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उज्जैन में महाकाल की सवारी के दौरान थूकने का मामला :हिंदूवादी संगठनों ने किया थाने का घेराव, FIR, दो को पकड़ा

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उज्जैन। उज्जैन में सावन के दूसरे सोमवार पर निकली भगवान महाकाल की सवारी के दौरान तीन लड़कों पर थूकने का आरोप लगा है। इसका वीडियो भी सामने आया है। जिसके बाद हिंदू संगठनों ने सोमवार देर रात खारा कुआं थाने का घेराव कर दिया। पुलिस ने शिकायत पर तीनों आरोपी लड़कों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
बाबा महाकाल की सवारी शाम करीब साढ़े 6 बजे टंकी चौराहे पर पहुंचने वाली थी। वीडियो में दिख रहा है कि सड़क के दोनों ओर छत पर कुछ लड़के खड़े हैं। एक मकान की गैलरी में खड़े लड़कों में से एक बोतल लेकर मुंह में पानी भरते दिख रहा है। इसी के पास वाले मकान की छत पर तीन लड़के भी खड़े दिख रहे हैं। इनमें से एक लड़का नीचे की ओर थूकते नजर आ रहा है।
लड़के के थूकने की इस हरकत को वहां मौजूद किसी शख्स ने मोबाइल से रिकॉर्ड कर लिया। इसके बाद इसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। वीडियो सामने आने के बाद बजरंग दल के जिला संयोजक अंकित चौबे और इंदौर के वार्ड 19 के भाजपा पार्षद मासूम जायसवाल समेत कई कार्यकर्ता रात 9 बजे खारा कुआं थाने पहुंच गए।
यहां आरोपियों पर केस दर्ज करने और उन्हें गिरफ्तार करने की मांग को लेकर अड़ गए। कार्यकर्ताओं ने थाने के बाहर जय श्रीराम के नारे भी लगाए।
वीडियो देखने के बाद एडिशनल एसपी आकाश भूरिया ने तीन नाबालिगों के खिलाफ धारा 295 A ,153 A, 296 और धारा 505 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। दो लड़कों को पकड़ा है। एएसपी भूरिया ने बताया कि एक और संदिग्ध की तलाश की जा रही है।

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पंचायत मंत्री पर कांग्रेस का आरोप:आदिवासी जनप्रतिनिधियों की ट्रेनिंग के लिए केन्द्र से मिले 8.42 करोड़ रूपए में हुआ करप्शन
भोपाल। कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया पर बड़े भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। कांग्रेस आरटीआई प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष पुनीत टंडन, प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष जेपी धनोपिया और मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पंचायत राज प्रतिनिधियों की ट्रेनिंग के पैसे का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेताओं ने कहा केंद्र सरकार की जनजातीय कार्य मंत्रालय ने साल 2019 - 2020 में मध्य प्रदेश के नवनिर्वाचित पंचायत राज प्रतिनिधियों के कैपेसिटी बिल्डिंग ट्रेनिंग के लिए इस राशि में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। यह राशि आदिवासी वर्ग के प्रतिनिधियों की ट्रेनिंग के लिए आरक्षित थी लेकिन इस ट्रेनिंग में गैर आदिवासियों को प्रशिक्षण देकर बजट को ठिकाने लगाया गया।
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि केन्द्र से आदिवासी उपयोजना विशेष केन्द्रीय सहायता मद के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2019=20 के लिए 8 करोड 42 लाख रुपए का फंड दिया गया था। ये फंड मध्य प्रदेश के सभी 52 जिलों में आदिवासी वर्ग के प्रतिनिधियों की ट्रेनिंग के लिए जारी किया गया था लेकिन पंचायत मंत्री ने इसे मात्र तीन जिलों (बड़वानी सिवनी और धार) में ट्रेनिंग दिखा दिया। और विभागीय अफसरों द्वारा कराई गई जांच में भी जमीनी स्तर पर ट्रेनिंग होना नहीं मिला। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया गया है।
