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बिजली के खंभे पर पांच घंटे लटका रहा शव:एमपीईबी के तीन लोगों पर एफआईआर

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शिवपुरी। शिवपुरी जिले के बदरवास थाना क्षेत्र के बारई गांव में रविवार सुबह बिजली के खंभे पर चढ़े एक युवक की करंट लगने से मौत हो गई। युवक का शव पांच घंटे तक खंभे पर ही लटका रहा। परिजन पहले आरोपियों पर मामला दर्ज कराने की मांग पर अड़े रहे। मौके पर पहुंचे कोलारस एसडीओपी और थाना प्रभारी की समझाइश के बाद भी परिजन नहीं माने। आखिरकार परिजनों की शिकायत पर एमपीबीई के सुपरवाइजर व ऑपरेटर समेत तीन लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया। इसके बाद शव को पांच घंटे बाद नीचे उतारा गया।
जानकारी के मुताबिक बारई गांव का रहने वाले 25 साल के विनोद कुशवाह पुत्र बृजेश कुशवाह को गुडाल गांव निवासी बंटी पुरी नाम के बिजली विभाग के आउट सोर्स लाइनमैन ने परमिट का हवाला देते हुए बिजली के ट्रांसफॉर्मर का डीओ बांधने सुबह साढ़े आठ बजे के लगभग बिजली के खंभे पर चढ़ा दिया था। इसी दौरान विनोद कुशवाह को बिजली का तेज झटका लग गया। इसके चलते वह खंभे पर ही लटका रहा।
सूचना के बाद मौके पर पहुंचे परिजनों ने शव उतारने से पहले आरोपी लाइनमैन के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की। इसी मांग को लेकर शव करीब पांच घंटे तक बिजली के लंबे पर ही लटका रहा। बताया गया है कि आउट सोर्स के पद पर पदस्थ लाइनमैन बंटी पुरी विनोद कुशवाह को कुछ पैसे का लालच देकर अक्सर इस तरह के कार्य नियम विरुद्ध करवाता रहता था।
बदरवास थाना पुलिस ने पीड़ित परिवार की शिकायत पर बिजली विभाग के लाइनमैन बंटी पुरी, एमपीईबी के सुपरवाइजर व ऑपरेटर अविनाश जाटव और बिजली कंपनी के ठेकेदार (अज्ञात) के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला मौके पर दर्ज किया। तब कहीं जाकर 5 घंटे बाद सबको बिजली के खंभे से उतारने पर परिजन राजी हुए। इधर, एमपीईबी के अधिकारियों ने लापरवाह आउट सोर्स कर्मचारी लाइनमैन और ऑपरेटर पर कार्रवाई करने की बात कही है। साथ ही पीड़ित को 4 लाख रुपए की सहायता राशि देने की भी बात कही है।
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अनुसूचित जाति-जनजाति और ओबीसी वर्ग के लिए अलग से वचन पत्र लाएगी कांग्रेस
भोपाल । नवंबर में होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस हर वर्ग को साधने में जुटी है। सरकार में आने पर पार्टी किस वर्ग के लिए क्या करेगी, इसका उल्लेख वचन पत्र में किया जाएगा। अनुसूचित जाति-जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए अलग से वचन पत्र जारी होगा।
इसमें स्वरोजगार, कौशल विकास और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में बताया जाएगा। इसकी जानकारी आमजन तक पहुंचाने की जिम्मेदारी पार्टी के संबंधित विभागों की रहेगी। 230 सदस्यीय मध्य प्रदेश विधानसभा में 47 सीटें अनुसूचित जनजाति और 35 सीटें अनुसूचित जाति वर्ग के लिए सुरक्षित हैं।
वचन पत्र तैयार करने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष राजेन्द्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में समिति बनाई है। इसने सभी वर्गों से संबंधित विषयों पर उप समितियों के माध्यम से जानकारी एकत्र करके राज्य स्तरीय वचन पत्र का प्रारूप तैयार किया है।
पार्टी सरकार में आने पर अनुसूचित जाति-जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए क्या करेगी, इसे अलग-अलग वचन पत्र जारी कर बताया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी पार्टी के संबंधित विभागों की रहेगी। प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 47 और अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 35 सीटें सुरक्षित हैं। भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही इन वर्गों को अपने पक्ष में करने के लिए प्रयासरत हैं।
शिवराज सरकार ने अनुसूचित जाति-जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के युवाओं के लिए अलग-अलग स्वरोजगार योजनाएं प्रारंभ की हैं। पेसा के नियम लागू करके आदिवासी वर्ग को अधिकार संपन्न बनाने का काम किया है। वहीं, कांग्रेस कमल नाथ सरकार में इन वर्गों के लिए किए गए कामों को आधार बना रही है।
उधर, वचन पत्र समिति के अध्यक्ष का कहना है कि आज प्रत्येक वर्ग यह जानना चाहता है कि पार्टी सरकार बनने पर उनके लिए क्या करेगी। इसे अच्छे तरीके से जनता के बीच रखने के लिए अलग-अलग वचन पत्र तैयार किए जा रहे हैं।सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़ा वर्ग के युवाओं को यह वचन देगी कि सरकार में आने पर उनके लिए स्वरोजगार योजनाएं लागू की जाएंगी। साथ ही कौशल विकास का प्रशिक्षण दिलाकर प्रदेश में स्थापित उद्योगों में नियोजित करने के प्रयास भी किए जाएंगे।
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अविवाहित बहनों को भी एक हजार रुपये महीना देने पर विचार कर रही शिवराज सरकार
भोपाल।मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार लाड़ली बहना योजना में 21 से 22 वर्ष आयुवर्ग की अविवाहित बहनों को भी शामिल करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही उन्हें भी प्रतिमाह एक हजार रुपये मिलने लगेंगे। दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 21 वर्ष आयु की बहनों को भी योजना का लाभ देने की घोषणा की है।
प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया है कि इस आयुवर्ग की प्रदेश में करीब 18 लाख बहनें हैं। इनमें से केवल विवाहित बहनों को लाभ दिया जा रहा है, इससे लगभग आठ लाख बहनें लाभ से वंचित हो रही हैं। योजना में वर्तमान में अविवाहित बहनों को लाभ देने का प्रविधान नहीं है।
योजना में अभी 23 से 60 वर्ष की विवाहित बहनों को एक हजार रुपये महीना देने का प्रविधान है। कई मंत्रियों ने 18 वर्ष की बहनों को भी योजना में शामिल करने की मांग उठाई है। कई मंत्रियों का मानना है कि 21-22 आयुवर्ग में आठ लाख बहनों को छोड़ दिया, तो गलत मैसेज जाएगा, जो चुनावी वर्ष में ठीक नहीं है।
इसलिए इस आयुवर्ग में अविवाहित बहनों को भी शामिल करने पर गंभीरता से मंथन किया जा रहा है। यह भी संभव है कि सरकार अगले सप्ताह तक इसकी घोषणा कर दे और ऐसी बहनों से योजना के अंतर्गत आवेदन लेने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाए।