दिल्ली। दिल्ली के भजनपुरा इलाके में रविवार सुबह CRPF और दिल्ली पुलिस की निगरानी में एक हनुमान मंदिर और मजार को हटाया गया। सड़क चौड़ी करने के लिए राजधानी के PWD डिपार्टमेंट ने यह कार्रवाई की। मंदिर हटाने से पहले एडिशनल DCP सुबोध गोस्वामी ने हनुमान जी की पूजा भी की।
कार्रवाई का पहले विरोध हुआ था, जिसे देखते हुए सुरक्षाबलों को विशेष तौर पर तैनात किया गया था। इसके अलावा किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए कार्रवाई के दौरान पूरे इलाके की ड्रोन से निगरानी भी की गई।
पिछले हफ्ते पूर्वी दिल्ली के मंडावली में MCD ने शनि मंदिर के बाहर अवैध रेलिंग को तोड़ा था। कार्रवाई को लेकर स्थानीय लोगों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प भी हुई थी। लोगों के विरोध को देखते हुए यहां CRPF तैनात करना पड़ा था।
दिल्ली नॉर्थ-ईस्ट के DCP जॉय एन तिर्की ने बताया कि दिल्ली की धार्मिक मामलों की कमेटी ने भजनपुरा इलाके में एक हनुमान मंदिर और एक मजार को हटाने का फैसला लिया था। जिससे सहारनपुर हाईवे की रोड को चौड़ा किया जा सके। स्थानीय लोगों के सहयोग से दोनों धार्मिक स्थलों को शांतिपूर्ण ढंग से हटा दिया गया। उन्होंने कहा कि दोनों स्ट्रक्चर आपसी सहमति से हटाए गए हैं। मंदिर के पुजारी ने खुद ही मूर्तियों को गाड़ी में रखा।
सीलमपुर के SDM शरत कुमार ने बताया कि भजनपुरा चौक पर एक हनुमान मंदिर और सड़क के बीच एक मजार थी। यह PWD की सड़क पर थे। इन्हें हटाने के लिए संबंधित लोगों को 15 दिन का नोटिस दिया गया था, जो 15 मई को खत्म हो गया। इसके बाद PWD ने अभियान चलाकर दोनों धार्मिक स्थलों को हटाया।
PWD के अधिकारियों के मुताबिक भजनपुरा में डबल डेकर फ्लाई-ओवर का निर्माण हो रहा है। इसमें ऊपर मेट्रो रूट और नीचे आम लोगों के लिए सड़क होगी। मंदिर और मजार की वजह से यहां हर दिन जाम की स्थिति बनी रहती है, इसलिए इसे स्थानीय लोगों की सहमति के बाद हटाया गया।
उधर, दिल्ली सरकार में PWD मिनिस्टर आतिशी ने इस कार्रवाई का विरोध किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा- LG साहब, मैंने कुछ दिनों पहले आपको पत्र लिख कर अनुरोध किया था कि दिल्ली में मंदिरों एवं अन्य धार्मिक स्थलों को तोड़ने का अपना फैसला वापस ले लें।
फिर भी आज आपके आदेश पर भजनपुरा में एक मंदिर तोड़ दिया गया। मेरा आपसे निवेदन है कि दिल्ली में मंदिरों एवं अन्य धार्मिक स्थलों को न तोड़ा जाए। इनसे लोगों की आस्था जुड़ी है।
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अचानक बनाया प्लान, फिर चंद्रशेखर पर फायरिंग:DIG ने किया वारदात का खुलासा, बोले- भीम आर्मी चीफ के बयानों से नाराज थे आरोपी
सहारनपुर। भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर के हमलावरों की गिरफ्तारी के बाद रविवार को DIG अजय कुमार साहनी ने घटना का खुलासा किया। आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह चंद्रशेखर की बयानबाजी से नाराज थे। उन्होंने 28 जून को अचानक हमले का प्लान बनाया। उसी दिन रेकी की और कार्यक्रम से निकलते ही चंद्रशेखर पर फायरिंग कर दी।
उन्होंने कहा, आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 5 टीमों का गठन किया गया था। सभी आरोपियों को शनिवार को अंबाला के ढाबे से गिरफ्तार किया गया। पकड़े गए आरोपियों में लविश, विकास और प्रशांत देवबंद के गांव रणखंडी के रहने वाले हैं। जबकि चौथा आरोपी विकास हरियाणा के करनाल का रहने वाला है।
