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माडीफाई साइलेंसर बेचने वाले संचालकों पर एफआइआर, 26 माडीफाई साइलेंसर जब्त

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जबलपुर। वाहनों की असामान्य आवाज के खिलाफ पुलिस की जांच अभियान जारी है। गुरुवार को पुलिस ने माडीफाई साइलेंसर बेचने और बुलेट में उनका उपयोग करने वालो के खिलाफ कार्रवाई की। एसपी तुषारकांत विद्यार्थी ने बताया कि पुलिस टीम ने गोरखपुर शारदा टाकिज के पास स्थित बुलेट जोन में छापामार कार्रवाई की। इस दौरान वहां से 26 माडीफाई साइलेंसर जब्त किए गए। मामले में दुुकान संचालक रंजीत बग्गा के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया। वहीं ओमती थाने में भवानी आटो मोबाईल के संचालक कमल झामनानी और फैन्सी आटोमोबाईल के संचालक प्रियांश झाडे के खिलाफ भी मामला बनाया गया है। उन्होंने बताया कि भवानी ऑटो मोबाइल से पुलिस ने 56 और फैन्सी आटो मोबाइल से पांच माडीफाई साइलेंसर जब्त किए थे। उन्होंने बताया कि इन साइलेंसरों का उपयोग करने वाले 87 वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई कर उनसे 55 हजार रुपये समन शुल्क वसूला गया।
ट्रैफिक नियमों की दी जानकारी
जबलपुर।यातायात पुलिस ने गुरुवार को स्कूल-कालेजों में पहुंचकर विद्यार्थियों को यातायात नियमों की जानकारी दी। उन्होंने बच्चों से कहा कि आप स्वयं तो ट्रेफिक नियमों का पालन करें, वही स्वजन को भी इसके लिए प्रेरित करें। यदि आप ऐसा करते हैं, तो सड़क हादसों को कम किया जा सकता है। इतना ही नहीं जब भी आप कहीं जाए और लोगों से मिलें, तो उन्हें भी नियम पालन करनें के लिए कहें। पुलिस अधिकारियाें ने विभिन्न स्कूल कॉलेजों के छात्र छात्राओं को यातायात नियमों को लेकर जागरूक किया। सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत पुलिस अधिकारी और जवानों द्वारा स्कूल कालेजों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। गुरुवार को विभिन्न स्कूल कॉलेजों में छात्र छात्राओं को ट्रैफिक नियम पालन करने की शपथ भी दिलाई गई। वहीं विभिन्न तिराहे चौराहों पर पंपलेट्स भी बांटे गए। वहीं नियमों का उल्लंघन करने वाले 516 वाहन चालकों के खिलाफ चालानी कार्रवाई कर दो लाख छह हजार 900 रुपये समन शुल्क वसूला गया।
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अब ग्वालियर व्यापार मेले में लाइसेंस शर्तों का उल्लंघन अपराध नहीं
भोपाल । केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के दखल के बाद अब ग्वालियर व्यापार मेले में लाइसेंस शर्तों का उल्लंघन अपराध नहीं माना जाएगा। शर्तों का उल्लंघन करने पर केवल जुर्माना लगेगा।
राज्य सरकार ने 21 साल पहले बने ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण अधिनियम 1996 में संशोधन कर दिया है। पिछले विधानसभा सत्र में इसका विधेयक पारित किया गया था, जिसे राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है। जिससे यह एक संशोधित कानून के रुप में लागू हो गया है।
मेला क्षेत्र के भीतर कोई अप्राधिकृत निर्माण, मेला क्षेत्र के भीतर अप्राधिकृत रूप से किसी स्थान को शौचालय, मूत्रालय या कूड़ा जमा करने के रूप में उपयोग करना, मेला प्राधिकरण से लाइसेंस प्राप्त किए बिना मेला क्षेत्र के भीतर कोई वृत्ति, व्यापार या आजीविका करना या लाइसेंस की शर्तों को भंग करना अपराध नहीं माना जाएगा।
