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आंध्र प्रदेश की फार्मा फैक्ट्री में आग, 5 की मौत, 6 से ज्यादा कर्मचारी घायल

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आंध्र प्रदेश। आंध्र प्रदेश के अनाकापल्ली में शुक्रवार को एक दवा की फैक्ट्री में आग लग गई। हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई। वहीं, 6 से ज्यादा कर्मचारी घायल हो गए। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, आग अच्युतापुरम इंडस्ट्रियल स्पेशल इकोनॉमिक जोन में स्थित सहिथी फार्मा में लगी।
अनकापल्ली के SP मुरली कृष्णा ने बताया कि अच्युतापुरम इंडस्ट्रियल स्पेशल इकोनॉमिक जोन में स्थित सहिथी फार्मा में एक रिएक्टर में ब्लास्ट के कारण लगी। कंपनी के 6 कर्मचारी घायल हुए हैं, जिनमें 2 की हालत गंभीर हैं। करीब 15 कर्मचारियों को फायर की टीम ने बाहर निकाल लिया है।
कंपनी के एक कर्मचारी ने बताया कि उसने ब्लास्ट की तेज आवाज सुनी। इसके बाद तुरंत ही आग लग गई और किसी को कुछ समझने का मौका ही नहीं मिला। सभी कर्मचारी घबराकर बाहर की ओर भागे। आग इतनी भीषण थी उठता काला घना धुआं 5 किमी दूर से भी दिखाई दे रहा था।
अनकापल्ली के एसपी मुरली कृष्णा ने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। घटना कैसे हुई और इसमें प्रबंधन की कोई लापरवाही थी या नही, इसकी जांच की जाएगी। फायर ब्रिगेड की टीम से भी हादसे को लेकर जानिकारियां जुटाई जा रही हैं।
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ट्विटर पर 50 लाख जुर्माना, ट्वीट ब्लॉक नहीं किए:केंद्र का आदेश था
बेंगलुरु। कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार के आदेश के खिलाफ लगाई गई ट्विटर की याचिका खारिज कर दी। ट्विटर ने कुछ लोगों के अकाउंट, ट्वीट और URL ब्लॉक करने के केंद्र सरकार के आदेश को कोर्ट में चुनौती दी थी।
सुनवाई करते हुए जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित ने कहा कि ट्विटर को सरकार के आदेशों का पालन करना चाहिए था। कोर्ट ने ट्विटर पर 50 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया।
हाईकोर्ट की 5 टिप्पणियां, जुर्माने के साथ शर्त भी
1. जुर्माना 45 दिन के भीतर भरना होगा। अगर नहीं भरा तो इस अवधि के बाद हर दिन 5 हजार और देने होंगे।
2. अदालत को वजह भी नहीं बताई कि केंद्र का ट्वीट ब्लॉक करने का आदेश क्यों नहीं माना।
3. आप एक मल्टी बिलेनियर कंपनी हो, कोई किसान या फिर आम आदमी नहीं, जिसे कानून नहीं पता हैं।
4. यह जानते हुए भी कि आदेश न मानने पर 7 साल की सजा और फाइन लगाया जा सकता है। ट्विटर ने सरकार के आदेशों का पालन नहीं किया।
5. जिसका ट्वीट ब्लॉक कर रहे हैं, उसे कारण बताएं। साथ ही यह भी कि यह प्रतिबंध कुछ समय के लिए है या फिर अनिश्चित काल के लिए।
ट्विटर ने हाईकोर्ट से कहा था- केंद्र के पास सोशल मीडिया पर अकाउंट ब्लॉक करने का जनरल ऑर्डर इश्यू करने का अधिकार नहीं है। ऐसे आदेशों में वजह भी बताई जानी चाहिए ताकि हम इसे यूजर्स को बता सकें। अगर ऑर्डर जारी करते वक्त वजह नहीं बताई जाती है तो इस बात की आशंका बनी रहती है कि बाद में कारण बनाए भी जा सकते हैं।
ट्विटर ने दावा किया था कि सरकार के आदेश सेक्शन 69 ए का उल्लंघन करते हैं। सेक्शन 69 ए के तहत अकाउंट यूजर्स को उनके ट्वीट और अकाउंट ब्लॉक किए जाने पर जानकारी देनी होती है। लेकिन मंत्रालय ने उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया।
केंद्र सरकार ने अदालत से कहा- ट्विटर अपने यूजर्स की तरफ से नहीं बोल सकता है। इस मामले में उसका कोर्ट में अपील दायर करने का कोई अधिकार नहीं बनता है। ट्वीट ब्लॉक करने का आदेश बिना विवेक के या एकतरफा तरीके से नहीं लिया गया था। राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए ट्विटर को ब्लॉक करने के आदेश दिए गए थे, जिससे लिंचिंग और मॉब वॉयलेंस की घटनाओं को रोका जा सके।
