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सिंगर हनी सिंह को मिली जान से मारने की धमकी, गैंगस्टर गोल्डी बरार ने भेजा वॉइस नोट

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रैपर और सिंगर हनी सिंह को हाल ही में कनाडा में बैठे हुए गैंगस्टर गोल्डी बरार ने एक वॉइस नोट के जरिए धमकी दी है। हनी सिंह ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल से शिकायत दर्ज की है। स्पेशल सेल वॉइस नोट की जांच करते हुए मामले की तफ्तीश कर रही है। हनी सिंह दिल्ली पुलिस से सिक्योरिटी चाहते हैं। दिल्ली पुलिस मुख्यालय पहुंचकर हनी सिंह ने शिकायत दर्ज कराई है। वहीं मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि उन्हें विदेशी नंबर से काॅल आए हैं। साथ ही कुछ वॉइस नोट्स भी मिले है। हनी सिंह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से इन वॉइस नोट्स की जांच कराने और सुरक्षा मुहैया कराने का आग्रह किया है।
मीडिया के साथ बातचीत में हनी सिंह ने आगे बताया मुझे अभी ज्यादा कुछ बताने से मना किया है। मेरे साथ जिंदगी में ये पहली बार हुआ है। मैं डरा हुआ हूं। मेरा पूरा परिवार डरा हुआ है। मुझे सिर्फ मौत से डर लगता है। बता दें कि गोल्डी बरार पंजाब के फेमस गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड का भी मुख्य आरोपी है। फिलहाल गोल्डी बरार फरार है। इससे पहली भी बॉलीवुड स्टार सलमान खान को जान से मारने की धमकी मिली थी। ये धमकी भी गोल्डी बरार ने ही दी थी। मार्च में ईमेल भेजकर सलमान खान को धमकी भेजी गई थी।
गोल्डी बरार को इस साल मई में कनाडा सरकार ने देश के टाॅप 25 वांटेड अपराधियों में शामिल किया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक गोल्डी बरार पर हत्या, आपराधिक साजिश और भारत में अवैध आग्नेयास्त्रों की आपूर्ति का आरोप लगाया गया है। गोल्डी बरार के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया जा चुका है। बरार पंजाब के मुक्तसर का रहने वाला है। वह साल 2017 में छात्र वीजा पर कनाडा गया था।
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डॉक्टर ने की पूरे परिवार की हत्या:पति-पत्नी का झगड़ा बना कारण
मुंबई। पुणे में जानवरों के एक डॉक्टर ने मंगलवार को अपने पूरे परिवार की हत्या कर दी। पहले उसने पत्नी का गला घोंटा, उसे फंदे पर लटाकाया। फिर दोनों बच्चों को घर के पास बने कुएं में फेंक दिया। इसके बाद घर आकर खुद भी फंदे से लटक कर आत्महत्या कर ली।
मामले को लेकर पुलिस ने एक सुसाइड नोट बरामद किया है। इसमें पति ने लिखा है कि वह पत्नी की प्रताड़ना से परेशान होकर ये कदम उठा रहा है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पूरा मामला- पुणे की दौंड तहसील के वरवंड इलाके में रहने वाले डॉ. अतुल दिवेकर (42) और पल्लवी दिवेकर (39) के बीच बीते कई दिनों से मामूली बात को लेकर झगड़ा चल रहा था। मंगलवार को भी किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था, जिसके बाद गुस्से में आकर अतुल ने पत्नी की हत्या कर दी। इसके बाद 6 साल की बेटी वेदांती और 9 साल के बेटे अद्वैत को कुएं में फेंक दिया।
स्थानीय लोगों ने बच्चों के शव कुएं में देखकर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने लोगों की मदद से शवों को बाहर निकाला। जब पुलिस लोगों के साथ बच्चों के घर गई तो वहां पति-पत्नी का शव फंदे से लटका हुआ मिला। शवों के पास ही पुलिस को सुसाइड नोट भी मिला। पुलिस ने सभी शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।
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मुंबई में उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे के करीबियों के यहां ED की रेड,15 ठिकानों पर तलाशी जारी
मुंबई। मुंबई के BMC कोविड सेंटर स्कैम मामले में बुधवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शहर के 15 ठिकानों पर छापेमारी की।
शिवसेना (उद्धव) के सचिव सूरज चव्हाण, IAS संजीव जैसवाल, संजय राउत के बिजनेस पार्टनर सुजीत पाटकर के ठिकानों पर तलाशी ली जा रही है।
मामला 12,500 करोड़ के BMC कोविड सेंटर स्कैम से जुड़ा है। ED ने कोविड सेंटर बनाने में मदद करने वाले BMC अफसरों और सप्लायर्स समेत अन्य लोगों के घरों पर भी रेड की है।
कोरोना काल में महाराष्ट्र में कई जगहों पर कोविड सेंटर बनाए गए थे। भाजपा का आरोप है कि सेंटर्स के ठेके उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे के करीबियों को मिले थे।
अधिकारियों के मुताबिक, सुजीत पाटकर और उनके 3 सहयोगियों ने महामारी के दौरान धोखाधड़ी कर कोविड-19 फील्ड अस्पतालों (कोविड सेंटर) के प्रबंधन का ठेका हासिल किया था।
मुंबई के आजाद मैदान की पुलिस ने पिछले साल अगस्त में पाटकर, उनके 3 सहयोगियों और लाइफलाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेज फर्म के खिलाफ जालसाजी का मामला दर्ज किया था।
मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच करने के लिए ED ने पुलिस की FIR के आधार पर केस दर्ज किया था। ED ने जनवरी में BMC कमिश्नर इकबाल चहल से भी पूछताछ की थी।
FIR के मुताबिक हॉस्पिटल मैनेजमेंट फर्म पार्टनर्स ने जून 2020 में BMC को कथित तौर पर पार्टनरशिप के फर्जी डॉक्यूमेंट्स सौंपे थे। इस आधार पर उन्होंने वर्ली, मुलुंड, दहिसार, NSEL और पुणे में कोविड सेंटर चलाने के ठेके हासिल किए थे।
इनके पास मेडिकल फील्ड में काम करने का कोई अनुभव नहीं था। जांच के बाद पता चला था कि इन कोविड सेंटर में तैनात डॉक्टर और दूसरे स्टाफ के पास मेडिकल सर्टिफिकेट नहीं थे। ये बीमार लोगों का इलाज करने में भी सक्षम नहीं थे।
ED ने पिछले साल 31 जुलाई को शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता संजय राउत को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था। वे 102 दिन बाद नवंबर में जेल से बाहर आए थे। संजय पर 1,039 करोड़ के पात्रा चॉल जमीन घोटाले में आरोप लगे थे।