुदाय के लोगों द्वारा धार्मिक स्थल पर विस्फोटक फेंका गया। जिसमें 6 लोग घायल हुए। जांच में पता चला कि बगल के कमरे में रखे विस्फोटक को गलत तरह से रखा गया था। FSL टीम ने इसकी सत्यता की है। फोर्स तैनात है। उन्होंने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपिल की है।
- एसपी विनित कुमार ने कहा कि अब तक 32 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। हम टीम बनाकर छापेमारी कर रहे हैं। दंगाईयों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। संवेदनशील स्थानों पर फोर्स तैनात है।
- नालंदा के जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने कहा कि रात में 2-3 जगहों पर घटनाएं हुई। फिलहाल स्थिति शांतिपूर्ण है। उपद्रवियों को चिह्वित कर 80 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। धारा 144 लगाई गई है।
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साईंबाबा भगवान नहीं, गीदड़ की खाल पहनकर कोई शेर नहीं बनता.... बागेश्वर बाबा की टिप्पणी पर भड़के भक्त
मुंबई।महाराष्ट्र में साईं बाबा के भक्तों की संख्या बहुत अधिक है। ऐसे में बागेश्वर बाबा के बयान से साईं भक्तों में रोष है। इस बयान पर शिरडी समेत पूरे राज्य से तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
अक्सर अपने विवादित बयानों से सुर्खियों में रहने वाले बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Shastri) यानी बागेश्वर बाबा एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गए हैं। उन्होंने अब महाराष्ट्र समेत देशभर में पूजे जाने वाले शिरडी के साईंबाबा को लेकर विवादित टिप्पणी की है।
मध्य प्रदेश के जबलपुर के पनागर में श्रीमद्भागवत कथा के आखिरी दिन जब साईंबाबा की वैदिक तरीके से पूजा करने को लेकर सवाल पूछा गया तो पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने जवाब देते हुए कहा, 'गीदड़ की खाल पहनकर कोई शेर नहीं बन सकता है।‘
क्या है पूरा विवाद? बागेश्वर बाबा ने कहा, हमारे शंकराचार्य ने साईंबाबा को भगवान का स्थान नहीं दिया है। शंकराचार्य हिंदू धर्म के प्रधानमंत्री हैं, उनकी आज्ञा का पालन करना प्रत्येक सनातनी हिंदू का कर्तव्य है। उन्होंने कहा, कोई भी संत चाहे गोस्वामी तुलसीदास जी हो या सूरदास जी हों, ये संत हैं, महापुरुष हैं, युग पुरुष हैं, कल्प पुरुष हैं, लेकिन भगवान नहीं। कई लोगों की साईंबाबा में आस्था होगी। मैं उनकी भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहता। लेकिन साईंबाबा संत हो सकते हैं, फकीर हो सकते हैं लेकिन भगवान नहीं। उन्होंने आगे कहा कि गीदड़ की खाल पहनकर कोई शेर नहीं बन सकता। उनके इस बयान से अब नया विवाद खड़ा हो गया है।
महाराष्ट्र में साईं बाबा के भक्तों की संख्या बहुत अधिक है। ऐसे में बागेश्वर बाबा के बयान से साईं भक्तों में रोष है। इस बयान पर शिरडी समेत पूरे राज्य से तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। बागेश्वर बाबा के बयान की राजनीतिक नेताओं ने भी कड़ी आलोचना की है। शिरडी के ग्रामीणों और साईं भक्तों ने धीरेंद्र शास्त्री से माफी मांगने की मांग की है।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के साईंबाबा को लेकर दिए गए बयान की बीजेपी नेता राधाकृष्ण विखे पाटील (Radhakrishna Vikhe Patil) और एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने निंदा की है। शिरडी के ग्रामीणों ने नाराजगी जताते हुए धीरेंद्र शास्त्री को करारा जवाब दिया है। शिरडी के ग्रामीणों का कहना है कि एक खास विचारधारा के लोग हमेशा साईंबाबा के बारे में इस तरह के बयान देते हैं। साईंबाबा भगवान हैं या नहीं, इसके लिए धीरेंद्र शास्त्री के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। धीरेंद्र शास्त्री को एक बार साईंबाबा के दर्शन करने के लिए शिरडी आना चाहिए और फिर उनका दिमाग ठिकाने आ जाएगा।
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटील ने कहा, समाज में ऐसे लोग बाबा का रूप धारण कर खुद को भगवान बताते हैं, लोगों की बुद्धि ख़राब करने का प्रयास करते हैं। सरकार से अनुरोध है कि ऐसे लोगों के खिलाफ तुरंत मामला दर्ज किया जाएं। ऐसे बयान के जरिए वह धार्मिक विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। सामाजिक अशांति पैदा कर रहे है। उन्होंने कहा कि लाखों भक्तों की आस्था के स्थान साईंबाबा पर इस तरह का बयान देना सही नहीं है और इस तरह कीचड़ उछालना गलत है।