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15 से 18 जुलाई तक कई राज्यों में होगी भारी बारिश, IMD ने जारी की चेतावनी

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देश के तमाम हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है और अभी इसमें राहत मिलने की संभावना कम है। मौसम विभाग ने देश के कई राज्यों में अगले 4 दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। IMD के अनुसार, 15 से 18 जुलाई तक यूपी, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और आसपास के इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। मध्य और पूर्वी भारत में अगले पांच दिनों तक मानसून का असर जारी रहेगा। खास तौर पर पश्चिमी राज्यों में बारिश की गतिविधियों में इजाफा होने के आसार हैं।
इन राज्यों में अलर्ट-हिमाचल प्रदेश में 15 से 17 जुलाई तक 115 से 205 मिमी तक की भारी बारिश हो सकती है। वहीं उत्तराखंड में भी इन चार दिनों में बहुत भारी बारिश की संभावना है। इस दौरान आंधी-तूफान की भी चेतावनी जारी की गई है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश और पूर्वी राजस्थान में भी अगले चार दिनों तक भारी बारिश देखने को मिलेगी। पूर्वोत्तर भारत की बात करें तो पश्चिम बंगाल और सिक्किम में 15 व 16 जुलाई, ओडिशा में 15-18 जुलाई और झारखंड में 15 और 16 जुलाई को भारी बरसात होगी।
मध्य भारत में भी अगले पांच दिनों तक तेज बारिश की चेतावनी जारी की गई है। मध्य प्रदेश में 15-17 जुलाई तक और छत्तीसगढ़ में 17 जुलाई को मूसलाधार बारिश की चेतावनी है। इसके अलावा, पश्चिमी भारत के कोंकण, गोवा और मध्य महाराष्ट्र के घाट इलाकों में अगले पांच दिनों तक बहुत भारी बारिश होगी। इसके अलावा, गुजरात में 19 जुलाई को तेज बारिश का अलर्ट है। दक्षिण भारत की बात करें तो तटीय कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल और माहे में 15 से 19 जुलाई को भारी बारिश होगी।
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हेटस्पीच केस में आजम खान को 2 साल की सजा:CM योगी के खिलाफ की थी टिप्पणी
रामपुर। 2019 के हेटस्पीच मामले में सपा नेता आजम खान को 2 साल की सजा सुनाई गई है। शनिवार को रामपुर की MP-MLA कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। आजम ने लोकसभा चुनाव के दौरान एक चुनावी सभा में CM-DM पर आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणियां की थीं। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था।
इस पर भाजपाइयों ने जमकर हंगामा किया था। इसके बाद ADO पंचायत अनिल कुमार चौहान ने थाना शहजाद नगर में केस दर्ज कराया था। अनिल ने आचार संहिता के लागू होने के बावजूद आजम पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया था। आजम खान पर 3 धाराओं में केस दर्ज हुआ था।
अभियोजन पक्ष के सहायक अधिवक्ता संदीप सक्सेना ने कहा, "आजम को 3 धाराओं में सजा सुनाई गई है। दो धाराओं में 2-2 साल की सजा सुनाई है। जबकि 1 धारा में 1 महीने की सजा सुनाई गई है। आजम ने मुख्यमंत्री और तत्कालीन डीएम के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिया था।"
इससे पहले 25 मई को हेटस्पीच के एक दूसरे केस में आजम खान को बड़ी राहत मिली थी। 2019 में पीएम पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में रामपुर की स्पेशल MP/MLA कोर्ट ने आजम को बरी कर दिया था। आजम को इसी केस में MP/MLA कोर्ट की निचली अदालत से 3 साल की सजा हुई थी। सजा के बाद उनकी विधायकी चली गई थी। इसके बाद इस सीट पर उप चुनाव हुआ, जिसमें आजम पर केस करने वाले भाजपा नेता आकाश सक्सेना विधायक चुने गए थे।
