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दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश, आदिवासियों के प्रदर्शन में हिंसा भड़की थी, सेना तैनात

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इंफाल। मणिपुर में सरकार ने हिंसा करने वाले दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए हैं। इससे पहले हिंसाग्रस्त इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई थी। राज्य में अगले 5 दिनों के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। दरअसल, बुधवार को आदिवासियों के प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई। इसके बाद 8 जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया। आर्मी और असम राइफल्स की 55 टुकड़ियों को तैनात किया गया है। 9000 लोगों को राहत कैंपों में शिफ्ट किया गया है।
गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से फोन पर बात कर हालात की जानकारी ली। बीरेन सिंह ने आज सुबह एक वीडियो मैसेज जारी कर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।
वहीं, केंद्र ने पूर्वोत्तर राज्य के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में तैनाती के लिए RAF की टीमों को भी भेजा है। सूत्रों के मुताबिक RAF की पांच कंपनियों को इंफाल एयरलिफ्ट किया गया है, जबकि अन्य 15 जनरल ड्यूटी कंपनियों को राज्य में तैनाती के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
ऑल इंडिया ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन ने बुधवार को ट्राइबल सॉलिडेटरी मार्च बुलाया था। इसी दौरान आदिवासी और गैर-आदिवासी समुदायों में झड़प हो गई। आदिवासी समुदाय उस मांग का विरोध कर रहा था, जिसमें डिमांड की जा रही है कि गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को शेड्यूल ट्राइब (ST) का दर्जा दिया जाए।
मणिपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि मैतेई समुदाय की डिमांड पर विचार करे और 4 महीने के भीतर केंद्र को रिकमेंडेशन भेजे। इसी आदेश के बाद आदिवासी और गैर-आदिवासियों के बीच हिंसा शुरू हो गई।
​महिला बॉक्सिंग में भारत के लिए ओलिंपिक का ब्रॉन्ज जीतने वाली मैरीकॉम ने हिंसा की कुछ फोटोज सोशल मीडिया पर शेयर कीं। हालांकि उन्होंने यह जिक्र नहीं किया कि ये तस्वीरें कब की और कहां की हैं। उन्होंने लिखा- मेरा राज्य जल रहा है। मैरीकॉम ने कहा कि हालात बहुत खराब हैं। दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिंसा में कुछ लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया।
पुलिस ने बताया कि आदिवासियों के मार्च में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। इसी दौरान आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच हिंसा भड़क उठी। हालात को कंट्रोल करने के लिए पुलिस ने कई राउंड आंसू गैस के गोले भी दागे, लेकिन हिंसा नहीं रुकी। इसके बाद सेना और असम राइफल्स को बुलाया गया। राज्य के इम्फाल पश्चिम, कैकचिंग थोऊबल, जिरिबाम, बिश्नुपुर, चूड़ाचंदपुर, कांगपोकपी और तेनग्नोउपाल में कर्फ्यू लागू किया गया है।
मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कहा कि हिंसा की वजह दो समुदायों के बीच गलतफहमियां हैं। लंबे समय से चली आ रही शिकायतों को सही तरीके से लोगों की सलाह के जरिए हल कर लिया जाएगा। शांति बनाए रखें।
बता दें कि मैतेई एक गैर-आदिवासी समुदाय है। यह मणिपुर की आबादी का 53% हिस्सा है। मुख्य रूप से इस समुदाय के लोग मणिपुर घाटी में रहते हैं। ये पिछले 10 साल से अपने समुदाय को ST स्टेटस दिए जाने की मांग कर रहे हैं।
इनका कहना है कि म्यांमार और बांग्लादेश के लोग बड़े पैमाने पर राज्य में दाखिल हो गए हैं और उसके चलते इन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मौजूदा कानून के अनुसार मैतेई समुदाय को राज्य के पहाड़ी इलाकों में बसने की इजाजत नहीं है।
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लश्कर के दो आतंकी ढेर:AK-47 और गोला बारूद बरामद
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के बारामूला में वनिगम पायीन क्रेरी इलाके में सुरक्षा बलों ने गुरुवार को 2 आतंकवादियों को ढेर कर दिया। आज तड़के इलाके में आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी। इसके बाद वहां सर्च ऑपरेशन चलाया गया। आतंकियों ने फायरिंग की, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। पूरे इलाके को सील कर दिया गया है।
कश्मीर जोन पुलिस ने ट्वीट कर बताया कि यह पुलिस और सेना का जॉइंट ऑपरेशन था। जिसे 29RR, सेंट्रल रिजर्व पुलिस और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मिलकर चलाया। आतंकियों के पास से 1 AK-47, 1 पिस्टल और गोला बारूद बरामद किया गया है।
