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रात्रि 2 बजे किन्नरों में लाठी और पत्थर चले,सात किन्नरों को अगवा किया

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खाचरोद। नगर के किन्नरों में एक सप्ताह से चल रहे विवाद ने शनिवार-रविवार की रात्रि करीब 2 बजे भयंकर रूप ले लिया। एक दर्जन से अधिक वाहनों में सवार होकर बाहर से आए किन्नरों का समूह पूर्व किन्नर के चेलों को बुरी तरह मारपीट कर करीब सात किन्नरों को अगवा कर फरार हो गया। तीन किन्नरों को माथे में गंभीर चोट आने पर उन्हें रतलाम रेफर किया है।
भाटपचलाना क्षेत्र की एवं खाचरोद नगर की पुरानी 70 वर्षीय किन्नर रेखा बाई द्वारा अपने स्थान पर किन्नर कुमकुम बाई को नियुक्त कर दिया था, लेकिन पिछले एक पखवाड़े पूर्व से कुमकुम बाई और रेखाबाई द्वारा अपने भेजे गए चेलों में विवाद होने पर आपस में मारपीट हो गई थी।
कुमकुम किन्नर को रेखाबाई द्वारा यहां से भगा दिया था। इस बीच शनिवार रविवार रात्रि करीब 2 बजे के लगभग मंदसौर जिले की मुख्य किन्नर अनीता बाई बदला लेने के उद्देश्य से एक दर्जन से अधिक वाहनों में उज्जैन, मंदसौर, बदनावर, पिपलोदा, नागदा सहित अन्य स्थानों से आए करीब 50 से अधिक किन्नरों ने आकर रावत पथ स्थित किन्नरों की हवेली में सो रहे रेखा बाई के चेलो पर प्राणघातक हमला कर दिया।
इसके बाद रेखा बाई के करीब 7-8 चेलों को अगवा कर ले गए । इस लड़ाई में रेखा बाई का चेला भारती बाई, लक्ष्मीबाई, पिंकी बाई को सिर एवं शरीर के अन्य स्थानों पर गंभीर चोट आने पर उन्हें शासकीय अस्पताल में प्राथमिक उपचार देने के बाद रतलाम रेफर किया गया। जहां पर भारती बाई की हालत गंभीर बताई जा रही है।
इधर रेखा बाई के चेला लक्ष्मीबाई ने बताया कि किन्नर अनीता बाई के साथ आए करीब 50 से अधिक किन्नरों ने आकर लोहे के पाइप, लठ, पत्थर, ईट से हम पर हमला कर दिया। हमें बुरी तरीके से पीटा, हमारे कपड़े फाड़कर घर में रखे सामानों को तोड़फोड़ कर भाग गए। बाहर से आए किन्नर काजल बाई, मीना बाई, संतोष बाई, मुस्कान बाई, ममता बाई, आशु बाई, रेखा बाई आदि को अगवा कर अपने साथ ले गए हैं।
नगर के रावत पथ एवं फतेह मस्जिद के पास स्थित किन्नरों की हवेली हुई भीषण मारपीट से मोहल्ले में दहशत का माहौल है। बाहर से आए किन्नरों ने अंदर रखे गैस सिलेंडर को भी बाहर फेंक दिया था। सूचना मिलने पर रात्रि में ताबड़तोब खाचरोद सहित नागदा, भाट पचलाना का पुलिस दल पहुंचा ।
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धीरेंद्र शास्त्री और देवकीनंदन ठाकुर ने उठाई मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की मांग
भोपाल। टीटी नगर दशहरा मैदान पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा का शनिवार को समापन हो गया। आखिरी दिन श्री बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री कथा में पहुंचे। देवकीनंदन ठाकुर महाराज और पंडित धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री का मिलन हुआ। दोनों आध्यत्मिक गुरु ने देश को हिन्दू राष्ट्र बनाने की मांग को लेकर हुंकार भरी। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बीडी शर्मा ने दोनों गुरुओं को गदा भेंट की। भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग उठाई गई। साथ ही अयोध्या में श्री राम मंदिर के बाद भगवान अब मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की मांग उठाई गई।
व्यास पीठ से दोनों संतों ने मथुरा में कृष्ण जन्म भूमि पर मंदिर निर्माण की घोषणा करते हुए कहा कि जल्द ही एक आंदोलन की शुरुआत भोपाल से ही करेंगे। फिर से हिन्दू राष्ट्र बनाने की मांग दोहराई गई। इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संबोधित करते हुए कहा कि कथा में देवकीनंदन महाराज ने बेव सीरीज पर प्रतिबंध लगाने की बात कही है। जल्द ही प्रदेश में बेव सीरीज पर रोक लगाने का कदम उठाएंगे। कथा के समापन पर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष बीडी शर्मा, आयोजन समिति के अध्यक्ष भाजपा नेता राहुल कोठारी समेत अनेक लोग मौजूद रहे।
