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अधिवक्ता से मारपीट मामले में पूर्व जनपद अध्यक्ष को 6 साल की सजा, 7-7हजार का ठोका जुर्माना

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छिंदवाड़ा। अधिवक्ता से मारपीट करने के आरोप में छिंदवाड़ा के पंचम जिला सत्र न्यायाधीश ने परासिया जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष रईस खान एवं उनके भाई अनीश खान एवं पांच अन्य को 3-3 साल की सजा से दंडित किया है। पंचम जिला सत्र न्यायाधीश वंशकार के न्यायालय द्वारा पूर्व जनपद अध्यक्ष रईस खान, अनीश खान, कादिर, जुनैद, तौशिक, ईमरान , तय्यूम को भारतीय दंण्ड संहिता की धारा 147 ,148 ,149,324,326 के अन्तर्गत आज 3-3 वर्ष का कारावास एवं प्रत्येक को 7000-7000 हजार के अर्थदंण्ड सुनाया गया।
पूरा मामला-परासिया न्यायालय मे कार्यरत अधिवक्ता संजय पटोरिया द्वारा अक्टूबर 2012 मे रईस खान के कोयला चोरी की शिकायत C.B.I. को की गई थी जिसमे प्रकरंण दर्ज हुआ एवं रईस खान पर कार्यवाही भी हुई।
जिससे कुपित होकर रईस खान ने अपने भाईयों एवं साथियों के साथ मिलकर अधिवक्ता संजय पटोरिया के साथ बस स्टाप परासिया मे घेरकर सरेआम पिटाई की गई जिसमे अधिवक्ता के पैर की हड्डी भी टूटी थी । अधिवक्ता द्वारा जनवरी 2013 मे ही तत्काल आरक्षी ग्रह परासिया मे उपरोक्त समस्त अभियुक्तों के विरूद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज करवाकर प्रकरंण पंजीकृत करवाया गया था ।
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MP के कूनो में चीते के शावक की मौत,दो महीने में चार चीतों की गई जान
श्योपुर। मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में मंगलवार को चीते के शावक की मौत हो गई। यहां दो महीने के भीतर अब तक चार चीतों की मौत हो चुकी है। कूनो में मादा चीता ज्वाला ने 27 मार्च को चार शावकों को जन्म दिया था। इनमें से एक शावक की मौत हुई है। मौत का कारण अभी पता नहीं चला है।
प्रमुख वन संरक्षक जेएस चौहान ने शावक की मौत की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि मादा चीता ने 4 बच्चों को जन्म दिया था, हम उनकी मॉनिटरिंग कर रहे थे। चार में से एक बच्चा कमजोर था। आज जब हमारी टीम गई तो एक बच्चा सिर उठाने की कोशिश कर रहा था, तुरंत वेटरनरी डॉक्टर्स को बुलाया गया। उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन उसकी 5-10 मिनट में ही उसकी मौत हो गई। मूल रूप से कमजोरी के कारण मौत हुई है।
27 मार्च को नामीबिया से लाई गई मादा चीता ज्वाला (उस समय शियाया) ने चार शावकों को जन्म दिया था। इसके साथ ही कूनो में शावकों सहित चीतों की संख्या 23 हो गई थी। शावकों के जन्म से दो दिन पहले ही मादा चीता साशा की मौत हुई थी। इसके बाद कुछ समय बाद चीता उदय और दक्षा की मौत हो गई।
पहली खेप में नामीबिया से 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क लाया गया था। 17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन्हें बाड़े में रिलीज किया था। इसके बाद 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते कूनो लाए गए थे। अब 20 चीते ही कूनो नेशनल पार्क में बचे हैं।
श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में फीमेल चीते दक्षा की मौत हो गई है। दक्षा को इसी साल दक्षिण अफ्रीका से कूनो लाया गया था। मुख्य वन्य संरक्षक जेएस चौहान ने इसकी पुष्टि की है। बताया गया है कि मेल चीते को दक्षा के बाड़े में मेटिंग के लिए भेजा गया था। मेटिंग के दौरान ही दोनों में हिंसक इंटरैक्शन हो गया। मेल चीते ने पंजा मारकर दक्षा को घायल कर दिया था। कूनो नेशनल पार्क की मॉनिटरिंग टीम को दक्षा घायल हालत में मंगलवार सुबह मिली थी। उसे इलाज के लिए ले जाया गया। दोपहर करीब 12 बजे उसकी मौत हो गई।
कूनो नेशनल पार्क में एक और चीते की मौत हो गई है। दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीता उदय ने बीमार पड़ने के बाद इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। मौत के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। मध्यप्रदेश के मुख्य वन संरक्षक जेएस चौहान ने चीता उदय की मौत की पुष्टि की है।
वन विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक चीतों की निगरानी कर रहे दल को चीता उदय रविवार सुबह 9 बजे सिर झुकाए और सुस्त हालत में बैठा दिखा था। उसके करीब जाने पर वह उठकर लड़खड़ाकर चलने लगा। हालांकि एक दिन पहले की निगरानी में चीता स्वस्थ्य मिला था। चीता उदय की हालत की सूचना वन्यप्राणी चिकित्सकों को दी गई। जिसके बाद उन्होंने मौके पर जाकर चीता उदय को देखा तो वह बीमार पाया गया।
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मध्‍य प्रदेश में बुधनी समेत सात मेडिकल कालेज अगले वर्ष शुरू करने की तैयारी
भोपाल । अगले वर्ष प्रदेश में सात मेडिकल कालेजों में प्रवेश शुरू करने की तैयारी है। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र बुधनी का मेडिकल कालेज भी शामिल है। कुछ मेडिकल कालेजों में सौ और कुछ में 150 सीटें हैं। अभी इन कालेजों के भवन बनाने का काम चल रहा है। फैकल्टी की भर्ती भी इसी वर्ष शुरू हो जाएगी। बुधनी छोड़ बाकी मेडिकल कालेज संबंधित जिले के जिला अस्पताल से संबद्ध कर संचालित किए जाएंगे।
पहले इन कालेजों को 2025 में शुरू करने की योजना थी, लेकिन अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए राज्य सरकार 2024 में ही शुरू करना चाहती है।
बता दें कि यह कालेज भारत सरकार के सहयोग से बनाए जा रहे हैं। 2018 में इनकी स्वीकृति मिल गई थी, पर राज्य सरकार ने निर्माण कार्य शुरू करने में ही तीन वर्ष लगा दिए। इन कालेजों का भवन बनाने का काम 2023 में शुरू हुआ है। 2024 से कालेज शुरू करने के लिए इस वर्ष के अंत तक निर्माण कार्य पूरा करना होगा।
इस कारण निर्माण एजेंसियों को काम की गति बढ़ाने के लिए कहा गया है। सबसे तेज गति से काम बुधनी मेडिकल कालेज का चल रहा है। यहां पर नर्सिंग और पैरामेडिकल कालेज भी साथ में शुरू किए जाएंगे। बता दें कि यह मेडिकल कालेज बुधनी के अलावा सिंगरौली, श्योपुर, मंदसौर, मंडला, नीमच और राजगढ़ में बनाए जा रहे हैं।
इनके खुलने से प्रदेश में 20 मेडिकल कालेज हो जाएंगे। अभी 13 मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस की 2118 सीटें हैं जो बढ़कर तीन हजार से अधिक हो जाएंगी। एक कालेज शुरू करने में 325 करोड रुपए का खर्च है।