ग्वालियर। ग्वालियर में पत्नी का उपचार कराने के लिए दिल्ली गए व्यवसायी के सूने घर के ताले चटकाकर चोर नकदी, गहने के साथ ही नीलम व पन्ना चोरी कर ले गए। घटना कंपू थाना क्षेत्र के शिवाजी नगर आमखो की है। घटना का पता शुक्रवार को उस समय चला जब परिवार दिल्ली से वापस लौटा। अंदर देखा तो मुख्य दरवाजे से लेकर अलमारी व लॉकर तक के ताले टूटे पड़े हुए थे। साथ ही पूरे घर का सामान बिखरा पड़ा था। मामला चोरी का समझ में आते ही पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच के बाद मामला दर्ज कर लिया है।
शहर के कंपू थाना क्षेत्र के शिवाजी नगर आमखो निवासी अजय तिवारी पुत्र सुरेश तिवारी का दवा का व्यवसाय है। उनके मेडिकल स्टोर हैं। साथ ही वह प्रॉपर्टी में भी डीलिंग करते हैं। वह मूल रूप से दतिया के रहने वाले है और उनकी पत्नी शासकीय टीचर है। कुछ समय से उनकी पत्नी की तबियत खराब चल रही थी तो वह दो दिन पहले पत्नी का मेडिकल चेकअप कराने के लिए दिल्ली एम्स गए थे। शुक्रवार रात को जब वह वापस आए तो उनके घर के ताले टूटे हुए थे और सारा सामान बिखरा पड़ा था। मामले का पता चलते ही पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल शुरू कर दी। चोरों ने पूरे घर में छानबीन की और एक भी रूम ऐसा नहीं छोड़ा जहां अलमारी का लॉक नहीं तोड़ा हो।
पुलिस चोरों का पता लगाने के लिए इलाके के CCTV कैमरे खंगाल रही है। जिससे पता चल सके कि चोर की संख्या कितनी थी और वह आस-पास के थे या फिर कहीं और से आए। चोरी की वारदात किस समय हुई है।
पीड़ित परिवार ने बताया कि चोर उनके घर से साढ़े तीन सौ ग्राम चांदी के आभूषण, तीन से चार तोला वजनी सोने के जेवर के साथ ही 11 हजार रुपए नकदी के साथ-साथ अलमारी के लॉकर में रखे पन्ना और नीलम के नग भी चोरी कर ले गए हैं। चोरों ने अलमारी के लॉक काटे हैं।
पुलिस का कहना
इस मामले में कंपू थाना पुलिस का कहना है कि चोरी की वारदात के बाद घटना स्थल पर जांच की गई है। अब घटना स्थल के आसपास CCTV कैमरे खंगाले जा रहे हैं। जिससे सुराग मिल सके।
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तेज आंधी-पानी से उड़ा कार्यक्रम का टेंट,मुख्यमंत्री ने शॉर्ट में निपटाया भाषण
रीवा। रीवा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यक्रम में मौसम ने रुकावट पैदा कर दी। तेज आंधी और बारिश होने लगी। CM शिवराज सिंह को अपनी स्पीच शॉर्ट में निपटानी पड़ी। कार्यक्रम भी दो घंटे पहले ही समाप्त करना पड़ा। मुख्यमंत्री के मंच छोड़ते ही तेज बारिश शुरू हो गई। तेज हवा के कारण टेंट उड़ गया। वहीं, टेंट की कुछ चादरें फट गईं। वहां लगे पोस्टर भी फट गए। कार्यक्रम का मुख्य गेट भी गिर गया। लोग पानी से बचने के लिए इधर-उधर छिपते नजर आए।
कोल जनजातीय सम्मेलन त्योंथर के कोलगढ़ी से 500 मीटर दूर शासकीय बालक स्कूल के ग्राउंड में हुआ। यहां मुख्यमंत्री ने कहा, 'कोल समाज को जमीनों के पट्टे दिए जाएंगे। मध्यप्रदेश की धरती पर कोई भी गरीब बिना पट्टे के नहीं रहेगा।' इससे पहले उन्होंने कोलगढ़ी के विकास और संरक्षण कार्य का भूमिपूजन करते हुए कहा, 'आज एक संकल्प पूरा हो रहा है, एक सपना साकार हो रहा है। इस गढ़ी से कोल समाज के इतिहास को दिखाया जाएगा। कोलगढ़ी का गौरव लौटाना, त्योंथर का गौरव लौटाने जैसा है।'
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा- राजगढ़ में कमलनाथ ने कर्जमाफी के नाम पर किसानों को ठगा था। 13 जून को राजगढ़ में हमारा कार्यक्रम है। मैं इसमें 2 हजार करोड़ रुपए का पूरा ब्याज किसानों की तरफ से जमा करूंगा। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत 80 लाख किसानों के खातों में भी 2-2 हजार रुपए डाले जाएंगे। फसल बीमा योजना के भी 2 हजार 900 करोड़ रुपए डाले जाएंगे।
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कमल नाथ बोले, पुलिसकर्मी वर्दी की इज्जत करें, अधिकारियों को जनता देगी सर्टिफिकेट
खंडवा। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ ने हरसूद में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में मंच से भाजपा को खुली चुनौती देते हुए कहा कि आने वाले चुनाव में उनका मुकाबला 2018 की जगह 2030 माडल कमल नाथ से है। भाजपा के जो लोग जुल्म और आतंक मचा रहे है, वे समझ लें। सब कान खोल कर सुन लें, पुलिस वाले वर्दी की इज्जत करें, कर्मचारी- अधिकारी, एसडीएम, कलेक्टर आपको ये जनता सर्टिफिकेट देगी। भाजपा की डराने और धमकाने की राजनीति अब नहीं चलेगी। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने इशारों में ही हरसूद विधायक व वन मंत्री विजय शाह का नाम लिए बगैर लोगों से कहा कि अब किसी से डरने की जररूत नहीं है।
जननायक बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि पर हरसूद में आयोजित कांग्रेस कार्यकर्ता को संबोधित करने से पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने पत्रकारों से चर्चा की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार चुनाव के पूर्व जनहित की योजनाओं की बजाए लगातार कर्ज लेकर कमीशनबाजी में व्यस्त है।
पिछले 15 माह में अधिकांश ठेके अपने लोगों के कमीशन के लिए दिए गए है। पहले जो हरसूद छिंदवाड़ा से बेहतर माना जाता था, वहां कुपोषण, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार का बोलबाला है। यह पलायन की राजधानी बन गया है। 35 साल पहले हरसूद व्यापार का बड़ा केंद्र था। हरसूद और खालवा में विकास ठप है। युवा भटक रहा है। किसान परेशान है। प्रदेश में भ्रष्टाचार का बोलबाला है।