श्री बागेश्वर धाम के कथावाचक पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने संबोधन की शुरूआत करते हुए कहा कि मेरे भोपाल के पागलो, कैसे हो? फिर कहा कि भोपाल के लोग जोड़ने में माहिर हैं। कहा कि वक्ता को नहीं वक्तव्य को पकड़ें। शास्त्री जी ने हनुमान जी का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह से हनुमान जी की पूंछ में आग लगने के बाद उन्होंने अपना रूप छोटा कर लिया था, उसी तरह जीवन में जब भी संकट आए तो छोटे बन जाओ, संकट कट जाएगा।
देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने कहा कि मैं मथुरा से आया हूं। जब भी कृष्ण जन्मभूमि पर माथा टेकता हूं, तो मेरी नजर कहीं ओर टिक जाती है। मेरे कान्हा को आजाद कराने के लिए जल्द आंदोलन की शुरुआत करूंगा। पूरे राष्ट्र में आंदोलन चलेगा। वहीं देवकीनंदन ठाकुर महाराज बोले कि दिल्ली में भगवान राम की शोभायात्रा निकालने की अनुमति नहीं मिलती है। हमारे देश में भगवान की शोभायात्रा नहीं निकालेंगे तो पाकिस्तान में जाकर यात्रा निकालें। जब तक तुम लोग जातियों में बंटे रहोगे तो ऐसा ही होगा। जिस दिन आप सभी लोग एक हो जाएंगे। किसी भी हिम्मत नहीं कि हमें यात्रा निकालने से कोई रोक सके।
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किसानों को रुला रहा प्याज, मंडी में 2 रुपये किलो तो बाजार में 20 रुपये
खंडवा । खंडवा जिले में इस साल एक बार फिर प्याज ने किसानों को रोने पर मजबूर कर दिया है। खेतों में कड़ी मेहनत कर प्याज की उपज लेने वाले किसानों को मंडी में लागत मूल्य भी नहीं मिल पा रही है। व्यापारी दो से पांच रुपये किलो में किसानों का प्याज खरीद रहे हैं। बाजार में यही प्याज 20 से 25 रुपये किलो तक में बेचा जा रहा है। ऐसे में एक तरफ किसानों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं, ग्राहकों को भी महंगे दामों पर प्याज खरीदना पड़ रहा है। इधर व्यापारी तगड़ा मुनाफा कमा रहे हैं।
खंडवा जिले में प्याज की खेती का रकबा 40 हजार हेक्टेयर है। इस साल भी जिले में प्याज की पैदावार अच्छी हुई है लेकिन भाव कम मिलने से किसान मायूस नजर आ रहे हैं। शनिवार को मंडी में करीब सात सौ क्विंटल प्याज की आवक हुई। जिसकी नीलामी दो रुपये से पांच रुपये किलो तक हुई। जबकि बेहतर किस्म का प्याज सात रुपये किलो में बिका। कम भाव मिलने से किसान लागत मूल्य भी नहीं निकाल पा रहे हैं।
ग्राम काल्जाखेड़ी के किसान आकाश पटेल का कहना है कि आठ एकड़ में प्याज की फसल लगाई थी, जो पांच रुपये किलो में बेचना पड़ी। ग्राम सिल्टिया के किसान बंसीलाल कुशवाह ने बताया कि उन्होंने 10 एकड़ में प्याज लगाई है। मंडी में कम भाव होने के कारण खेत से प्याज नहीं उखाड़ी है। मजदूरी का खर्च उठाकर प्याज उखड़वाएंगे और प्याज बेचने पर उतनी राशि मंडी से नहीं मिल सकेगी।
विदित हो कि किसानों को प्याज लगाने पर एक एकड़ में 80 हजार रुपये तक की लागत लगती है लेकिन जब यही प्याज मंडी में बेचने जाते हैं तो कम भाव होने के कारण महज 50 से 60 हजार रुपये तक में बिकती है। ऐसे में किसान खेत से मंडी तक प्याज ले जाने का वाहन भाड़ा तक नहीं निकाल पा रहा है। मंडी में व्यापारी किसानों के प्याज को गुणवत्ताहीन बताकर दो रुपये किलो में खरीद रहे हैं। इसी प्याज से छंटनी करके अच्छा प्याज निकालकर आठ से दस रुपये किलो में फुटकर विक्रेताओं को बेच रहे हैं। फुटकर विक्रेता बाजार में यह प्याज 20 से 25 रुपये किलो में ग्राहकों को बेच रहे हैं।
भारतीय किसान संघ ने प्याज की फसल पर सात से आठ रुपये तक भावांतर की राशि देने की मांग की है। किसान संघ के उपाध्यक्ष सुभाष पटेल का कहना है कि प्याज के मामले में हमेशा किसान और उपभोक्ता नुकसान उठा रहा है। जिस प्रकार महाराष्ट्र सरकार किसानों को आठ से दस रुपये किलो का भावांतर प्याज पर दे रही है। उसी तरह की व्यवस्था मध्यप्रदेश सरकार द्वारा भी शुरू की जानी चाहिए। ताकि किसानों को आर्थिक नुकसान नहीं उठाना पड़े।
पिछले कुछ दिनों से रुक-रुक कर हो रही वर्षा के कारण खेतों में किसानों द्वारा लगाई गई प्याज की फसल को भी नुकसान पहुंचा है। पानी लगने से खराब प्याज मंडी में दो रुपये किलो तक में खरीदा जा रहा है। हालांकि अच्छे प्याज की कीमत छह से सात रुपये किलो तक है। यह भाव हर साल रहता है। - रामसेठ, जिलाध्यक्ष, फल-सब्जी विक्रेता संघ