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दिल्ली-NCR समेत चीन-पाकिस्तान में भूकंप के झटके, 5.4 रही तीव्रता

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नई दिल्ली। दिल्ली समेत उत्तर भारत में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.4 मापी गई है। जानकारी के अनुसार, भूकंप के झटके चीन और पाकिस्तान तक महसूस किए गए हैं।
भारत में मंगलवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप का असर दिल्ली-एनसीआर, जम्मू कश्मीर, चंडीगढ़ समेत कई शहरों में रहा। आज दोपहर एक बजकर 33 मिनट पर करीब एक मिनट तक अलग अलग बार में भूकंप के झटके मसहूस किये गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.4 मापी गई है। भूकंप का केंद्र अक्षांश 33.15 और 75.82 देशांतर पर स्थित रहा। कई लोगों ने भूकंप के झटकों को महसूस किया। भूकंप के झटका लगते ही लोगों में हड़कंप मच गया और घरों से बाहर निकल आए।
दोपहर 1:33 बजे जम्मू-कश्मीर के डोडा में 5.4 रिक्टर स्केल का एक भूकंप आया। 5.4 की तीव्रता का भूकंप मध्यम से ताकतवर भूकंप की श्रेणी में आता है। कई क्षेत्रों में झटके महसूस किए गए हैं। 4 से 4.4 रिक्टर पैमाने तक के भूकंप की दोबारा संभावना बनी हुई है।
जानकारी के मुताबिक चंडीगढ़ में 10 सेकेंड तक भूकंप के झटके महसूस किए गए। अफरातफरी में लोग घर से बाहर निकल आए। वहीं, जम्मू-कश्मीर में किश्तवाड़ से 30 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में भूकंप का एपिक सेंटर बताया जा रहा है। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 5.4 नापी गई है।
बताया जा रहा है कि भारत के अलावा पाकिस्तान और चीन में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए है। शुरूआती जानकारी के मुताबिक भूकंप का केंद्र पाकिस्तान में हो सकता है। हालांकि, अधिकारिक जानकारी का इंतजार किया जा रहा है।
शुरुआती जानकारी के अनुसार, भूकंप के झटकों को लेकर अभी तक कोई जन-धन के नुकसान की खबर नहीं आई है।
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आतंकी सूची में लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़, काला जठेड़ी का नाम शामिल
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, विदेश में बैठे गोल्डी बराड़ और काला जठेड़ी को अब आतंकी सूची में शामिल किया गया है। NIA ने बिश्नोई के खिलाफ दर्ज दो मामलों में से एक में चार्जशीट दाखिल की है। दूसरे मामले में लॉरेंस का संबंध विदेश में बैठे आतंकी समूहों के साथ होने की बात कही गई है।
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बिपरजॉय से मुंबई-भुज-राजकोट में 5 की मौत, गुजरात के 7 जिलों से 20 हजार लोगों को निकाला
पोरबंदर। अरब सागर में उठा तूफान बिपरजॉय गुजरात की ओर बढ़ रहा है। ये तूफान 15 जून की दोपहर को कच्छ जिले के जखौ पोर्ट से टकराने वाला है। मौसम विभाग के मुताबिक, मंगलवार को तूफान कुछ कमजोर हुआ है, हालांकि यह अब भी खतरनाक ही है। 15 जून को जब यह गुजरात तट से टकराएगा तो 150 किमी/घंटे तक की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान है।
तूफान के चलते गुजरात और मुंबई के तटीय इलाकों में आंधी-बारिश का दौर जारी है, जिसमें पांच लोगों की मौत की खबर है। उधर, अमित शाह ने आज दिल्ली में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्रियों के साथ बैठक की।
उन्होंने बिपरजॉय तूफान से निपटने को आपदा प्रबंधन के लिए 8000 करोड़ रुपए की 3 बड़ी स्कीमों की घोषणा की। इसमें फायर ब्रिगेड का आधुनीकरण, बाढ़ नियंत्रण और लैंडस्लाइड की घटनाओं पर रोकधाम शामिल हैं। इसके बाद गुजरात सरकार ने कच्छ-सौराष्ट्र में समुद्र तट से 10 किलोमीटर की सीमा में 7 जिलों से 20 हजार लोगों को निकालकर शेल्टर होम में भेज दिया।
