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6 लोगों की गोली मारकर हत्या, सभी मृतक एक ही परिवार के

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मुरैना। मुरैना के लेपा भिड़ोसा गांव में एक परिवार के 6 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने बताया कि गांव के 2 परिवारों के बीच पिछले 10 साल से रंजिश चल रही है। इसके चलते ही शुक्रवार को एक परिवार ने दूसरे परिवार पर फायरिंग कर दी। 3 पुरुष और 3 महिलाएं मारी गई हैं, सभी एक ही परिवार के हैं। 3 लोग घायल हैं। इसी गांव के रविंद्र सिंह कांग्रेस विधायक हैं।
मुुरैना में हुए हत्याकांड का वीडियो सामने आया है। इसमें हमलावर लोगों को लाठियों से पीट रहे हैं। कुछ लोग बंदूक और लाठियां लेकर सड़क पर खड़े हैं। इसी बीच एक युवक आता है और एक के बाद एक 9 लोगों को गोली मार देता है।
गोली लगने के बाद सभी लोग जमीन पर पड़े दिख रहे हैं। घटनास्थल पर बच्चे भी थे, जिन्हें एक महिला ने आवाज लगाकर घरों के अंदर बुला लिया। इस महिला की आवाज भी वीडियो में आ रही है। वारदात के बाद आरोपी मौके से भाग गए।
फायरिंग में लेस कुमारी पत्नी वीरेंद सिंह, बबली पत्नी नरेंद्र सिंह तोमर, मधु कुमारी पत्नी सुनील तोमर, गजेंद्र सिंह पुत्र बदलू सिंह, सत्यप्रकाश पुत्र गजेंद्र सिंह व संजू पुत्र गजेंद्र सिंह है। घायलों में विनोद सिंह पु.सुरेश सिंह तोमर और वीरेंद्र पुत्र गजेंद्र सिंह हैं।
लेपा गांव के गजेंद्र सिंह तोमर और धीर सिंह तोमर के बीच जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। 2013 में गजेंद्र सिंह तोमर के परिवार वालों पर धीर सिंह तोमर के परिवार के दो लोगों को मारने का आरोप है। इसी मामले में केस चल रहा है। गजेंद्र सिंह ने 6 लाख रुपए मुआवजा भी दे दिया था, लेकिन पैसे लेने के बाद भी धीर सिंह के परिवार ने मुकदमा वापस नहीं लिया। गजेंद्र सिंह का परिवार इनके डर से मुरैना में रहता था।
गजेंद्र सिंह तोमर के बेटे राकेश सिंह तोमर ने बताया कि शुक्रवार की सुबह हमारा परिवार मुरैना से गांव पहुंचा। धीर सिंह का परिवार छप्पर पर बैठा हुआ था। हमारी गाड़ी रुकते ही सभी लोग दौड़कर आए और लाठियों और बंदूक से हमला कर दिया। इस बीच गोलियां चलाना शुरू कर दीं। हमारे तरफ के 6 लोगों को गोली लगी है, इनमें 3 महिलाएं भी शामिल हैं। वीडियो में जो गोलियां चला रहा है, उसका नाम अजीत है। इसके साथ ही मोनू, बलराम, गौरव सिंह ने भी फायरिंग की है।
इस गोलीबारी में कुसुमा तोमर ने अपने पति, बेटे और तीन बहुओं को खोया है। उन्होंने बताया कि सरकारी स्कूल की जमीन को लेकर 2013 में परिवार के अन्य लोगों से विवाद हुआ था। हमारा उससे कोई लेना देना नहीं था। इसके बाद भी हमारे परिवार के सदस्यों के नाम लिखा दिए। जेल में राजीनामा हुआ। हमने आरोपियों को 6 लाख रुपए हर्जाने के तौर पर दिए थे। हमारा मकान भी उन्होंने अपने नाम पर लिखा लिया। हम आज ही गाड़ी से आए थे। सुबह दूसरे के घर पर उतरे। उनका घर दूसरी ओर है। हमारे उतरने के बाद उन्होंने मारपीट शुरू कर दी। उनके लड़के गोली चलाने लगे। गोलीबारी के बाद करीब दो घंटे तक पुलिस मौके पर नहीं आई।
लेपा गांव के पास ही भिड़ोसा गांव है। डकैत पान सिंह तोमर भिड़ोसा गांव का ही था, जिसके ऊपर फिल्म भी बन चुकी है। पान सिंह तोमर का विवाद भी जमीन को लेकर गांव के लोगों के साथ हुआ था और वह डकैत बना था। खास बात यह है कि दोनों ही गांवों को जोड़कर लेपा-भिड़ोसा के नाम से जाना जाता है।
मुरैना गोलीकांड को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार पर हमला किया है। उन्होंने मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हुए ट्वीट किया, 'यह घटना प्रदेश की कानून व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती है। एक के बाद एक ऐसी वारदात हो रही हैं, लेकिन सरकार स्थिति पर नियंत्रण नहीं कर पा रही है। मैं मुख्यमंत्री से निवेदन करता हूं कि इस विषय में कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाए और सुरक्षा की ऐसी व्यवस्था की जाए कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।'
