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श्री हनुमान टेकरी पर विशाल मेला एवं मंगला महाआरती 6 अप्रैल को

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गुना। (गरिमा टीवी न्यूज़) गुना जिले सहित आसपास के इलाकों में प्रसिद्ध आस्था का केंद्र श्री हनुमान टेकरी पर 6 अप्रैल को विशाल मेला एवं जन्मोत्सव का कार्यक्रम धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दौरान जहां पर मेले में लाखों लोग आने की उम्मीद है, वही चोर उचक्के भी मेला परिसर में आयेंगे ऐसी संभावना टेकरी मंदिर ट्रस्ट के लोगों को है। इस कारण उन्होंने एक अपील जारी की है कि लोग महंगे गहने पहनकर ना आवे।
मिली जानकारी के अनुसार, 3 अप्रैल को ज़िलाधीश एवं पुलिस अधीक्षक सहित समस्त प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा मंदिर परिसर एवं मेला परिसर में संपूर्ण व्यवस्थाओं की रूपरेखा तैयार की गई।
पुलिस प्रशासन द्वारा चप्पे चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती की जावेगी एवं असामाजिक तत्वों पर सीसीटीव्ही केमरों की मदद से विशेष नजर रखी जावेगी ।
मेले के दौरान दर्शनार्थियों के विशाल जनसमूह को बेहतर दर्शन व्यवस्थाएँ उपलब्ध कराने हेतु प्रशासन एवं ट्रस्ट के समन्वय से एकांगी मार्ग व्यवस्था की जा रही हैं।
सुबह 5 बजे तक मंगला आरती के दौरान दो पहिया बाहनों की पार्किंग टेकरी परिसर में नीचे होगी, इसके उपरांत दो पहिया बाहन ओव्हर ब्रिज के पास निर्धारित दो पहिया बाहन स्टेंड तक ही जा सकेंगे । दो पहिया वाहन बैजू चौराहे से माथुर कॉलोनी / आशीर्वाद रोड होते हुए पार्किंग स्थल पहुँच सकेंगे एवं निचले बाज़ार पोस्ट ऑफिस से बताशा गली / पायगा मोहल्ला होते हुए बड़े जैन मंदिर से बूड़े बालाजी होकर पार्किंग स्थल पहुँचेंगे ।
ऑटो चालकों हेतु पार्किंग व्यवस्था बूडे़ बालाजी के पास वाले मैदान में की है।
ट्रेक्टर ट्रॉली एवं चार पहिया वाहनों की आवा-जाही सिर्फ़ वायपास से होगी। पार्किंग व्यवस्था वायपास सर्विस रोड से उतरते ही की जा रही हे । जूता स्टेंड सदैव की भाँति निःशुल्क रहेगा।
शयन आरती रात्रि 12 बजे संपन्न होगी एवं मेला अर्धरात्रि 2 बजे तक अविरत रूप से चलेगा ।
हनुमान टेकरी ट्रस्ट की अपील -
१. मातृ शक्ति से विशेष निवेदन हे कि मंहगे आभूषण पहनकर ना आवें ।
२. पूरी पहाड़ी पर एवं मंदिर परिसर में दीपक एवं अगरबत्ती ना जलायें ।पूर्णतः प्रतिबंध ।
३. नारियल साबुत ही अर्पित करें ।
४. धक्का मुक्की से पूर्ण परहेज़ करें ।
५. निर्धारित मार्गों से ही आवाजाही कर व्यवस्था में सहयोग करें ।यातायात अवरुद्ध होने की स्थिति न बनने दें । सहयोग करें ।
६. मंदिर निर्माण हेतु दान की राशि दानपेटी अथवा रसीद के माध्यम से ही प्रदान करें ।