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अनियंत्रित बल्कर ने स्कूटी सवार को मारी टक्‍कर, जीप पर पलटी, सात की मौत

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सीधी । बारात से लौट रही बोलेरो पर बल्कर अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे में सात लोगों की मौत हो गई। स्कूटी सवार सीधी से निवास जा रहा युवक दोनों वाहनों की चपेट में आ गया, जिससे मौके पर ही मौत हो गई। युवक बजाज फाइनेंस कंपनी में काम करता था। मशक्कत के बाद बाडी बोलेरो से निकाली जा सकी। बोलेरो में 8 लोग सवार थे, 7 की मौत हुई, जिसमें एक स्कूटी सवार शामिल है। दो घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना मड़वास चौकी अंतर्गत डोल शराब दुकान के समाने बुधवार सुबह करीब 10 बजे की है।
पुलिस अधीक्षक डा. रवींद्र सिंह का कहना है कि दुर्घटना सुबह साढ़े नौ बजे से 10 बजे के बीच सीधी-टिकरी मार्ग पर डोल गांव के पास हुई। डंंपर-ट्रक पहले एसयूवी से टकराया और बाद में उस पर पलट गया, जिससे 7 लोगों की जान चली गई। सूचना मिलने के बाद पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची। राहत बचाव कार्य जारी रहा।
बोलेरो में सवार बराती राजाराम यादव पुत्र झरियारी यादव 56 वर्ष निवासी मारा पानी थाना जमोड़ी, सुखलाल पुत्र पियारे यादव 55 वर्ष, रोहित पुत्र राजकुमार यादव 15 वर्ष, शिब्बू उर्फ मंगल यादव पुत्र हीरालाल 10 वर्ष तीनों निवासी सरौंधा थाना जियावन जिला सिंगरौली, धर्मेंद्र पुत्र छोटेलाल यादव 19 वर्ष निवासी सजहर सिंगरौली की बल्कर में दबने से घटनास्थल पर ही मौत हो गई। जबकि आशीष शुक्ला पुत्र स्वर्गीय राम कृष्ण 25 वर्ष निवासी शंकरपुर की बल्कर की ठोकर लगने से मौत हो गई है।
बल्कर सीधी से नगरी की ओर जा रहा था। जीप में सवार लोग सीधी की ओर आ रहे थे। पुलिस ने स्‍थानीय लोगों की मदद से घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। हादसे में दो लोगों की हालत गंभीर बताई जाती है।
बोलेरो में सवार बुद्धसेन यादव पुत्र चंद्रभान यादव 46 वर्ष निवासी सरौंधा गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। तो वहीं बल्कर सवार क्लीनियर छोटे लाल पुत्र परदेशी 35 वर्ष निवासी तिवरिगवां चुरहट को भी चोट आई है। जिनका जिला अस्पताल में चल रहा है। दोनों की हालत में सुधार बताया गया है।

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कोरोना प्रोटोकाल उल्‍लंघन के सभी प्रकरण वापस लेगी सरकार
भोपाल। शिवराज सरकार ने कोरोना संबंधी प्रकरणों को लेकर लोगों को एक बड़ी राहत दी है। सरकार ने निर्णय लिया है कि कोरोना काल में पूर्णकालिक व अंशकालिक लाकडाउन के दौरान कोविड संबंधी प्रोटोकाल का उल्‍लंघन करने पर जो 11000 से अधिक प्रकरण दर्ज किए थे, उन्‍हें वापस लिया जाएगा। इसके लिए विभिन्‍न न्‍यायालयों में लोक अभियोजक के माध्‍यम से आवेदन प्रस्‍तुत किए जाएंगे।
