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स्कूल हॉस्टल के 90 बच्चों की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती

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मध्यप्रदेश। जबलपुर के ग्वारीघाट स्थित सत्यप्रकाश पब्लिक स्कूल के हॉस्टल में रहने वाले करीब 90 बच्चों की तबीयत बिगड़ने की सूचना है। बच्चे जबलपुर के बाहर के रहने वाले हैं। परिजन के मुताबिक बच्चे बुधवार की शाम से बीमार हैं, लेकिन गुरुवार सुबह उन्हें जानकारी दी गई। कुछ बच्चों के पैर कांप रहे हैं तो कुछ के हार्ट में दर्द बता रहे हैं। स्कूल मैनेजमेंट ने सभी बच्चों को अलग-अलग अस्पताल में भर्ती करवाया है। कुछ बच्चों की MRI भी करवाई जा रही है।
पिता ने बेटी और उसके 3 बच्चों को जहर देकर खुद भी खाया
मुरैना में पिता ने बेटी और उसके तीन बच्चों को जहर देकर खुद भी खा लिया। जिला अस्पताल से सभी को ग्वालियर रेफर किया गया है। तीनों बच्चों की हालत गंभीर बताई जा रही है। मामला सिविल लाइन थानाक्षेत्र के छौंदा गांव का है। एक बच्ची ने बताया कि नाना कुंदन बाथम ने मां, भाई, बहन, मुझे सत्तू में जहर मिलाकर खिला दिया। नाना ने भी जहर खा लिया है।
बताया जा रहा है कि कुंदन की दो बेटियां हैं। कुंदन ने एक बेटी राजाबेटी और उसके 8 साल, 6 साल और ढाई साल के बच्चों को सत्तू में मिलाकर जहर दे दिया और खुद भी खा लिया।
बड़वानी में वैन ने 1 साल की बच्ची को रौंदा, मौत
बड़वानी जिले के वेदपुरी गांव में वैन ने गुरुवार सुबह 1 साल की बच्ची को कुचल दिया। वैन के नीचे आने से बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई। वैन वेदपुरी गांव से स्कूली बच्चों को लेकर सिलावद के एक प्राइवेट स्कूल आ रही थी। घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया। उनका आरोप है कि ड्राइवर नशे में था।
पुलिस के अनुसार गुरुवार सुबह 8 बजे सिलावद के इका एकेडमी स्कूल में अटैच वाहन पांचपुलादक्षिण स्कूली बच्चों को लेने गया था। यहां घर के बाहर खेल रही दो साल की प्रियांशी पिता कमलेश राठौर वैन की चपेट में आ गई। बच्ची की मौत के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने स्कूल संचालकों पर FIR करने की मांग को लेकर बच्ची का पीएम नहीं करने दिया। सभी सिलावद थाने पर धरना देकर बैठे हैं।
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पिता ने बेटी और उसके तीन बच्चों को दिया जहर,दामाद पर परिवार की बेटी से अफेयर का शक
मुरैना। मुरैना में एक पिता ने अपनी बड़ी बेटी और उसके तीन बच्चों को जहर देकर खुद भी जहर खा लिया। पांचों लोगों को गंभीर हालत में मुरैना जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें ग्वालियर के कमलाराजा अस्पताल रेफर किया गया।
शुरुआती जांच में सामने आया है कि व्यक्ति को शक था कि उसके दामाद (बड़ी बेटी के पति) का परिवार की ही एक लड़की से अफेयर है। दोनों को लेकर गांव भर में बातें हो रही हैं। इसी से आहत होकर यह कदम उठाया।
घटना मुरैना के छौंदा गांव की है। जहां कुंदन बाथम नाम के शख्स ने गुरुवार को सुसाइड की कोशिश की। बड़ी बेटी राजा (35) की शादी जौरा में हुई है। वह अपने बच्चों मोनिका (8), बेटे अमित (6) और सबसे छोटी डेढ़ साल की बेटी अनन्या को लेकर मायके आई थी। कुंदन ने सिंघाड़े की फसल में डालने वाला कीटनाशक सत्तू में मिलाया और सबसे पहले राजा बेटी के तीनों बच्चों को दिया।
तीनों बच्चों को जहर देने के बाद बेटी को कीटनाशक मिला सत्तू खिलाया। जब बेटी और उसके तीनों बच्चे बेहोश होने लगे तो खुद भी यह सत्तू खा लिया। कीटनाशक का असर होते ही सभी की हालत खराब होने लगी। सभी उल्टियां करने लगे। बाद में पांचों बेहोश हो गए।
परिवार को बेहोशी की हालत में ग्वालियर अस्पताल लेकर पहुंचे रामनरेश कश्यप ने बताया, कुंदन के छोटे भाई दाताराम की बहू सुनीता सुबह के समय दौड़ते हुए मेरे पास आई। कहने लगी कि कुंदन भाई साहब ने जहर पी लिया है। सभी बेहोश पड़े हैं, कोई कुछ भी नहीं बोल रहा है। यह सुनकर मैं तुरंत उनके घर पहुंचा। देखा तो सभी मरणासन्न स्थिति में पड़े थे।
तुरंत 108 नंबर पर फोन लगाया और इसके बाद गांव के चार - पांच लड़कों के साथ सभी को लेकर जिला अस्पताल मुरैना पहुंचा। जिला अस्पताल मुरैना के डॉक्टर ने सभी को देखने के बाद ग्वालियर रेफर कर दिया। ग्वालियर में दो बच्चों को कमलाराजा अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कुंदन बाथम, उसकी बेटी और सबसे छोटे बेटे को अस्पताल की नई बिल्डिंग में भर्ती किया गया है।
