जबलपुर। कर्नाटक में जीत के बाद कांग्रेस ने अब मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। इसी सिलसिले में पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी सोमवार को जबलपुर पहुंचीं। यहां उन्होंने ग्वारीघाट पर 101 ब्राह्मणों के साथ करीब 20 मिनट तक मां नर्मदा की पूजा-आरती की। इसके बाद सभा में कहा, 'आपके साथ पिछले 18 साल से गलत हो रहा है। आपका इस्तेमाल हो रहा है। आपका शोषण हो रहा है। धन बल से जनादेश को कुचला जाता है।'
प्रियंका ने मध्यप्रदेश में सरकार बदलने पर कहा- पिछली बार आपने हमारी सरकार बनाई थी, लेकिन जोड़-तोड़ और पैसे से भाजपा के लोगों ने हमारी सरकार तोड़ी और अपनी बना ली। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा- अफसोस कि ऐसे कुछ नेता हमारे भी ऐसे थे, जो पार्टी छोड़कर चले गए। उनको पैसा मिला।
प्रियंका ने जन सभा में भ्रष्टाचार, घोटाले और महंगाई के मुद्दे भी उठाए। बोलीं- 'इन्होंने महाकाल को भी नहीं छोड़ा। वहां हवा में मूर्तियां उखड़कर गिर गईं। एक पुजारी ने मुझे वीडियो भेजा। वह कह रहे हैं, हवा से मूर्तियां उड़ रही हैं। 225 महीनों की सरकार में इन्होंने 220 घोटाले किए हैं। यानी तकरीबन हर महीने एक नया घोटाला किया है। मैं आपसे वोट मांगने नहीं आई हूं, मैं आपसे जागरूकता मांगने आई हूं। आपके पास 6 महीने हैं। इन 6 महीनों में देखिए, कांग्रेस की सरकारें अपने प्रदेश में क्या कर रही हैं? अपना वोट अपने लिए डालिए।' प्रियंका ने अपनी स्पीच की शुरुआत मां नर्मदा के जयकारे से की।
प्रियंका ने कहा- आज मैं कुछ गारंटी दे रही हूं। वे गारंटी, जो हम 100 प्रतिशत पूरा करेंगे। यह मेरा वादा है। ये गारंटी हैं, घोषणा नहीं। यही वादा हमने कर्नाटक में किया। वहां की सरकार ने पहली कैबिनेट में ही इसका बिल पास कर दिया। उन्होंने कहा,
हर महीने महिलाओं को 1500 रुपए दिए जाएंगे।
गैस सिलेंडर 1000 का नहीं, 500 रुपए का मिलेगा।
100 यूनिट बिजली फ्री। 200 यूनिट हॉफ होगी।
मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन योजना लागू करेंगे।
कमलनाथ की सरकार ने किसान कर्जमाफी की थी। बचे हुए किसानों की कर्जमाफी का काम पूरा करेंगे।
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सतपुड़ा भवन में आग लगी,छठवीं मंजिल तक पहुंचीं लपटें, बिल्डिंग खाली कराई
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में वल्लभ भवन के सामने स्थित सतपुड़ा भवन में सोमवार शाम को आग लग गई। आग सबसे पहले तीसरी मंजिल पर लगी, जो बढ़कर छठवीं मंजिल तक पहुंच गई। आग कितनी भीषण है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बिल्डिंग में उठती आग की लपटें और धुआं दूर से ही देखा जा सकता है। फिलहाल इस बात का पता नहीं चल सका है कि आग कैसे लगी।
आग लगने की इस घटना से सतपुड़ा भवन में हड़कंप की स्थिति बन गई। पूरी बिल्डिंग में धुआं भर गया। सुरक्षा के लिहाज से बिल्डिंग को खाली करा लिया गया है। परिसर में अधिकारी-कर्मचारियों की भीड़ लग गई। नगर निगम की फायर ब्रिगेड की टीम आग पर काबू करने की कोशिश में लगी है। आग पर काबू पाने के लिए एसडीआरएफ को भी बुलाया है।
सतपुड़ा भवन के थर्ड फ्लोर पर स्थित अनुसूचित जनजाति क्षेत्रीय विकास योजना के दफ्तर से आग शुरू हुई। इसने चौथी मंजिल पर स्थित स्वास्थ्य संचालनालय को चपेट में ले लिया। हेल्थ डायरेक्टोरेट के पांचवीं और छठवीं मंजिल तक आग की लपटें जा रही हैं।
स्वास्थ्य विभाग में कुछ महीनों पहले इंटीरियर डेकोरेशन और रिनोवेशन का काम कराया गया था। इस दौरान बड़े पैमाने पर लकड़ी की पुरानी अलमारी और दूसरे फर्नीचर निकाले गए थे। जो स्वास्थ्य संचालनालय में ही रखे थे। आग इस पुराने लकड़ी के वेस्ट मटेरियल तक पहुंच गई। इस वजह से दमकल कर्मियों को आग बुझाने में मशक्कत करनी पड़ रही है।