गुरुवार को गृहमंत्री डा. नरोत्‍तम मिश्रा ने मीडिया से चर्चा में सरकार के इस निर्णय की जानकारी दी। उन्‍होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान बारात निकालने, दुकान खुली रखने, एक स्‍थान पर निर्धारित संख्‍या से अधिक लोगों के एकत्र होने जैसे कोविड प्रोटोकाल के उल्‍लंघन पर आपदा नियंत्रण, महामारी नियंत्रण अधिनियम और आइपीसी की धारा 188 के तहत प्रकरण दर्ज किए गए थे। पिछले दिनों मुख्‍यमंत्री के साथ इस संबंध में बैठक हुई थी, जिसमें उत्‍तर प्रदेश और महाराष्‍ट्र सरकार की तरह ही प्रकरण वापस लेने पर सहमति बनी थी। इलाहाबाद हाइकोर्ट ने भी इस संबंध में सुझाव दिया था कि जो मामले गंभीर प्रकृति के नहीं हैं, उन्‍हें वापस लेने पर विचार किया जा सकता है। गृह विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एक सप्‍ताह में केस वापस लेने संबंधी दिशा-निर्देश जारी कर दिए जाएंगे।
गृहमंत्री नरोत्‍तम मिश्रा ने बताया कि हुक्‍का बार, लाउंज प्रतिबंधित करने के लिए सिगरेट, तंबाकू विज्ञापन प्रतिषेध, व्‍यापार, वाणिज्‍य उत्‍पादन प्रदाय एवं वितरण विनियमन 2023 विधानसभा के मानसून सत्र में प्रस्‍तुत किया जाएगा। राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से संशोधन विधेयक के प्रारूप पर अनुमति मिल गई है। 10 जुलाई से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो रहा है। संशोधन विधेयक पारित होने के बाद राज्‍यपाल से मंजूरी मिलने पर इसे लागू कर दिया जाएगा।
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पर्ची निकाल कर अंधविश्वास फैला रहे बाबाओं को एक मिनट में कर सकते हैं बेनकाब : पंडोखर सरकार
इंदौर । किसी गुरु के पास तीसरे नेत्र से देखने की शक्ति या पराशक्ति है या नहीं, यह बात भक्त अपने दोनों नेत्रों से परखकर समझें। केवल दिखावे या प्रचार पर न जाएं। पर्ची निकालकर अंधविश्वास फैला रहे कथित बाबाओं को मैं एक मिनट में बेनकाब कर सकता हूं। भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की कोई जरूरत नहीं, क्योंकि यह पहले से हिंदुस्तान है। जरूरत सनातन धर्म और संस्कृति को बढ़ाने की है।
रामराज स्थापित करने की है। यह बात आध्यात्मिक गुरु पंडोखर सरकार ने गुरुवार को स्टेट प्रेस क्लब में कही। वे रूबरू कार्यक्रम पत्रकारों और आमजन के प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिवराज की सरकार बनेगी या कमल नाथ की, यह मतदाता जानता है।
परिवर्तन प्रकृति का नियम है। जहां तक राहुल गांधी की बात है तो उनके भविष्य के बारे में तभी कुछ कहूंगा, जब स्वयं वे पूछेंगे। यह भी समझने की आवश्यकता है कि धर्म के बिना राजनीति नहीं हो सकती और राजनीति में धर्म का बढ़ता असर बहुत अच्छी बात है।
उनके दरबार में आम व्यक्ति के समाधान में बहुत समय लगने के प्रश्न पर कहा कि एक दिन में अधिकतम 100 व्यक्तियों का समाधान संभव है। उन्होंने कहा कि हाल में हुई ट्रेन दुर्घटना पर कहा कि यदि उन्हें किसी एजेंसी में स्थापित किया जाता है तो वे इसकी रिपोर्ट भी दे सकते हैं।
पूर्वकाल में राजा ज्योतिषियों से विचार-विमर्श करते थे। इसके अनुरूप उपाय के अनुष्ठान करते थे। इससे विभीषिका पूरी तरह टलती तो नहीं थी, लेकिन उसका बचाव संभव था और पूर्व सावधानी रखनी संभव थी।