ADGP कश्मीर विजय कुमार ने बताया कि मारे गए दोनों आतंकवादी स्थानीय थे। उनकी पहचान शोपियां जिले के शाकिर मजीद नजर और हनान अहमद सेह के रूप में हुई है। उनका प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर से संबंध था। दोनों ने मार्च 2023 में इस संगठन को जॉइन किया था।
बुधवार को ही जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना ने एक जॉइंट ऑपरेशन के दौरान माछिल सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश को नाकाम किया था। इस ऑपरेशन में भी दो आतंकवादियों को ढेर किया गया था। आतंकियों ने नियंत्रण रेखा के पास से घुसपैठ की कोशिश की थी।
दो हफ्ते पहले ही आतंकवादियों ने पुंछ में सेना के काफिले को निशाना बनाकर हमला किया था जिसमें 5 जवान शहीद हो गए थे। आतंकी हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने ली थी। उसने इसके बाद फिर से हमला करने की धमकी भी दी थी। PAFF जैश-ए-मोहम्मद का समर्थित संगठन है। अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद PAFF जैश के प्रॉक्सी आउटफिट के तौर पर उभरा था।
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गैंगस्टर दुजाना एनकाउंटर में मारा गया,18 मर्डर समेत 62 केस दर्ज थे
मेरठ। यूपी STF ने मेरठ में गुरुवार को गैंगस्टर अनिल दुजाना (36) को एनकाउंटर में मार गिराया। वह नोएडा के बादलपुर थाना क्षेत्र के दुजाना गांव का रहने वाला था। 3 साल से अयोध्या जेल में बंद था। कुछ समय पहले ही जमानत पर छूटा था। इसके बाद से फरार चल रहा था।
दुजाना के खिलाफ 18 मर्डर समेत 62 से ज्यादा केस दर्ज थे। वह गिरोह बनाकर हत्या और लूट की वारदात करता था। यूपी STF पिछले 6 साल में दुजाना समेत 184 एनकाउंटर कर चुकी है।
मुठभेड़ के समय अनिल दुजाना सफेद रंग की स्कॉर्पियो में था। बताया जा रहा है कि वह बागपत अपनी ससुराल जा रहा था। तभी मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ ने उसे जानी भोला की झाल के पास घेर लिया। इसके बाद उसने एसटीएफ टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग में वह मारा गया। एनकाउंटर के बाद फोरेंसिक की टीम ने जब उसकी गाड़ी की चेकिंग की उसमें से कई हथियार मिले हैं।
दुजाना का आतंक पश्चिमी यूपी के अलावा दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा में भी था। उस पर बुलंदशहर पुलिस ने 25 हजार और नोएडा पुलिस ने 50 हजार का इनाम रखा था।
उस पर साल 2002 में पहला मामला गाजियाबाद के कविनगर थाने में हत्या का दर्ज हुआ था। उस पर गाजियाबाद के हरबीर पहलवान की हत्या का आरोप था। 2011 में नोएडा के एक मामले में उसे 3 साल की सजा सुनाई गई थी।
जेल से बाहर आते ही दुजाना ने जयचंद प्रधान हत्याकांड में उसकी पत्नी और गवाह संगीता को धमकी दी थी। इसके बाद पुलिस ने उसके खिलाफ पिछले हफ्ते 2 मुकदमे दर्ज किए थे। नोएडा पुलिस और यूपी STF अनिल दुजाना की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही थी।
पिछले दिनों 7 टीमों ने 20 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की थी। लेकिन, दुजाना हाथ नहीं लगा। क्राइम ब्रांच का दावा है कि दुजाना मंडावली के एक बिजनेसमैन की हत्या के इरादे से घूम रहा था। वहीं, पुराने केस में पेश नहीं होने से दुजाना के खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट भी जारी किया था।
पश्चिमी यूपी में गैंगवॉर की शुरुआत महेंद्र फौजी और सतबीर गुर्जर गैंग के जमाने में हुई। इसके बाद सुंदर भाटी और नरेश भाटी गैंग के बीच गैगवॉर होने लगी। दोनों सतबीर गुर्जर के गुर्गे थे। सुंदर भाटी ने 2004 में जिला पंचायत अध्यक्ष बन चुके नरेश भाटी की हत्या कर दी। इसके बाद नरेश भाटी के भाई रणदीप और भांजे अमित कसाना ने बदला लेने की ठानी।
इस काम में उन्होंने दुजाना को भी शामिल किया। साहिबाबाद स्थित भोपुरा में नवंबर, 2011 को सुंदर भाटी के साले की शादी थी। वहां पहुंचकर रणदीप, अनिल दुजाना और कसाना ने एक-47 से फायरिंग की। इसमें तीन लोग मारे गए, लेकिन सुंदर भाटी बच निकला था। तब से वह पश्चिमी यूपी में चर्चा में आ गया था।
अनिल दुजाना तिहरे हत्याकांड में जनवरी, 2012 में पकड़ा गया। इसी बीच सुंदर भाटी गैंग ने जनवरी, 2014 में उसके घर पर हमला किया। फायरिंग में दुजाना के भाई जय भगवान की मौत हो गई। पिता ने सुंदर भाटी समेत 8 लोगों को नामजद कराया था। इसके बाद दुजाना गैंग ने सुंदर के गुर्गे राहुल का मर्डर कर दिया था।
दुजाना के गुर्गों ने जनवरी, 2019 को दिल्ली के नंदनगरी के कारोबारी से 50 लाख की रंगदारी मांगी थी। वह 9 साल बाद जनवरी, 2021 में जमानत पर बाहर आया था। फरवरी 2021 में उसने बागपत की पूजा से शादी कर ली।
16 अक्टूबर, 2021 में सिकंदराबाद के एक कारोबारी से एक करोड़ की रंगदारी मांगी। साथ ही खेड़ी गांव के प्रधान जयचंद हत्याकांड में गवाह उनकी पत्नी को भी धमकाया। इन दोनों केसों में वह वॉन्टेड चल रहा था।