This website uses cookies to ensure you get the best experience on our website.

मध्यप्रदेश में दो दिन तक तेज बारिश का दौर, डैम में रिसाव, दो गांव खाली कराए, रेलवे ट्रैक पर पानी भरा

User Rating: 4 / 5

Star ActiveStar ActiveStar ActiveStar ActiveStar Inactive
 


भोपाल। मध्यप्रदेश में मानसून के पहले सप्ताह में तेज बारिश के कारण नरसिंहपुर, उमरिया, सिवनी समेत कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए। ऐसे ही हालात शुक्रवार को भी बन सकते हैं। मौसम वैज्ञानिकों ने चेतावनी जारी की है। आकाशीय बिजली गिरने की भी आशंका है। भोपाल में सुबह से रिमझिम बारिश हो रही है। सिवनी में भारी बारिश के कारण डुंगरिया डैम की दीवार में रिसाव होने लगा। इससे आसपास के दो गांवों को खाली कराया गया है।
जबलपुर और नरसिंहपुर में बुधवार को हुई बारिश से नर्मदा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। नर्मदापुरम के सेठानी घाट पर नर्मदा नदी का जलस्तर गुरुवार सुबह 8 बजे 947 फीट पहुंच गया। 24 घंटे के अंदर 10 फीट से ज्यादा पानी बढ़ा है। यह खतरे के निशान से 18 फीट नीचे है। जिला प्रशासन व बचाव दल अलर्ट हो गए हैं।
तेज बारिश के कारण जबलपुर-इटारसी रेलवे ट्रैक पर करेली-नरसिंहपुर स्टेशन के बीच बालू रेवा ब्रिज पर पानी आ जाने के कारण करीब सात ट्रेनों के रूट डायवर्ट कर दिए गए हैं। 28 जून को रवाना हुई ट्रेनें को दूसरे रूट से निकाला जा रहा है। इसी प्रकार जबलपुर मंडल के कटनी- बीना ट्रैक पर सैलया स्टेशन के पास ट्रैक पर पानी भर गया।
सिवनी जिले के लखनादौन विकासखंड में लगातार बारिश से निचले क्षेत्रों में पानी भर गया। बारिश के कारण आदेगांव सड़क टूट गई, जिससे इस मार्ग पर आवागमन बंद हो गया। गनेशगंज के समीप डुंगरिया बांध की बाहरी दीवार में छेद होने से पानी रिसाव को देखते हुए डुंगरिया और बदनौर गांव को प्रशासन ने खाली कराया है। ग्रामीणों को जोगीगुफा व अन्य गांव में सुरक्षित पहुंचाया गया।
मध्यप्रदेश में पिछले 24 घंटे में कई शहरों में पानी गिरा। दमोह में सबसे ज्यादा 143 मिमी यानी साढ़े 5 इंच से ज्यादा बारिश हुई। खजुराहो में भी तेज बारिश का सिलसिला जारी रहा। इसी प्रकार दमोह में 5.6, खजुराहो 3.8, रीवा 2.5, गुना 2.5, सतना 2.2, पचमढ़ी 2.1, मंडला 2.0, उमरिया 1.8, नौगांव 1.5, शिवपुरी 1.5, जबलपुर 1.2, टीकमगढ़ 0.9 सागर 0.8, छिंदवाड़ा 0.6, उज्जैन 0.5, रायसेन 0.5, धार 0.3, नरसिंहपुर 0.3, सीधी 0.2, नर्मदापुरम 0.2, नर्मदापुरम 0.1 और रतलाम में रतलाम 0.1 इंच बारिश हुई। इसके अलावा पिछले 24 घंटे में भोपाल, बैतूल, इंदौर, दतिया, सिवनी में भी बारिश दर्ज की गई।
टीकमगढ़ जिले के बड़ागांव थाना क्षेत्र में बुधवार रात एक 12 साल बच्चा धसान नदी के टापू पर फंस गया। देर रात परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस और एसडीईआरएफ टीम ने नदी के दोनों छोर पर रस्सी बांधकर बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाला लिया। एसपी रोहित काशवानी ने बताया कि बच्चा अपने दोस्तों के साथ मवेशी चराने गया था। इस दौरान जलस्तर बढ़ने से बच्चा टापू पर फंस गया।