डीआईजी अजय कुमार साहनी ने बताया, 28 जून को चंद्रशेखर और उनके साथी मनीष पर कुछ अज्ञात लोगों ने फायरिंग की। जिसमें चंद्रशेखर घायल हो गए। घटना सामने आने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई के लिए 5 टीमों का गठन किया। टीम ने दिल्ली, एनसीआर, उत्तराखंड, मेरठ, मुजफ्फरनगर और हरियाणा छापेमारी की। कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया।
इस बीच, पुलिस को सूचना मिली कि ये लोग अंबाला में सरेंडर करने वाले हैं। इस पर तत्काल एक टीम का गठन कर उसे अंबाला के लिए रवाना किया गया। शनिवार सुबह शहजादपुर क्षेत्र में अग्रवाल ढाबा के पास से पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया। इन्हें सहारनपुर लाया गया।
यहां पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया, हम लोग 28 जून की सुबह करनाल से मेरठ लौट रहे थे। रास्ते में रोहाना कला टोल के पास खाना खाने के लिए एक ढाबे पर रुके। उस समय यहां पर काफी भीड़ थी। लोगों से पूछा तो पता चला कि चंद्रशेखर अपने समर्थकों के साथ देवबंद किसी कार्यक्रम में जा रहे हैं। दरअसल, पिछले कुछ महीनों से चंद्रशेखर ने दिल्ली और आस-पास के क्षेत्रों में उल्टे सीधे बयान दिए थे। जिससे हम काफी नाराज थे।
इसके बाद हमनें वहीं तय कर लिया कि आज चंद्रशेखर की हत्या कर देंगे। खाना खाकर हम भी देवबंद पहुंच गए। इसके बाद उनके कार्यक्रम की रेकी की। उस समय हमारे पास दो तमंचे थे। गाड़ी करनाल के रहने वाले विकास की थी और वही गाड़ी चला रहा था। उसके बगल में लविश बैठा था। लविश के पीछे वाली सीट पर विकास उर्फ विक्की और उसके बगल में प्रशांत बैठा था।
हम गाड़ी में बैठकर चंद्रशेखर के निकलने का इंतजार कर रहे थे। वह जैसे ही गाड़ी में बैठकर निकला हम भी उसकी गाड़ी का पीछा करने लगे। कुछ दूर जाकर स्पीड़ ब्रेकर पर गाड़ी धीरे हुई। हमारी गाड़ी ने उसकी गाड़ी को ओवरटेक किया और उस पर हमने तीन राउंड फायरिंग की।
दो राउंड पीछे बैठे हुए विक्की और एक राउंड प्रशांत ने गोली चलाई। ऐसा करते ही हम वहां से भाग निकले। कुछ दूर जाते ही गाड़ी में तेल खत्म होने के कारण हमने वह गाड़ी मिरगपुर में छोड़ दी और हम यहां से दूर जाकर जंगलों में छुप गए। जंगल में छुपते-छुपते हम किसी तरह दो दिन में अंबाला पहुंचे।
सहारनपुर में गुरुवार को भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने बड़ा बयान दिया। जिला अस्पताल से डिस्चार्ज होने से पहले चंद्रशेखर ने यूपी सरकार और पुलिस पर कई सवाल खड़े किए हैं। चंद्रशेखर ने कहा, शायद सीएम इंतजार कर रहे थे कि मैं मरूं तो श्रद्धांजलि दें, लेकिन मैं अभी मरने वाला नहीं हूं। मेरे ऊपर मेरे समाज की जिम्मेदारी है।''
उन्होंने कहा, ''मैंने कई बार गृहमंत्री, सीएम, डीजीपी और पुलिस को लेटर लिखकर कहा कि मेरे साथ इस तरह की घटना हो सकती है। लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। हमले में सफेदपोश और खाकी कॉलर के लोग शामिल थे। जांच होने पर दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।''
भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने कहा, 'आरोपी सुबह 10 बजे से घात लगाए बैठे थे। वह आसपास घूमते रहे। बदमाशों ने गोली चलाई। पहली गोली मेरे सिर के पास से होकर निकली। दूसरी गोली मुझे लगी। तीसरी गोली शीशे पर लगी। जिसका कांच मेरे साथी को लगा। उनको लगा मैं मर गया।