न लोगों की हुई मौत
-संजीव तोमर पिता गजेंद्र सिंह तोमर (40)
-सत्यप्रकाश तोमर पिता गजेंद्र सिंह तोमर (35)
-गजेंद्र पिता बदलू तोमर (55)
-बबली पति नरेंद्र सिंह तोमर (36)
-केश कुमारी पति वीरेंद्र सिंह तोमर (46)
-मधु पत्नी सुनील सिंह तोमर (30)
ये लोग हुए गंभीर घायल
-वीरेंद्र पुत्र गजेंद्र सिंह तोमर (55)
-विनोद पुत्र सुरेश सिंह तोमर (35) दोनों ग्वालियर रेफर
-नरेंद्र पिता गजेंद्र सिंह (40)
लेपा गांव के हत्याकांड में शामिल दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। शेष छह आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए उनके नाते-रिश्तेदारी सहित संभावित जगहों पर दबिश दी जा रही है।
-सुशांत सक्सेना, आईजी चंबल रेंज

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डिस्पोजल कंपनी में लगी आग, 2 की मौत, 2 झुलसे, जेसीबी से दीवार तोड़कर मजदूरों को निकाला
देवास। देवास की डिस्पोजल कंपनी में भीषण आग लग गई। दम घुटने से 2 मजदूरों की मौत हो गई, जबकि 2 झुलस गए हैं। हादसा शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे औद्योगिक क्षेत्र स्थित आराध्या डिस्पोजल प्राइवेट कंपनी में हुआ है। जेसीबी से दीवार तोड़कर मजदूरों को निकाला गया। 7 दमकलों ने दोपहर 2 बजे आग पर काबू पाया। बताया जा रहा कि शॉर्ट सर्किट के चलते आग लगी है, हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है।
मजदूर नाइट ड्यूटी से लौटकर सो रहे थे। इसी दौरान आग लगी। इसमें सोनू चौधरी पिता रमेश (24) और पप्पू परमार (30) की मौत हो गई। जबकि आग की चपेट में आए इनके दो साथी महेश वर्मा और बहादुर को अस्पताल में भर्ती कराया गया। दोनों को इंदौर रेफर कर दिया है। ये चारों श्रमिक पान खेड़ी के रहने वाले हैं।
हादसे में झुलसे युवक ने बताया कि हम चारों पानखेड़ी गांव के निवासी हैं। गुरुवार रात हमारी नाइट ड्यूटी थी। इसके बाद सुबह लौटे तो सो गए। करीब 11 बजे अचानक आग की तपन से जागे। हम चारों तरफ धुएं से घिरे थे। हमारे 2 साथियों में कोई हलचल नहीं दिखाई दी। जबकि एक साथी बेहोशी की स्थिति में था। कुछ देर बाद मैं भी बेहोश गया।
देवास नगर निगम के फायर डिपार्टमेंट के अनुभव चंदेल ने बताया कि शुक्रवार सुबह 11 बजे लगी आग 5 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया है। आग बुझाने में दमकल की गाड़ियों समेत 30 टैंकर जुटे रहे। अभी 3 दमकल की गाड़ियां मौके पर है। फिलहाल नुकसान का आकलन नहीं हो पाया है।
पानखेड़ी गांव के दो युवकों की मौत की सूचना पर अस्पताल पहुंचे युवक दिलीप सिंह पवार ने बताया कि इस फैक्ट्री में डिस्पोजल बनते हैं। मेरे गांव के गोरधन उर्फ सोनू और पप्पू की मौत हो गई। ये दोनों अविवाहित थे, लेकिन परिवार को पालने की जिम्मेदारी इनके ही कंधों पर थी। चारों लड़के करीब 8 साल से कंपनी में काम कर रहे थे। इनसे 12 घंटे ड्यूटी कराई जाती थी। हमारा कंपनी के मालिक से कहना है कि इनके परिवार को आर्थिक सहायता दें। इस फैक्ट्री में करीब 10 साल से हमारे गांव के 25 से 30 युवक काम करने आते रहे हैं। ये 24 घंटे कंपनी में ही रहते थे।
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एक दिन पहले खरीदी थी पुरानी कार, रिवर्स करते समय कुएं में गिरी, पिता-पुत्री की मौत
उज्‍जैन। एक दिन पहले पुरानी कार खरीदी और खेत पर बने मकान के यहां उसे चलाने की कोशिश की। इसी दौरान कार 30 फीट गहरे कुएं में जा गिरी। हादसे में कार में सवार पिता व पुत्री की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, बेटे व भानजी की हालत गंभीर होने पर रतलाम रेफर किया गया है।
