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टैंकर ने सवारियों से भरे ऑटो को मारी टक्कर, 12 लोगों की मौत, कई घायल

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सोमवार को रायबरेली से वाराणसी की ओर जा रहे एक एलपीजी टैंकर ने सवारियों से भरा ऑटो को टक्कर मार दी। इस हादसे में ऑटो में सवार महिला और बच्चों सहित 12 लोगों की मौत हो गई। हादसे की सूचना मिलने पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर घटना पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने घायलों को पचास हजार और मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषणा की।
सोमवार दोपहर प्रतापगढ़ से एक टेंपो सवारी जेठवारा की तरफ जा रहा था। सुखपालनगर से मोहनगंज के बीच एक तेज रफ्तार गैस टैंकर, बाइक सवार को बचाने के चक्कर में टेंपो को रौंदता हुआ पलट गया। जानकारी मिलते ही आसपास के लोगों के साथ पुलिस भी मौके पर पहुंची। सभी को ऑटो से निकालकर मेडिकल कॉलेज भेजा गया। इस हादसे में 7 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 5 लोगों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। घायलों में 4 को गंभीर हालत में प्रयागराज रेफर कर दिया गया।
घटना की सूचना मिलने पर डीएम प्रकाश चंद्र श्रीवास्तव और एएसपी रोहित मिश्र सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया। डीएम ने मेडिकल कॉलेज प्राचार्य को घायलों को हर संभव इलाज का निर्देश दिया है। सूचना पर एसडीएम सदर, सीओ सिटी, सीअी लालगंज मौके पर पहुंचे। टैंकर में गैस रिसाव होने की सूचना पर फायर ब्रिगेड को बुलाया गया और टैंकर पर पानी डाला गया।
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दिल्ली में बंद रहेंगे पांचवीं तक के स्कूल, मंडराया बाढ़ का खतरा
सोमवार को लगातार तीसरे दिन राष्ट्रीय राजधानी के कुछ हिस्सों में भारी बारिश शुरु हो गई है।एनसीआर में भी कई जगह बारिश हुई। बारिश की वजह से कई इलाकों में जलजमाव की समस्या खड़ी हो गई। इससे पहले रविवार को भी दिल्ली में दिन भर हुई मूसलाधार बारिश ने पिछले 20 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। उधर, अगले दिन भी बारिश की संभावना को देखते हुए 11 जुलाई को दिल्ली में शिक्षा निदेशालय के तहत सभी सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में नर्सरी से पांचवीं कक्षा के छात्रों के लिए छुट्टी घोषित कर दी गई है। वहीं सभी एमसीडी स्कूल, एमसीडी सहायता प्राप्त और मान्यता प्राप्त स्कूल सभी छात्रों के लिए बंद रहेंगे।
यमुना के बढ़ते जलस्तर के साथ दिल्ली पर बाढ़ का खतरा भी मंडरा रहा है। हथिनीकुंड बैराज से रोजाना 1 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी यमुना में छोड़ा जा रहा है। यमुना में खतरे का निशान 204.50 मीटर है और रात आठ बजे तक यमुना का जलस्तर 205.76 मीटर पहुंच गया है। हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी यमुना में छोड़ा जा रहा है, जिससे हालात और ख़राब हो गए हैं। दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जैसे ही यमुना नदी 206 मीटर के जलस्तर को पार कर जाएगी, हम नदी के किनारे निकासी शुरू कर देंगे। बता दें कि यमुना नदी के किनारे तकरीबन 30 हजार लोग रहते हैं।
बारिश की वजह से सबसे ज्यादा समस्या ट्रैफिक की होती है। लोग घंटों जाम में फंसे रहते हैं। इस बारे में दिल्ली ट्रैफिक के स्पेशल सीपी सुरेंद्र सिंह यादव ने बताया कि दिल्ली में यातायात चलता रहे इसके लिए पुलिस बल दो शिफ्ट में 3600 लोगों को तैनात किया गया था और प्रयास किया गया कि जहां भी जलभराव हो, जहां पर बारिश की वजह से यातायात में बाधा हो, उस समस्या को जल्द से हल किया जाए।
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दिल्ली अध्यादेश मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को भेजा नोटिस, दो हफ्ते बाद फिर होगी सुनवाई
दिल्ली के लिए जारी अध्यादेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ दी गई दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। इस मामले में सीजेआई ने कहा कि इस पर विस्तार से सुनवाई की जरूरत है और 2 हफ्ते बाद फिर सुनवाई होगी। आपको बता दें कि दिल्ली की आप (AAP) सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं पर नियंत्रण से जुड़े केंद्र के अध्यादेश की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है। सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने इस अध्यादेश पर रोक की मांग की।
दिल्ली सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि यह अध्यादेश 'कार्यकारी आदेश का असंवैधानिक इस्तेमाल' है, जो सुप्रीम कोर्ट और संविधान की मूल संरचना के 'उल्लंघन' की कोशिश है। दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि नए अध्यादेश के लागू होने से दो अधिकारी मिलकर मुख्यमंत्री की बात को काट सकते हैं। उसके बाद मामला उपराज्यपाल को भेज दिया जाएगा, जो फिर से इस पर रोक लगा सकते हैं। ऐसे में इस अध्यादेश पर रोक लगानी जरूरी है। सीजेआई ने कहा कि हम केंद्र को नोटिस जारी कर रहे हैं। कोर्ट ने उपराज्यपाल के वकील के अनुरोध पर उन्हें भी मामले में पक्ष बनाया।
क्या है अध्यादेश?-केंद्र सरकार ने दिल्ली में 'ग्रुप-ए' अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए एक अथॉरिटी का गठन करते हुए 19 मई को 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश, 2023' जारी किया था। केंद्र सरकार ने यह अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के एक सप्ताह बाद जारी किया, जिसमें सबसे बड़ी अदालत ने दिल्ली में पुलिस, पब्लिक ऑर्डर और लैंड को छोड़कर अन्य सभी सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंप दिया था। इससे पहले तक दिल्ली सरकार के सभी अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग पर एलजी का कंट्रोल था। दिल्ली सरकार इसका विरोध कर रही है।
दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने उन्होंने कहा कि इसी अध्यादेश के आधार पर 471 ऐसे लोगों को पद से हटा दिया गया है जिनमें से कई ऑक्सफोर्ड जैसे विश्विद्यालय से शिक्षित हैं। इस पर भी सुनवाई हो। इस पर केन्द्र की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को नौकरी दी गई है। ये मांग याचिका में नहीं है, इसलिए इस पर सीधे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई न हो। जो प्रभावित हैं, वह हाई कोर्ट जा सकते हैं। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सीजेआई ने कहा कि हम इस पहलू पर अगले सोमवार (17 जुलाई) को सुनवाई करेंगे।