अगर कोई व्यक्ति यह कृत्य करता भी है तो इसके लिए केवल जुर्माना लगाया जाएगा। बता दें कि ग्वालियर व्यापार मेला मध्य प्रदेश के ग्वालियर में आयोजित किया जाने वाला उत्तर भारत में एक बड़ा व्यापार मेला है। इसकी शुरुआत 1905 में ग्वालियर के तत्कालीन राजा, महाराज माधवराव सिंधिया ने की थी। वर्तमान में यह एशिया का सबसे बड़ा व्यापार मेला माना जाता है।
ग्वालियर व्यापार मेला में लाइसेंस शर्तों का उल्लंघन करने का दोष सिद्ध होने पर प्रकरण न्यायालय तक जाता था, इसलिए संशोधित कानून में अपराध शब्द हटा दिया गया है। अब केवल जुर्माने का प्रविधान रहेगा, जिसकी राशि पूर्ववत रखी गई है। यह जुर्माना प्राधिकरण सीधे लगा सकेगा। जुर्माना अधिकतम पांच हजार रुपये तक का होगा। वहीं दोषसिद्ध होने की तारीख से अपराध निरंतर करने पर प्रत्येक दिन के लिए सौ रुपये जुर्माना किया जाएगा।
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प्रदेश में नर्सिंग परीक्षाओं पर रोक रहेगी बरकरार
ग्वालियर। नर्सिंग परीक्षाओं को लेकर शुक्रवार को ग्वालियर हाइकोर्ट की खंडपीठ में अहम सुनवाई हुई। नर्सिंग कालेजों की जांच सीबीआइ को सौंपी गई। सीबीआइ अब प्रदेश के 375 नर्सिंग कालेजों की जांच करेगी। इस दौरान सीबीआइ ने पूर्व में जारी जांच रिपोर्ट भी प्रस्तुत की। इसके अलावा हाईकोर्ट ने सीबीआइ को 2020 से कालेजों के मापदंडों की जांच करने का आदेश दिया।
24 कालेजों की जांच में छह कालेजों में अनियमिताएं पाई गईं। मापदंडों पर वे सही नहीं पाए गए। वहीं पांच में भी कुछ न कुछ अनियमितताएं मिलीं। हाई कोर्ट के निर्देश पर मध्य प्रदेश नर्सेज रजिस्ट्रेशन काउंसिल को भी पक्षकार बनाया गया। अगली सुनवाई 12 मई को होगी। ज्ञात हो 27 फरवरी 2023 को हाईकोर्ट ने नर्सिंग परीक्षाओं पर रोक लगाई थी। बीएससी नर्सिंग, बीएससी पोस्ट बेसिक और एमएससी नर्सिंग की परीक्षा पर रोक लगाई गई थी। मेडिकल यूनिवर्सिटी ने दो नोटिफिकेशन जारी कर सत्र 2019-21 के छात्रों को परीक्षा की अनुमति दी थी।
दरअसल दिलीप कुमार शर्मा ने पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग प्रथम वर्ष व बीएससी नर्सिंग प्रथम वर्ष की परीक्षा को लेकर जनहित याचिका दायर की। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि मध्य प्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी जबलपुर ने जुलाई 2022 से जनवरी 2023 के बीच कालेजों को संबद्धता दी। संबद्धता के बाद 11 से 18 फरवरी 2023 के बीच विद्यार्थियों का नामांकन किया गया। 28 फरवरी 2023 से परीक्षाओं की तारीख घोषित कर दी। परीक्षाएं सत्र 2020-21 की कराई जा रही हैं। जिनकी परीक्षा कराई जा रही है, उन्होंने चार साल पहले प्रवेश लिया था। बैक डेट में संबंद्धता दी गई है। विद्यार्थी भी सत्यापित नहीं है। हाई कोर्ट ने परीक्षा पर रोक लगा दी है, जिस प शासन रोक हटवाना चाहता है, लेकिन कोर्ट ने स्पष्ट मना कर दिया है। महाधिवक्ता ने 375 कालेजों की सूची दी थी, जिसमें कालेजों को सही बताया है। उनका पहले सत्यापन किया जाएगा। उन्हीं विद्यार्थियों को ही इजाजत मिल सकती है, जो वास्तविक हैं।
इस फारमेट में दी जानकारी
- प्रदेश के किस जिले में कितने नर्सिंग कालेज संचालित हैं।
- सीबीआइ ने जिन 24 कालेज का निरीक्षण किया है, वह 375 कालेज की लिस्ट में शामिल हैं।
- संबद्धता के लिए क्या-क्या दस्तावेज लगाए गए हैं।
- निरीक्षण कब किया गया है। उसकी तारीख। कौन-कौन से दस्तावेज प्रस्तुत किए गए। निरीक्षण किसने किया।
- कालेज को परमीशन किसने दी।
- संबद्धता की कितनी शर्तों का पालन कर रहे हैं।