बताया जा रहा है कि मृतक को कार चलाना नहीं आता था। वह कार में बैठकर गियर बदल रहा था तभी कार रिवर्स होकर कुएं में जा गिरी। नगर के उज्जैन दरवाजा बड़नगर रोड स्थित उड़ान पब्लिक स्कूल के समीपस्थ धाकड़ परिवार में शुक्रवार को मातम छा गया।
पुलिस के अनुसार कन्हैयालाल उर्फ पवनपुत्र राजाराम संगीतला ने एक दिन पूर्व पुरानी कार खरीदी थी। शुक्रवार को वह उज्जैन दरवाजा बड़नगर रोड स्थित उड़ान पब्लिक स्कूल के समीपस्थ बने मकान पर था। सुबह 10.45 बजे वह कार में चला रहा था।
कार में 11 वर्षीय पुत्र योगेश, 8 वर्षीय पुत्री लक्ष्मी उर्फ लाली एवं 16 वर्षीय भानजी हेमा उर्फ शिवानी पुत्री दिनेश वरवनिया बैठे हुए थे। अचानक रिवर्स गियर लगने से कार 30 फीट गहरे कुएं में जा गिरी। तेज आवाज सुनकर घर पर काम कर रही कन्हैयालाल की पत्नी व अन्य परिजन बाहर आए तो उनके होश उड़ गए।
आत्माराम बैरागी, रजनीश संगीतला एवं बंटी मेहता कुएं में उतरे और सभी को खाट पर बांधकर रस्सी से खींचकर ऊपर लाए। हादसे में कन्हैयालाल एवं लक्ष्मी की मौके पर ही मौत हो गई थी। वहीं, योगेंद्र एवं हेमा को शासकीय अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद रतलाम रेफर कर दिया। जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
इधर हादसे की जानकारी लगने के बाद एसडीएम पुरुषोत्तम कुमार, एसडीओपी पुष्पा प्रजापति, थाना प्रभारी रविंद्र यादव, तहसीलदार अर्पित मेहता सहित पूरा प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा।
कन्हैयालाल ने एक दिन पहले ही लाल कलर की अल्टो कार खरीद थी। इस कारण घर में खुशी का माहौल था। वह अपने परिवार वालों को घुमाने के लिए लेकर आए थे। शुक्रवार को हुए इस हादसे ने खुशियों को मातम में बदल दिया।
कन्हैयालाल को पूरी तरह से कार चलाना नहीं आता था। अपने बच्चों सहित भानेज को कार में बैठाकर कार को आगे पीछे कर रहे थे। कार पीछे करने के दौरान कार अनियंत्रित होकर कुएं में जा गिरी।
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जिला-जनपद पंचायतों को छूट, 15 लाख से अधिक के निर्माण कार्य भी कर सकेंगी स्वीकृत
भोपाल । चुनावी वर्ष में शिवराज सरकार ने जिला जनपद और ग्राम पंचायतों को निर्माण कार्य कराने के लिए अधिकतम राशि के बंधन से छूट देने का निर्णय लिया है। जिला और जनपद पंचायतों के अध्यक्षों द्वारा इसकी मांग की जा रही थी।
पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ हुई बैठक में अधिकतम राशि की स्वीकृति की सीमा को समाप्त करने पर सहमति बनी थी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने अब ये आदेश जारी कर दिया है। अभी जिला पंचायत 15 लाख और जनपद पंचायत दस लाख रुपये तक के निर्माण कार्यों की स्वीकृति देने के ही अधिकार थे।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत प्राप्त होने वाली राशि से जिला और जनपद पंचायतें निश्चित राशि के कार्य की स्वीकृत कर पाती थीं। जबकि, स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार लागत अलग-अलग होती थी। इससे कार्य भी प्रभावित हो रहे थे।
जिला और जनपद पंचायत के अध्यक्षों ने सरकार से वास्तविक लागत के अनुसार कार्यों की स्वीकृति देने का अधिकार मांगा था। विभागीय मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जिला और जनपद पंचायत के अध्यक्षों की बैठक में इस पर सहमति बनी थी।
मुख्यमंत्री की सहमति मिलने के बाद संचालक सह आयुक्त पंचायत राज अमरपाल सिंह ने सभी कलेक्टर और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जिला और जनपद पंचायतों द्वारा कार्यों को वास्तविक लागत के अनुसार कार्ययोजना में सम्मिलित कर स्वीकृत किया जा सकेगा।