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केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची केजरीवाल सरकार
नई दिल्ली। केजरीवाल सरकार ने ट्रांसफर.पोस्टिंग के अधिकार को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार दिल्ली के सीएम केजरीवाल की सरकार को सौंपे थे। पर केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर कोर्ट का फैसला पलट दिया था। बस इसके बाद से केजरीवाल ने केंद्र सरकार के खिलाफ मुहिम छेड़ दी है।
दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने ट्रांसफर.पोस्टिंग के अधिकार के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। सुप्रीम कोर्ट ने एक सुनवाई में ट्रांसफर.पोस्टिंग के अधिकार के फैसले को केजरीवाल सरकार के हक में सुनाया था। पर मोदी सरकार इसे हजम नहीं कर सकी। और तुरंत एक अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया। इस अध्यादेश के बाद ट्रांसफर.पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली की आप सरकार से छीन लिया गया। तब से दिल्ली सीएम व आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है। और विपक्ष की पार्टियों को एकत्र कर राज्यसभा में उन्हें मात देने की रणनीति बना रहे हैं।
केजरीवाल सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा, केंद्र सरकार के लाए गए अध्यादेश पर तत्काल रोक लगाई जाए। यह अध्यादेश असंवैधानिक है।
दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस मुद्दे को लेकर कई नेताओं का समर्थन मांगा है। केजरीवाल ने ममता बनर्जी, नीतीश कुमार, स्टालिन,उद्धव ठाकरे और शरद पवार समेत कई नेताओं से मुलाकात की थी। पर अभी कांग्रेस से इस मुद्दे पर केजरीवाल को समर्थन नहीं मिला है।
इसके साथ ही आम आदमी पार्टी ने केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ अपने कैंपेन के अगले चरण की घोषणा कर दी गई है। आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार के अध्यादेश की प्रतियां जलाने का फैसला किया है। तीन जुलाई को आम आदमी पार्टी केंद्र के अध्यादेश की प्रतियां जलाएगी।
आम आदमी पार्टी ने पांच जुलाई को सभी विधानसभाओं में और छह से 13 जुलाई तक हर गली-मोहल्ले-चौके पर अध्यादेश की प्रतियां जलाने का फैसला किया है।
इस अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने रामलीला मैदान में हुई महारैली की थी। जिसमें सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि प्रधानमंत्री ने दिल्ली के लोगों के वोट का अपमान किया। 140 करोड़ लोग मिलकर संविधान बचाएंगे।

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अमरनाथ यात्रा : यात्रियों का पहला जत्था रवाना:उधमपुर में सुरक्षाबलों का काफिला पहाड़ से टकराया
बाबा अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई से शुरू हो रही है। पवित्र गुफा की ओर अमरनाथ यात्रियों का पहला जत्था शुक्रवार सुबह जम्मू से रवाना किया गया।
तड़के करीब सवा चार बजे पूजा अर्चना के बाद उप राज्यपाल और अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष मनोज सिन्हा ने पहले जत्थे को रवाना किया।
जत्था अनंतनाग होते हुए नुनवान बेस कैंप पहुंच चुका है। यहां कश्मीरियों ने हार पहनाकर यात्रियों का स्वागत किया है। इस बार यह यात्रा 62 दिन चलेगी। दरअसल, इस बार सावन दो महीने हैं।
पहले दिन कुल 2189 श्रद्धालुओं को बालटाल रूट के लिए टोकन जारी किया गया। इनमें से पंचायत भवन रजिस्ट्रेशन सेंटर पर 135 श्रद्धालुओं का बालटाल रूट के लिए तत्काल रजिस्ट्रेशन मिला।
इधर, उधमपुर में यात्रा की सिक्योरिटी में लगा सुरक्षाबलों का एक वाहन पहाड़ से टकरा गया। इसमें एक DSP समेत 4 पुलिसकर्मी घायल हो गए। SSP विनोद कुमार ने बताया कि घायलों को उधमपुर जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है। सभी खतरे से बाहर हैं।