मौसम विभाग के मंगलवार सुबह 9 बजे के अपडेट के मुताबिक, तूफान 8 किमी/घंटे की रफ्तार से नॉर्थ-वेस्ट में आगे बढ़ रहा है। तूफान मंगलवार सुबह 5:30 बजे पोरबंदर से 300 किमी, द्वारका से 290 किमी, जखौ पोर्ट से 340 किमी, नालिया से 350 किमी दूर था। मौसम विभाग के मुताबिक, चक्रवात के 14 जून की सुबह तक उत्तर की ओर बढ़ने का अनुमान है, जिसके बाद ये मुड़कर नॉर्थ-नॉर्थ ईस्ट दिशा में आगे बढ़ेगा।
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किसानों का प्रदर्शन जारी : दिल्ली-चंडीगढ़ NH पर तंबू गाड़ा, टिकैत बोले- MSP मिले या फिर जेल
नई दिल्ली सूरजमुखी के बीज के लिए MSP की मांग को लेकर किसानों का प्रदर्शन जारी है। किसानों ने दिल्ली- चंडीगढ़ नेशनल हाइवे को जाम कर दिया है। कुरूक्षेत्र में महापंचायत के बाद किसानों ने पिपली में NH44 को जाम किया और यहां तंबू भी लगा दिए।
हरियाणा में सूरजमुखी पर MSP को लेकर राज्य सरकार और किसान संगठन आमने-सामने हैं। कुरुक्षेत्र में किसानों ने सोमवार दोपहर 2 बजे से दिल्ली- चंडीगढ़ नेशनल हाईवे-44 को जाम कर रखा है। जिससे आने जाने वालों को परेशानी हो रही है। रुट को बदला गया है। किसानों ने हाईवे पर ही रात भी गुजारी। संयुक्त किसान मोर्चा का हरियाणा की खट्टर सरकार को सुबह 10 बजे के दिए गए अल्टीमेटम का समय समाप्त हो गया। इसके बाद किसानों ने हाईवे पर तंबू गाड़ दिए हैं। किसानों की इस बार दो मांग है- एक सूरजमुखी पर MSP की घोषणा की जाए और दूसरा जेल में बंद किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी समेत अन्य किसान नेताओं को रिहा किया जाए।
बता दें कि, तीन राज्यों के प्रदर्शनकारी किसान कल सोमवार दोपहर 2 बजे से ही नेशनल हाईवे-44 पर डेरा डाले हुए हैं। कल सरकार के प्रतिनिधि और किसानों के बीच हुई बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला था। सरकार ने किसानों को समझाने के लिए अपने बड़े-बड़े अधिकारियों को लगा रखा है। लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है की जब तक एमएसपी पर सरकार खरीदारी शुरू नहीं करेगी, तब तक ये प्रदर्शन नहीं हटेंगे । देशभर के करीब 40 किसान संगठन सरकार के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं और सभी की एक ही मांग है।
कुरुक्षेत्र में राकेश टिकैत सख्त तेवर में नजर आ रहे हैं। सरकार के खिलाफ उन्होंने जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि एमएसपी मिले या फिर जेल, यह तभी जाम खुलेगा। टिकैत बोले कि मोदी सरकार भारत देश को उत्तर-कोरिया बनाने पर तूली है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र पर हर तरीके से हमला किया जा रहा है। देश भर में किसानों की दुर्दशा हो रही है, इसके लिए सर्कार कोई कदम नहीं उठा रही, लेकिन इस बारये आंदोलन एमएसपी लेकर रहेगा।
न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP वो मूल्य होती है जिसे सरकार फसलों के लिए तय करती है। जब किसान फसल को मंडी में बेचता है तो सरकार की तरफ़ से तय की हुई क़ीमत किसानों को मिलती है। दरअसल एमएसपी सरकार द्वारा किसानों को दिया जाने वाला एक आर्थिक भरोसा है। जिससे किसानों को फसल उगाने से पहली उसकी क़ीमत का अंदाज़ा हो जाता है कि उसे इस फसल की कितनी क़ीमत मिलेगी।
बाजार में मांग और सप्लाई को आसान बनाने के लिए किसान के फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय की जाती है, ताकि कुछ भी हो उस किसान को उस फसल के लिए कम से कम इतनी रकम तो मिलेगी ही। वरना पहले के समय में देखा जाता था की फसल ख़राब होने पर उनकी सारी मेहनत पर पानी फिर जकता था। चाहे वो किसी आपदा के कारण ही क्यों न हुआ हो।
अभी हरियाणा की मंडी में सूरजमुखी इस समय 4,000 से 4,800 रुपये के भाव बिक रही है। सरकार ने भावांतर योजना के तहत किसानों को प्रति क्विंटल 1,000 रुपये देने का ऐलान किया है। ऐसे में किसानों को प्रति क्विंटल अधिकतम 5,800 रुपये मिल सकते हैं। लेकिन किसानों का कहना है कि सरकार ने सूरजमुखी की एमएसपी 6,400 रुपये तय की है तो सरकार एमएसपी पर सूरजमुखी को ख़रीदे।