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मणिपुर में लोगों ने घरों पर लिखा 'ये मुसलमानों का एरिया'

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नई दिल्ली। मणिपुर में पिछले डेढ़ महीने से हिंसा लगातार जारी है। इस हिंसा को रोकने में केंद्र और राज्य दोनों जगहों की पुलिस नाकाम है। हर रोज स्थानीय लोगों और सुरक्षाबलों के बीच हिंसक झड़प की खबरें सामने आ रही है। इसी बीच मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय के बीच जारी हिंसा में मुस्लिम मैतेई समुदाय (पांगल) के लोगों ने अपने घरों के बाहर खुद के मुसलमान होने के बारे में लिखना शुरू कर दिया है। इसके पीछे की वजह जानकर आप हैरान रह जाएंगे, आपके मन में ये सवाल उठने लगेगा की आखिर इस राज्य में अराजकता किस स्तर पर पहुंच चुकी है। यहां जिसे जब मन कर रहा, तब आग लगा दे रहा, जब मन कर रहा गोली चलाने लग रहा है।
मणिपुर में मैतेई-कुकी हिंसा के बीच मुस्लिम मैतेई समुदाय के लोगों ने अपने घरों के बाहर खुद के मुसलमान होने के बारे में लिखा हुआ है। उन्होंने अपने घरों पर 'यह मुसलमान का एरिया है' लिखना शुरू कर दिया है। कुकी हमलावर उन्हें मैतेई हिंदू समझ कर हमला न कर दें, उनकी जान न ले ले, इससे बचने के लिए वे ऐसा लिख रहे हैं।
मणिपुर की 32 लाख की आबादी में पांगल मुस्लिम की जनसंख्या लगभग ढाई लाख हैं। जातीय हिंसा से यहां की लोग काफी भयभीत हैं, उनका कहना है की हमें अपने परिवार की सुरक्षा की चिंता है, हमेशा डर लगा रहता है की कहीं से कोई बम आएगा और हमारी जान ले लेगा। इसी जातीय हिंसा से बचने के लिए मुस्लिम लोग अपनी पहचान बताने के लिए घरों पर ऐसा लिख रहे हैं।
इस राज्य में हालात कितने बदत्तर हो गए हैं इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं की यहां इस हिंसा के दौरान उपद्रवियों द्वारा इंफाल वेस्ट के इरिंगबाम थाने से भी हथियार लूटने की कोशिश की गई। लेकिन सुरक्षाबलों ने मुस्तैदी दिखाई और भीड़ के उपर टूट पड़े। जिसके बाद थाने से हथियार लूटने की मंशा के आए उपद्रवियों को वहां से भागना पड़ा और हथियारों की चोरी नहीं हो सकी।
कल आधी रात के बाद भड़की हिंसा में सिंजेमाई में एक और भीड़ ने भाजपा कार्यालय को घेर लिया, लेकिन कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकी क्योंकि सेना ने भीड़ को काबू करने की पूरी तैयारी कर रखी थी। इसी तरह इंफाल में पोरमपेट के पास भाजपा (महिला विंग) की अध्यक्ष शारदा देवी के घर में भीड़ ने तोड़फोड़ करने की कोशिश की गई। यहां भी सुरक्षाबलों ने उपद्रवियों को खदेड़ कर भगा दिया।
दो दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के घर पर भी भीड़ ने हमला किया गया था और गुरुवार रात को इसे जलाने का प्रयास किया गया था। जिस तरह से भीड़ चुन-चुन कर भाजपा के नेताओं पर हमला कर रही है इसे देख कर ऐसा लगता है की ये लोग सरकार से काफी नाराज हैं।
पिछले महीने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 4 दिन के मणिपुर दौरे पर गए थे। इस दौरान उन्होंने कुछ घोषणा की जो कुछ काम नहीं आई। एक तरफ जहां दोनों ही समुदाय के लोगों ने शांति समुदाय की पहल से अपना हाथ खींच लिया है। एक समुदाय के लोग को तो पैनल में शामिल होने वाले सीएम बिरेन सिंह से भी दिक्कत है। इस समुदाय के प्रतिनिधि का साफ कहना है की सीएम ने वक्त रहते कोई कदम नहीं उठाया जिस वजह से हालात ऐसे हो गए।
वहीं, पुलिस स्टेशन से लूटे गए 4000 हथियारों में से अभी तक महज 1000 हथियार ही बरामद हो सका है। जबकि गृहमंत्री ने तलाशी अभियान के बाद हथियार मिलने पर सख्त कदम उठाने की घोषणा की थी। जो यह बताने के लिए काफी है की मामला कितना गंभीर होता जा रहा है।
तैनात सुरक्षा अधिकारों का साफ़ मानना है कि इस स्थिति में बल का प्रयोग करना सबकुछ बर्बाद कर सकता है। इसलिए लोगों को शांति स्थापित करने के लिए राजनेताओं और नागरिक समूहों से पहल करने का आग्रह किया जा रहा है। यही नहीं इंफाल में खुरई विधानसभा क्षेत्र से विधायक लीसांगथेम ने अपने घर के बाहर एक ड्राप बाक्स लगा रखा है जिस पर बंदूकों के चित्र बने हैं और लिखा है कि आपके पास जो भी हथियार है यहां डाल दें, संकोच नहीं करें,आपके साथ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। फिर भी लोग बात नहीं मान रहे।
पूरा मामला- बता दें कि, अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद पहली बार 3 मई को झड़पें हुई थीं। मेइती समुदाय मणिपुर की आबादी का लगभग 53 प्रतिशत हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। जनजातीय नागा और कुकी जनसंख्या का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और पहाड़ी जिलों में निवास करते हैं। राज्य में शांति बहाल करने के लिए करीब 10,000 सेना और असम राइफल्स के जवानों को तैनात किया गया है।
लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद भी कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा है, जिस कारण आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अब तक इस हिंसा में 105 लोगों की जान जा चुकी है और 350 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। केंद्र की मोदी और राज्य की बिरेन सरकार अब तक इस मसले पर पूरी तरह विफल दिखी है। अब वक्त आ गया है कोई सख्त निर्णय लेने का, नहीं तो वो दिन दूर नहीं जब देश के सबसे खुबसूरत राज्यों में से एक राज्य की स्थिति संभाले नहीं संभलेगी।

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एमपी समेत 7 राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी,अलर्ट जारी
चक्रवाती तूफान बिपरजॉय भले ही गुजर गया हो, लेकिन गुजरात और राजस्थान में इसका असर अभी भी नजर आ रहा है। खबर यह है कि भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 7 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
जिन राज्यों में भारी बारिश का अनुमान लगाया गया है उनमें गुजरात और राजस्थान के अलावा मध्य प्रदेश भी शामिल है। तीनों राज्यों में चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के कारण बारिश होगी। वहीं तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल और मेघालय में भी अगले 2 दिन तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
आईएमडी के अनुसार, अगले 3 से 4 दिनों के दौरान तटीय आंध्र प्रदेश, ओडिशा, विदर्भ, छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में गंभीर लू की स्थिति रहने की संभावना है। अगले 3 दिनों के दौरान बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और पूर्वी उत्तर प्रदेश में अलग-अलग हिस्सों में हीटवेव की स्थिति जारी रहेगी और 3 दिनों के बाद धीरे-धीरे राहत मिलने की संभावना है। दक्षिण भारत में अगले पांच दिनों के दौरान गरज के साथ छींटे पड़ने और बिजली गिरने के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।
आईएमडी के दैनिक मौसम बुलेटिन के अनुसार, 18 जून और 19 जून को तमिलनाडु में अलग-अलग जगहों पर भारी बारिश होगी, जबकि केरल में 18 जून से 21 जून तक भारी बारिश होने की संभावना है। 19 जून से 21 जून तक दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में भारी बारिश की संभावना है।
इसी तरह भविष्यवाणी है कि मेघालय में 18 जून से 19 जून तक अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है, जबकि अगले 5 दिनों के दौरान उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।
पिछले दिनों चक्रवाती तूफान बिपरजॉय की मार झेलने वाले गुजरात को लेकर आईएमडी ने कहा है कि दक्षिण राजस्थान और इससे सटे उत्तरी गुजरात में तेज हवाएं चलेंगी। कहीं-कहीं भारी बारिश से नुकसान हो सकता है।
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पैसों के लेनदेन में दो महिलाओं की हत्या
देश के बड़े हिस्से में मौसम की बेरुखी परेशान कर रही है। कहीं चक्रवाती तूफान के कारण भारी बारिश हो रही है तो कहीं भीषण गर्मी पड़ रही है। मानसून का इंतजार हो रहा है। वहीं अपराध की खबरें भी लगातार चर्चा में बनी हुई है। ताजा मामला दिल्ली का है जहां डबल मर्डर सामने आया है।
दिल्ली के आरके पुरम थाना क्षेत्र के अंबेडकर बस्ती इलाके में अज्ञात हमलावरों ने रविवार को दो महिलाओं की गोली मारकर हत्या कर दी। डीसीपी साउथ वेस्ट दिल्ली मनोज ने बताया, मृतकों की पहचान पिंकी (30) और ज्योति (29) के रूप में हुई है। हमलावर मुख्य रूप से पीड़िता के भाई के लिए आए थे।
पुलिस के अनुसार, प्रथम दृष्टया पैसे के लेनदेन का मामला लग रहा है। केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके नाम देव और अन्ना अर्जुन बताए गए हैं।
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RBI ने खारिज की 500 रुपए के नोट गायब होने संबंधी रिपोर्ट
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने को कहा कि प्रिंटिंग प्रेस की ओर से भेजे गए नोटों का उसके पास उचित लेखा-जोखा रहता है। साथ ही केंद्रीय बैंक ने इंटरनेट मीडिया पर चल रही उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया, जिसमें कथित रूप से बड़ी मात्रा में 500 के नोटों के गायब होने की बात कही जा रही थी।
आरबीआई के मुताबिक, यह रिपोर्ट सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत प्रिंटिंग प्रेस से जुटाई गई जानकारी की गलत व्याख्या पर आधारित है। प्रेसों में प्रकाशित और आरबीआई को भेजे गए बैंक नोटों के मिलान के लिए मजबूत प्रणालियां मौजूद हैं। इनमें बैंक नोटों के उत्पादन, भंडारण और वितरण की निगरानी के लिए प्रोटोकॉल शामिल है। पिछले महीने ही आरबीआई ने 2000 रुपए के नोट को प्रचलन से वापस लेने की घोषणा की है। साथ ही 30 सितंबर तक लोगों को इन्हें बैंकों से बदलने की सुविधा दी है।