इंदौर संभाग की आदिवासी उपायुक्त द्वारा कराई गई जांच में सामने आया है कि पंचायत स्तर पर कराए गए इस ट्रेनिंग में दर्जनों ग्राम पंचायत के कर्मचारियों को ट्रेनिंग की जानकारी ही नहीं है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि केंद्र से मिले ट्रेनिंग के पैसे से ट्रेनिंग कराने के पहले ही केन्द्र सरकार को उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजा गया है। नियमों के मुताबिक प्रशासकीय स्वीकृति के लिए विभागीय एसीएस, पीएस और सेक्रेटरी के जरिए फाइल भेजी जाती है। लेकिन पंचायत मंत्री ने जबलपुर से आई फाइल को बिना एसीएस, पीएस की अनुशंसा के सीधे प्रशासकीय स्वीकृति दे दी। महेंद्र सिंह सिसोदिया पंचायत मंत्री ने 17 मार्च 2021 संचालक महात्मा गांधी राज्य ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज संस्थान जबलपुर के प्रस्ताव पर आदिवासी विशेष केंद्रीय सहायता राशि 8 करोड 42 लाख रुपए का उपयोग और प्रशिक्षण संबंधी प्रशासकीय अनुमोदन किया है यह अनुमोदन अवैधानिक है।
कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने कहा इस मामले को लेकर हम मध्य प्रदेश के लोकायुक्त से शिकायत कर रहे हैं हमारी मांग है कि पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया को पद से हटाया जाए वरना भी इस मामले से जुड़े सबूतों को नष्ट करवा सकते हैं
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नगरपालिका का एक वर्ष का कार्यकाल पूरा शहर को कोई बड़ी उपलब्धि नहीं
भिंड कोरोना काल में प्रशासक और उसके बाद निर्वाचित नवीन परिषद का एक साल का कार्यकाल पूरा होने के बावजूद नगर को कोई बड़ी भौतिक उपलब्धि नहीं मिल सकी हे। सीवर और वाटर प्रोजेक्ट तक तीन गुना समय लगाने के बावजूद अधूरे हैं।
भिण्ड. खुदी सडक़ों में कुछ का निर्माण कार्य हुआ है, लेकिन उनकी गुणवत्ता और तकनीकी स्वीकार्यता शुरू से ही सवालों के घेरे में है। हालांकि नगरपालिका 100 करोड़ रुपए से अधिक के सीवर प्रोजेक्ट के प्रथम चरण का काम पूरा बता रही है, लेकिन उसका लोकार्पण कराने से कतरा रही है। क्योंकि घटिया काम हुआ है और चैंबर कई जगह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और जाम भी हैं। इस वजह से 176 करोड़ के दूसरे चरण का काम भी शुरू नहीं हो पा रहा है। इस वजह से कई जगह सडक़ों का भी निर्माण नहीं हो पा रहा है।
84 करोड़ रुपए का पेयजल प्रोजेक्ट का पहले चरण का काम भी पूरा नहीं हो पाया है। जबकि इसके लिए चार बार समयावधि बढ़ाई जा चुकी है। अभी जून में ही सितंबर तक के लिए समय बढ़ाया गया है। लेकिन काम दिसंबर तक भी पूरा होता नहीं दिख रहा है। 15 दिन पहले विधायक संजीव कुशवाह ने इस पर नाराजी जाहिर की भी तब आज गौरी रोड पर चैंबर और उसका जाल सही कराने का काम तेज किया गया है। हालांकि प्रशासन की ओर से इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। हालांकि पेयजल प्रोजेक्ट पर काम करने वाली एजेंसी का दावा है कि पाइप लाइन तो लगभग पूरी बिछाई जा चुकी है, कनेक्शन देने का काम 70 प्रतिशत के करीब पहुंच गया है। जल्द ही नवीन पेयजल प्रोजेक्ट से लोगों को पेयजल मिलना शुरू होगा।
नगरपालिका का दावा है कि निर्वाचित परिषद के एक वर्ष के कार्यकाल में कई कार्य हुए हैं। प्राथमिकता के आधार पर खुदी पड़ी सडक़ों के निर्माण का कार्य शुरू कराया गया। आज 15 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से सडक़ों के निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं और निर्माणाधीन हैं। सीवर प्रोजेक्ट भी पूरा हो चुका है, हालांकि उसके लोकार्पण का कार्यक्रम अभी नहीं बन पाया है। जल्द ही इस संबंध में प्लान करेंगे। वहीं पेयजल प्रोजेक्ट का काम तेज कराने के लिए नगरपालिका स्वयं दबाव बनाएगी।
कथन-नगरपालिका ने एक वर्ष के कार्यकाल में खुदी पड़ी सडक़ों के निर्माण पर फोकस किया। आज ज्यादातर प्रमुख सडक़ों को नया बनाया जा चुका है। कुछ प्रमुख सडक़ों पर काम स्वीकृत हैं और कुछ काम हो भी चुके हैं, जल्द पूरे कराए जाएंगे।
वर्षाअमित बाल्मीक, अध्यक्ष, नपा, भिण्ड।