सतपुड़ा भवन, जहां आग लगी है, वहां तीन आईएएस अफसर बैठते हैं। थर्ड फ्लोर पर आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजना के संचालक, 5th फ्लोर पर हेल्थ डायरेक्टर और 6वीं मंजिल पर हेल्थ कमिश्नर बैठते हैं।
आग से ट्राइबल और हेल्थ डिपार्टमेंट के महत्वपूर्ण दस्तावेज जलने की आशंका है। आग लगने की वजह सामने नहीं आई है।
कांग्रेस ने सतपुड़ा भवन में लगी आग के पीछे साजिश की आशंका जताई है। पूर्व मंत्री अरुण यादव ने ट्वीट कर कहा- आग के बहाने घोटालों के दस्तावेज जलाने की साजिश तो नहीं।
पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा है कि किसी भी राज्य में चुनाव से पहले सरकारी रिकॉर्ड भवन में अगर आग लग जाए, तो समझो सरकार गई। गुनाह मिटा दिए गए। शिवराज जी और उनकी सरकार की चला चली की बेला है…।
आम आदमी पार्टी के अतुल शर्मा ने कहा है कि सतपुड़ा भवन में लगी आग से सवाल खड़े हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आग लगी या लगाई गई है। सरकार के जाने से पहले सारी गड़बड़ियों और घोटालों के सबूत मिटा दिए गए है।
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कचरा फेंकने पर निगमकर्मियों ने 3 युवकों को पीटा, झाड़ू के डंडे और लात-घूंसे बरसाए
इंदौर। इंदौर में नगर निगम कर्मचारियों ने 3 युवकों की जमकर पिटाई कर दी। झाड़ू के इतने डंडे और लात-घूंसे बरसाए कि युवकों को एमवाय अस्पताल पहुंचाना पड़ा। घटना के दौरान बीच बचाव करने आए एक पुलिसकर्मी से भी बदसलूकी की गई। घटना का वीडियो भी सामने आया है।
घटना रविवार देर रात पटेल ब्रिज की है। यहां नगर निगम का अमला साफ-सफाई कर रहा था। इसी दौरान दीपक जाट, सुनील यादव और मोनू बाइक पर वहां से गुजरे। उन्होंने पानी की खाली बोतल और कुछ कचरा फेंका तो निगमकर्मियों ने उन्हें रोक लिया। कचरा फेंकने की बात पर दोनों पक्षों में बहस होने लगी।
इसी बीच निगम का एक अन्य वाहन मौके पर पहुंचा। इसमें जोन नंबर 11 के दरोगा संदीप रनवे, चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर हर्षित लोधी, सुनील करोसिया और अजय बंदवाल बैठे थे। वे गाड़ी से उतरे और मामले की जानकारी ली। इन लोगों ने दीपक और सुनील से 500 रुपए का चालान भरने को कहा। इसे लेकर कहासुनी हुई तो निगमकर्मियों ने कहा कि अब 500 नहीं, 10 हजार रुपए का चालान बनेगा। दीपक और सुनील ने आपत्ति जताई कि इतनी बड़ी राशि का चालान कैसे बन सकता है? अगर ऐसा है भी तो हम कोर्ट में चालान भर देंगे। निगमकर्मियों के जुर्माना वसूलने के लिए अड़े रहने पर विवाद बढ़ गया और मारपीट शुरू हो गई।
दीपक और सुनील के दोस्त हिमांशु ने बताया, 'रात 11.30 बजे मुझे सूचना मिली कि दोनों को निगमकर्मी पीट रहे हैं। मैं तुरंत बाइक लेकर अपने दो दोस्तों के साथ मौके पर पहुंचा। तब भी वहां विवाद चल रहा था। इस बीच पुलिस भी पहुंच गई। उन्होंने वहां मौजूद लोगों के साथ मिलकर दीपक और सुनील को छुड़ाया। दोनों को एमवाय अस्पताल भेजा। इनके साथ मौजूद मोनू का पता नहीं चला। पुलिस तीन-चार निगमकर्मियों को थाने ले गई।'
दीपक का प्राथमिक उपचार कर डिस्चार्ज कर दिया गया जबकि सुनील को प्राइवेट अस्पताल में एडमिट किया गया है। हिमांशु ने बताया कि दीपक मीडियाकर्मी है जबकि सुनील कांच व्यवसायी है।
सेंट्रल कोतवाली के प्रभारी रमेश मोनिया ने बताया कि पुलिस ने हिमांशु की रिपोर्ट पर निगमकर्मी संदीप रनवे, हर्षित लोधी, सुनील करोसिया व अन्य के खिलाफ मारपीट, बदसलूकी, जान से मारने की धमकी सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया है। वहीं, निगम कमिश्नर हर्षिका सिंह ने कहा, 'मामले में पुलिस से सारी जानकारी लेने के साथ अन्य तथ्य जुटाए जा रहे हैं। जांच के बाद ही संबंधितों पर कार्रवाई को लेकर कुछ कहा जा सकेगा।'