CSP अतुल सिंह ने बताया कि जांच की जा रही है। पता चला है कि कुंदन बाथम के दामाद का प्रेम प्रसंग है। इस एंगल पर भी पुलिस जांच कर रही है। फिलहाल कुंदन का दामाद रामविलास लापता है। उसकी तलाश की जा रही है।
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द्रौपदी मुर्मू बोलीं- भारत जल्द ही दुनिया का टेक्नालॉजी हब बनेगा
ग्वालियर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गुरुवार को ग्वालियर दौरे पर हैं। यह उनका पहला ग्वालियर दौरा है। खास बात यह है कि 7वीं राष्ट्रपति थीं, जिन्होंने सिंधिया के पैलेस का भ्रमण किया और लंच भी किया। द्रौपदी मुर्मू से पहले भी राष्ट्रपति कई राष्ट्रपति सिंधिया के जयविलास पैलेस में आ चुके हैं। इनमें डॉ. राजेंद्र प्रसाद, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, ज्ञानी जैल सिंह, शंकर दयाल शर्मा, एपीजे अब्दुल कलाम, प्रतिभा पाटिल शामिल हैं। राष्ट्रपति के दौरे को खास बनाने के लिए सिंधिया के महल को आकर्षक ढंग से सजाया गया था।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अंत में कहा कि जीवन में खुद से सवाल करते रहना चाहिए। खुद को बेहतर बनाते रहना चाहिए। अंत में एक बार फिर सभी उपाधि और पत्रोपाधि प्राप्त करने वालों को बधाई देती हूं।
द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि एमपी की पिछड़ी जाति के एक कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिला था। जनजाति समुदाय की सबसे बड़ी आबादी मध्यप्रदेश में है। जनजातीय गौरव दिवस मनाने की शुरुआत सबसे पहले एमपी में की गई। कमजोर वर्ग के कल्याण की भावना से देश के हित में मध्यप्रदेश में कई कदम उठाए जा रहे हैं। समाज में बहुत बड़ी शक्ति होती है। आप सभी का दायित्व है कि आप सभी इन जातियों के विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।
मुर्मू ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप आगे बढ़ते जाएं, कोई भी बाधा, कोई भी चुनौती आपको लक्ष्य हासिल करने में बाधा नहीं बने। आपको अपने लक्ष्य से नजर नहीं हटाना चाहिए।
मुर्मू ने कहा कि आज मुझे 500 बेड वाले हास्पिटल को शुभारंभ करने का भी सौभाग्य मिला। ग्वालियर की यह संस्थान देश को आगे ले जाने की दिशा में नवीन प्रयास करेगा। यहां के स्टूडेंट् देश को आगे बढ़ाने में योगदान देंगे। इस संस्थान ने स्थानीय समुदाय के लोगों के लिए भी विभिन्न गतिविधियां शुरू की हैं। सामाजिक कार्य किया जाता है। गरीब बच्चों के स्कूल के लिए भी काम हो रहा है। मैं उन बच्चों से भी मिली जो इन कार्यक्रमों के जरिए शिक्षा ले रहे हैं। यह देश बहुत अच्छा लगा कि आप लोग इन बच्चों के लिए भी सोच रहे हैं। मैं IIIT की सराहना करती हूं।
द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि यहां के बच्चों का प्लेसमेन काफी अच्छी जगहों पर हो रही है। मैं सभी को प्लेसमेंट के लिए बधाई देती हूं। जिन बच्चों की क्षमता कम नहीं है, उन्हें भी आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। मुझे विश्वास है कि कई बच्चे एंटरप्रेन्योर बनेंगे। आप हर क्षेत्र में विश्व स्तर पर कांपीट ही नहीं, लीड भी करेंगे। भारत दुनिया का सबसे बड़ा टेक्नालाजी हब बन सकेगा
द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मराठियों द्वारा किए गए देश में संघर्ष में सिंधिया राजवंश का उल्लेखनीय योगदान है। ग्वालियर अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है। मुर्मू ने संघर्ष में ग्वालियर के योगदान की भी सराहना की। ग्वालियर के तानसेन के गांव का नाम तानसेन नगर नाम दिया गया है।
उड्डयन मंत्री ने कहा कि मेरे पूज्य पिता ने इस संस्थान को स्थापित किया था। तब वे मानव संसाधन विकास मंत्री थे। उनकी यही सोच थी कि मैनेजमेंट के साथ सूचना प्रौद्योगिकी को जोड़कर हम अपने देश में नौजवानों को मानव संसाधन की फौज तैयार करें। 2002 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर इसका नाम हुआ। उड्डयन मंत्री ने कहा कि विश्व में यदि कहीं भी परिवर्तन आया है तो युवा शक्ति के आधार पर ही आया है। देश आज विकास, प्रगति के रास्ते पर है। पीएम मोदी के नेतृत्व में विश्व गुरु के रूप में भारत स्थापित होने वाला है। 2030 हम विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति होंगे।
दीक्षांत समारोह में पहुंची राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु। साथ में राज्यपाल मंगू भाई पटेल, केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मौजूद।