---------------------------------------
विधानसभा चुनाव के पहले प्रदेश में होंगे मंडी चुनाव, शुरू होगी प्रक्रिया
जबलपुर। मप्र में विधानसभा चुनाव के पहले ही मंडी के चुनाव होंगे। हाई कोर्ट के पूर्व निर्देश के पालन में राज्य शासन ने जवाब पेश कर साफ किया कि प्रदेश में मंडी चुनाव की प्रक्रिया दो सप्ताह में शुरू कर दी जाएगी। बुधवार को शासन द्वारा पेश किए गए इस जवाब के बाद मंडी चुनाव का बिगुल तैयार हो गया है। फिलहाल, मतदाता सूची का पुनरीक्षण कार्य शुरू कर दिया गया है।
मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने जवाब को अभिलेख पर लेते हुए मामले की अगली सुनवाई 23 अगस्त को निर्धारित की है। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य शासन पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था।
जनहित याचिकाकर्ता नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के संयोजक मनीष शर्मा सहित अन्य की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि मंडी अधिनियम की धारा-11 में मंडी समितियों के गठन का प्रविधान है। धारा-13 में मंडी समितियों का कार्यकाल पांच वर्ष निर्धारित किया गया है। धारा-59 में राज्य शासन को यह शक्ति दी गई है कि वह पांच वर्ष की अवधि पूरी होने के बाद एक वर्ष के लिए चुनाव आगे बढ़ा सकता है। किंतु किसी भी सूरत में यह अवधि दो वर्ष से अधिक नहीं हो सकती। इसके बावजूद मध्य प्रदेश में मनमानी की जा रही है। राज्य में मंडी समिति का कार्यकाल जनवरी-2018 में समाप्त हो चुका है। जिसके बाद कार्यकाल बढ़ाया गया। इसीलिए व्यापक जनहित में हाई कोर्ट चले आए।
प्रदेश भर की मंडियों के चुनाव नहीं होने से इसका भार प्रशासनिक अधिकारियों के पास आ गया था। ज्ञात हो कि कार्यकाल पूरा हो जाने के बाद कृषि उपज मंडियों में बनी समितियां 6 जनवरी 2019 को भंग हो गई थीं। इसके बाद मंडियों का कार्यभार प्रशासनिक अधिकारियों के पास आ गया था। अब तक प्रशासनिक अधिकारियों की ही निगरानी में प्रदेश की मंडियों में देखरेख, कामकाज और मंडियों से जुड़े निर्णय लिए जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि 2012 में प्रदेश की मंडियों में मंडी समिति के चुनाव हुए थे। जिसके बाद 2017 में चुनाव होने थे, लेकिन मंडी समिति का कार्यकाल दो बार छह-छह माह के लिए बढ़ा दिया गया था। कार्यकाल एक साल बढऩे के बाद वर्ष 2018 में मंडी चुनाव होने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन तय समय से अधिक समय बीतने के बाद भी चुनाव नहीं होने के कारण 6 जनवरी 2019 को मंडियों में बनी समितियां भंग हो गई थीं।
----------------------------------
जिले में बारिश से रिहायशी इलाके तक पहुंचा मगरमच्छ
शिवपुरी। जिले में बारिश के साथ ही नदी-नालों से होकर मगरमच्छों के रिहायशी बस्ती तक पहुंचने की समस्या भी शुरू हो गई है। गुरुवार की सुबह फिजिकल क्षेत्र में रिहायशी इलाके में छह फीट लंबा मगरमच्छ पहुंच गया।
मिली जानकारी के अनुसार नाले में मगरमच्छ को देख आसपास के लोग जमा हो गए। कुछ लोग गेंद लेकर आए और उसके खुले मुंह में निशाना बनाते हुए फेंकने लगे। इस दौरान नेशनल पार्क की रेस्क्यु टीम पहुंची और रस्सियों व लाठी के सहारे बांधकर ले गए और सांख्य सागर झील में छोड़ दिया। जाधव सागर और भुजरिया ताल शहर के मध्य में ही स्थित हैं। इनसे होते हुए मगरमच्छ नालों में पहुंच जाते हैं और फिर यहां से कालोनियों में भी चले जाते हैं। कई बार स्थानीय लोग भय न खाते हुए उसे खुद पकड़ लेते हैं। इस माह में ही यह तीसरी घटना है।