नई दिल्ली। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बनी ये बिल्डिंग प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसका निर्माण जनवरी 2021 में शुरू हुआ था और इसे 28 महीने में बना लिया गया।
28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद की नई बिल्डिंग का उद्घाटन करेंगे। राहुल गांधी ने इसका विरोध किया है। राहुल ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा- संसद के नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ही कराना चाहिए, प्रधानमंत्री को नहीं।
उधर, तमाम विपक्षी दल और कांग्रेस ने नई बिल्डिंग के इनॉगरेशन की तारीख पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने कहा- 28 मई को हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर की जयंती है, ऐसे में इसी दिन नए संसद भवन का उद्घाटन करना राष्ट्र निर्माताओं का अपमान है।
862 करोड़ रुपए में बने नए संसद भवन का काम पूरा हो गया है। प्रधानमंत्री ने 10 दिसंबर 2020 को इसकी आधारशिला रखी थी। नए संसद भवन का निर्माण 15 जनवरी 2021 को शुरू हुआ था। इस बिल्डिंग को पिछले साल नवंबर में पूरा हो जाना था। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बनी ये बिल्डिंग प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसे 28 महीने में बनाया गया।
पुराना संसद भवन 47 हजार 500 वर्गमीटर में है, जबकि नई बिल्डिंग 64 हजार 500 वर्ग मीटर में बनाई गई है। यानी पुराने से नया भवन 17 हजार वर्ग मीटर बड़ा है। नया संसद भवन 4 मंजिला है। इसमें 3 दरवाजे हैं, इन्हें ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार नाम दिया गया है। सांसदों और VIPs के लिए अलग एंट्री है। इस पर भूकंप का असर नहीं होगा। इसका डिजाइन HCP डिजाइन, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने तैयार किया है। इसके आर्किटेक्ट बिमल पटेल हैं।
मौजूदा संसद भवन को 96 साल पहले 1927 में बनाया गया था। मार्च 2020 में सरकार ने संसद को बताया था कि पुरानी बिल्डिंग ओवर यूटिलाइज्ड हो चुकी है और खराब हो रही है। इसके साथ ही लोकसभा सीटों के नए सिरे से परिसीमन के बाद जो सीटें बढ़ेंगीं, उनके सांसदों के बैठने के लिए पुरानी बिल्डिंग में पर्याप्त जगह नहीं है। इसी वजह से नई बिल्डिंग बनाई जा रही है।
खासियत-अभी लोकसभा में 590 लोगों की सीटिंग कैपेसिटी है। नई लोकसभा में 888 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने का इंतजाम है।
अभी राज्यसभा में 280 की सीटिंग कैपेसिटी है। नई राज्यसभा में 384 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोग बैठ सकेंगे।
लोकसभा में इतनी जगह होगी कि दोनों सदनों के जॉइंट सेशन के वक्त लोकसभा में ही 1272 से ज्यादा सांसद साथ बैठ सकेंगे।
संसद के हर अहम कामकाज के लिए अलग-अलग ऑफिस हैं। ऑफिसर्स और कर्मचारियों के लिए भी हाईटेक ऑफिस की सुविधा है।
कैफे और डाइनिंग एरिया भी हाईटेक है। कमेटी मीटिंग के अलग-अलग कमरों में हाईटेक इक्विपमेंट लगाए गए हैं।
कॉमन रूम्स, महिलाओं के लिए लाउंज और VIP लाउंज की भी व्यवस्था है।
नए संसद भवन में भारत की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत से प्रेरित वास्तुशिल्प एलिमेंट्स लगाए गए हैं।
नए संसद भवन में भारत की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत से प्रेरित वास्तुशिल्प एलिमेंट्स लगाए गए हैं।
संविधान हॉल में संविधान की कॉपी रखी जाएगी
नई बिल्डिंग की सबसे बड़ी विशेषता संविधान हॉल है। कहा जा रहा है कि इस हॉल में संविधान की कॉपी रखी जाएगी। इसके अलावा महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाषचंद्र बोस, देश के प्रधानमंत्रियों की बड़ी तस्वीरें भी लगाई गई हैं।
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केजरीवाल को नीतीश का साथ:केजरीवाल बोले- विपक्ष साथ दे, 2024 में भाजपा खत्म हो जाएगी; ममता, पवार-उद्धव से मिलेंगे
नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को एक बार फिर दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल से मिले। एक महीने में दोनों मुख्यमंत्रियों की यह दूसरी मुलाकात है। इससे पहले 12 अप्रैल को दोनों मिले थे। नीतीश के साथ बिहार के डिप्टी CM और RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी भी थे।
नीतीश ने अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर केंद्र के अध्यादेश को संविधान के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा- एक चुनी हुई सरकार को दी गई शक्तियां कैसे छीनी जा सकती हैं? यह संविधान के खिलाफ है। हम अरविंद केजरीवाल के साथ खड़े हैं। हम देश के सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं।
केजरीवाल ने कहा- केंद्र सरकार इस अध्यादेश को कानून बनाने के लिए राज्यसभा में लाती है तो विपक्ष हमारा साथ दे। विपक्ष एक साथ होगा तो 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा खत्म हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि इस अध्यादेश के विरोध में वे देशभर की विपक्षी पार्टियों से मिलकर समर्थन मांगेंगे। 23 मई को वे कोलकाता में ममता बनर्जी से मिलेंगे। 24 मई को मुंबई में उद्धव ठाकरे और 25 मई को मुंबई में ही शरद पवार से मिलेंगे। इसके बाद वे अन्य विपक्षी दलों से सिलसिलेवार मुलाकात करेंगे। नीतीश और केजरीवाल के साथ तेजस्वी यादव और संजय सिंह भी मौजूद थे।
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सर्वखाप महापंचायत :23 मई को इंडिया गेट पर कैंडल मार्च, 28 को नए संसद भवन में महिला महापंचायत
रोहतक। भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष और BJP सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ दिल्ली में धरने पर बैठे पहलवानों के हक में रविवार को हरियाणा में सर्वखाप महापंचायत हुई। रोहतक में महम चौबीसी के ऐतिहासिक चबूतरे पर हुई इस महापंचायत में हरियाणा और यूपी के अलावा अन्य राज्यों के खाप प्रतिनिधि भी पहुंचे। महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत के अलावा धरने पर बैठे पहलवान भी शामिल हुए।
सुबह 11 बजे शुरू हुई महापंचायत शाम 4 बजे तक चली। इसमें सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि पहलवानों के समर्थन में 23 मई को दिल्ली में कैंडल मार्च निकाला जाएगा। इंडिया गेट पर शाम पांच बजे निकाले जाने वाले इस कैंडल मार्च में देशभर के लोग पहुंचेंगे। 28 मई को नए संसद भवन में खापों की महिला महापंचायत होगी जिसमें देशभर से महिलाओं के अलावा खाप और किसान नेता भी पहुंचेंगी। ये महिला महापंचायत पहलवानों के साथ मिलकर जो भी फैसला लेगी, वह सभी खापों को मंजूर होगा और फैसले के 5 घंटे के अंदर सभी खापों के ज्यादा से ज्यादा लोग दिल्ली पहुंच जाएंगे।
रविवार की सर्वखाप महापंचायत में WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह का नार्को टेस्ट कराने की डिमांड भी की गई ताकि लोगों का भ्रम दूर और उसकी गिरफ्तारी की जा सके।
इससे पहले जंतर-मंतर से रोहतक में सर्वखाप महापंचायत में पहुंची रेसलर साक्षी मलिक ने सभी खापों से हाथ जोड़कर कहा कि ये उनकी इज्जत की लड़ाई है। अगर इसमें वह गलत पाए जाते हैं तो उन्हें जो मर्जी सजा दे दी जाए।
खर्वखाप महापंचायत में हरियाणा के राज्यमंत्री संदीप सिंह का भी मुद्दा उठा जिसके खिलाफ जूनियर महिला कोच ने सेक्सुअल हैरासमेंट का केस दर्ज करवा रखा है।
गौरतलब है कि खाप पंचायतों ने 7 मई को जंतर-मंतर पर मीटिंग करके केंद्र सरकार को बृजभूषण सिंह पर कार्रवाई के लिए 20 मई तक का वक्त दिया था। यह समय पूरा हो जाने के बावजूद केंद्र सरकार या दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण पर कोई एक्शन नहीं लिया। इसके बाद ही रोहतक के महम चौबीसी चबूतरे पर रविवार को सर्वखाप महापंचायत बुलाई गई।