इससे पहले 14 साल पुराने मामले में आजम और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को मुरादाबाद की MP-MLA कोर्ट ने 2-2 साल की सजा सुनाई थी। दरअसल, हरिद्वार हाईवे पर मुरादाबाद के छजलैट थाने के सामने 2 जनवरी 2008 को मुरादाबाद के तत्कालीन SSP प्रेम प्रकाश ने पूर्व मंत्री आजम खान की गाड़ी चेकिंग के लिए रुकवाई थी।
इसके बाद उन्होंने आजम की गाड़ी पर लगा हूटर भी उतरवा दिया था। इस बात को लेकर विवाद बढ़ गया था। आजम खान वहीं सड़क पर धरने पर बैठ गए थे। आस-पास के जिलों से भी सपा के नेता और कार्यकर्ता छजलैट पहुंच गए थे। तब आजम समेत दूसरे सपा नेताओं पर सरकारी कार्य में बाधा डालने, भीड़ को उकसाने, बवाल कराने समेत विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया था।
आजम खान अलग-अलग मामलों में 27 महीने तक जेल में रहे। उन्हें 19 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी थी। इसके बाद 20 मई की सुबह वह सीतापुर जिला जेल से रिहा हुए थे। इस दौरान उनके बेटे अब्दुल्ला आजम, अदीब आजम और सपा नेता शिवपाल यादव भी मौजूद थे।
आजम के ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर यूनिवर्सिटी पर भी सवाल उठते रहे हैं। आरोप है कि जौहर यूनिवर्सिटी बनाने के लिए आजम ने अपने रसूख का गलत इस्तेमाल किया। आजम रामपुर विधानसभा सीट से 10 बार विधायक रह चुके हैं।
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मानहानि : मोदी सरनेम केस में सुप्रीम कोर्ट पहुंचे राहुल गांधी
नई दिल्ली। मोदी सरनेम केस में 2 साल की सजा पर रोक के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई। सूरत की सेशन कोर्ट ने 23 मार्च को कांग्रेस के पूर्व सांसद को सजा सुनाई थी। फैसले के खिलाफ राहुल के वकील गुजरात हाईकोर्ट गए थे, जहां 7 जुलाई को हुई सुनवाई में कोर्ट ने सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
हाईकोर्ट ने कहा था- इस केस के अलावा राहुल के खिलाफ कम से कम 10 केस पेंडिंग हैं। ऐसे में सूरत कोर्ट के फैसले में दखल देने की जरूरत नहीं है। कांग्रेस ने गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के बाद कहा था कि हम अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट में राहुल की याचिका पर सुनवाई की तारीख अभी सामने नहीं आई है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल जाती है तो राहुल की सांसदी बहाल हो जाएगी और वे 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ पाएंगे। अगर ऐसा नहीं होता है तो वे 8 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
उधर, राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि की शिकायत करने वाले भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की थी। उन्होंने कोर्ट से मोदी सरनेम मामले में राहुल के पक्ष के साथ-साथ उनका पक्ष भी सुनने की अपील की थी।
सेशन कोर्ट के फैसले के 27 मिनट बाद ही राहुल को जमानत मिल गई थी। राहुल की संसद सदस्यता 24 मार्च को दोपहर करीब 2.30 बजे रद्द कर दी गई। वह केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य थे। लोकसभा सचिवालय ने पत्र जारी कर इस बात की जानकारी दी थी। लोकसभा की वेबसाइट से भी राहुल का नाम हटा दिया गया है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई 2013 को अपने फैसले में कहा था कि कोई भी सांसद या विधायक निचली अदालत में दोषी करार दिए जाने की तारीख से ही संसद या विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित हो जाएगा।
कोर्ट ने लिली थॉमस बनाम भारत सरकार के केस में यह आदेश दिया था। इससे पहले कोर्ट का आखिरी फैसला आने तक विधायक या सांसद की सदस्यता खत्म नहीं करने का प्रावधान था।