चौथी गोली गाड़ी रोककर नंबर प्लेट पर मारी। मुझे ऐसा लगता है कि उन्होंने मेरी हत्या करने के बाद सरेंडर करने का मन बना रखा था। उन्होंने हवाई फायर भी की। अचानक से ये सब हो गया, जिसे मैं समझ नहीं पाया।
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अजित पवार 5वीं बार महाराष्ट्र के डिप्टी CM बने:31 महीने में तीसरी बार शपथ ली
मुंबई। महाराष्ट्र में रविवार को बड़ा पॉलिटिकल उलटफेर हुआ। NCP के नेता अजित पवार ने दोपहर ढाई बजे शिवसेना के एकनाथ शिंदे की सरकार में डिप्टी CM पद की शपथ ली। शपथ के तुरंत बाद ट्विटर प्रोफाइल बदला और लिखा- डिप्टी सीएम ऑफ महाराष्ट्र।
अजित पवार 8 विधायकों छगन भुजबल, धनंजय मुंडे, अनिल पाटिल, दिलीप वलसे पाटिल, धर्मराव अत्राम, संजय बनसोड़े, अदिति तटकरे और हसन मुश्रीफ के साथ दोपहर करीब 2 बजे राजभवन पहुंचे। 3 बजते-बजते CM शिंदे और डिप्टी CM देवेंद्र फडवणीस की मौजूदगी में सभी को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई।
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, अजित समेत बाकी विधायक शरद पवार के पटना में विपक्षी एकता बैठक में मंच साझा करने और राहुल गांधी के साथ सहयोग करने के एकतरफा फैसले से नाराज थे।
महाराष्ट्र में अगले साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके छह महीने पहले आम चुनाव होंगे। अजित के सरकार में शामिल होने के बाद सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि हम विधानसभा और लोकसभा चुनाव में पहले से ज्यादा सीटें जीतेंगे। महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि हमारी सरकार को 40 NCP विधायकों का समर्थन प्राप्त है।
शपथ समारोह के बाद अजित पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कहा- मंत्रिमंडल का और विस्तार होगा। कुछ मंत्री सरकार में शामिल हो सकते हैं। कई दिनों से इस बारे में बातचीत चल रही थी। पीएम मोदी देश के विकास के लिए पिछले 9 साल से कई काम कर रहे हैं। मुझे लगा कि हमें भी उनका साथ देना चाहिए। इसलिए मैं NDA में शामिल हुआ।
महाराष्ट्र को विकास करने वाला नेतृत्व चाहिए। भुजबल और मैंने विकास को तवज्जो दी। केंद्र का सहयोग और पैसा महाराष्ट्र को मिलता रहे। इसलिए हमने यह फैसला लिया। पार्टी भी हमारे साथ है। आगे भी सभी चुनाव हम पार्टी के नाम और सिंबल पर ही लड़ेंगे।
नगालैंड में भी ऐसा हुआ था। वहां भी हमारी पार्टी के चुने गए 7 विधायकों ने BJP के साथ जाने का फैसला लिया था। हमने उद्धव के साथ भी सरकार बनाई थी, तो शिंदे के साथ जाने में क्या गलत है। हमारे पास सरकार चलाने का अनुभव है।
छगन भुजबल बोले- शरद पवार ने भी कहा था कि देश में मोदी सरकार ही फिर से आने वाली है। कई लोग कहेंगे कि हमारे खिलाफ जांच एजेंसियों के केस हैं, इसलिए हम साथ आए, लेकिन कई विधायक हैं, जिनके खिलाफ कोई केस नहीं है, वे भी शिंदे सरकार के साथ आए हैं।
अजित और छगन भुजबल की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद शरद पवार मीडिया के सामने आए। वे बोले- ये पार्टी मैंने बनाई थी। पार्टी के कार्यकर्ताओं पर मुझे पूरा विश्वास है। मैं महाराष्ट्र में घूमकर कार्यकर्ताओं को एकजुट करूंगा। अजित ने पार्टी से बगावत की है। 2024 का चुनाव विपक्ष के साथ मिलकर लड़ा जाएगा।