सबलगढ़। एक महिला पार्षद के कारण शुक्रवार को सबलगढ़ नगर पालिका में बड़ा विवाद हो गया। पार्षद के साथ आई महिला ने तैश में आकर सीएमओ के गाल पर तमाचा जड़ दिया। यह पूरी घटना मोबाइल पर बने वीडियो में कैद हो गई।
घटनाक्रम शुक्रवार दोपहर ढाई से तीन बजे का है, जब सीएमओ सियाशरण यादव लेखा कक्ष में लेखापाल रामप्रसाद जाटव, कार्यालय अधीक्षक ओमप्रकाश धाकड़ के साथ बैठकर रक्षाबंधन से पहले कर्मचारियों का वेतन जारी करवाने का काम करवा रहे थे।
इसी दौरान वार्ड 6 की पार्षद रचना राठौर, अशरफ खान, रुकमणि जग्गा के साथ एक दर्जन से ज्यादा महिलाएं वहा पहुंचीं। पार्षद रचना ने वार्ड में काम नहीं करवाने की शिकायत की, इस पर सीएमओ ने कहा कि हर काम उनके हाथ में नहीं, पूरे अधिकार परिषद के हैं।
इसी दौरान पार्षद व उनके साथ आईं महिलाएं तू-तड़ाक करते हुए सीएमओ से अभद्रता करने लगीं। इस घटनाक्रम के बहुप्रसारित हुए वीडियो में सीएमओ महिलाओं से कह रहे हैं, कि पीछे हटकर शालीनता से बात कीजिए।इसी बीच महिला पार्षद के साथ आई रुकमणि जग्गा ने सीएमओ के गाल पर पूरी ताकत से चांटा जड़ दिया।
सीएमओ ने थाने में दर्ज करवाई शिकायत में बताया है, कि रुकमणि ने चांटा मारा, इसके बाद पार्षद रचना राठौर व उसके साथ आए अशरफ ने टेबल पर रखे कागज फाड़ दिए और धमकाने लगे, कि नपा में अब कोई काम नहीं होगा। सीएमओ की शिकायत पर सबलगढ़ थाने में पार्षद रचना राठाैर, रुकमणि जग्गाव अशरफ खान के खिलाफ धारा 294, 332, 353, 186 एवं 34 के तहत केस दर्ज किया गया है।
जब मामला तूल पकड़ा और सीएमओ ने थाने में शिकायत की तो, महिला पार्षद रचना राठौर व वार्ड 16 की पार्षद विमला देवी ने भी थाने में आवेदन दे दिया, जिसमें सीएमओ यादव पर अभद्रता से लेकर छेड़छाड़ करने तक के आरोप लगाए हैं।पुलिस ने इस आवेदन को जांच में ले लिया है।
सीएमओ को चांटा मारने के बाद नपा के कर्मचारियों का आक्रोश भी फूट पड़ा और महिला पार्षद व अन्य आरोपितों पर सख्त कार्रवाई की मांग लेकर सबलगढ़ नपा के अधिकारी-कर्मचारियों ने हड़ताल का ऐलान कर दिया। दोपहर बाद ही नपा में ताला लगा दिया। नपा में यह हड़ताल आगे भी जारी रह सकती है, इससे आमजन की समस्या बढ़ सकती है।
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प्रदेश की 2792 कॉलोनियां हुईं वैध घोषित,मुख्यमंत्री ने किया सु-राज कॉलोनी योजना का शुभारंभ
भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोई भी कॉलोनी अब अनाधिकृत नहीं रहेगी। प्रदेश में आज से सभी अनाधिकृत कॉलोनी वैध होंगी। मकान हमारा बुनियादी अधिकार है। हर गरीब के पास अपना एक मकान होना चाहिए। गाँवों में प्रधानमंत्री आवास योजना में गरीबों को मकान बनाकर दिए जा रहे हैं। शहरों में भी शहरी आवास योजना में गरीबों को मकान दिए जा रहे हैं।
श्री चौहान आज जबलपुर में शहीद स्मारक, गोलबाजार में अनाधिकृत कॉलोनियों को वैध किए जाने, भवन अनुज्ञा एवं सु-राज कॉलोनी योजना के शुभारंभ के राज्य स्तरीय कार्यक्रम तथा विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं के हितलाभ वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
श्री चौहान ने अनाधिकृत कालोनियों के पात्र घोषित होने के बाद वहाँ अधो-संरचना विकास एवं भवन भी अनुज्ञा प्रदाय की। प्रदेश की 23 हजार एकड़ भूमि को भू-माफियों और अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराकर गरीबों के लिए सु-राज कालोनी योजना बनाई गई है। इससे 35 लाख नागरिकों का जीवन बनेगा बेहतर। इसी तरह छह हजार अनाधिकृत कालोनियों को वैध करने की प्रक्रिया भी जारी है।
प्रदेश में विकास का महायज्ञ चल रहा है। जबलपुर में 130 करोड़ 15 लाख रूपए लागत के 70 विकास कार्यों का लोकार्पण तथा भूमि-पूजन किया जा रहा है। साथ ही आज पूरे प्रदेश में अनाधिकृत कॉलोनियों को वैध घोषित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारा संकल्प है कि किसी गरीब को बिना जमीन और घर के नहीं रहने दिया जायेगा। सभी पात्रों को रहवासी जमीन और मकान बनाकर दिए जाएंगे।
भू-माफिया, गुंडे और बदमाशों को बख्शा नहीं जाएगा। भू-माफिया से मुक्त कराई गई जमीन पर गरीबों को घर बनाकर दिए जा रहे हैं। गुंडे-बदमाशों और अतिक्रमणकारियों पर बुलडोजर की कार्रवाई भी निरंतर जारी है। जबलपुर में 900 से ज्यादा घर बनाकर दिए जा रहे हैं। जबलपुर के मदन महल पहाड़ी क्षेत्र से विस्थापित किए गए गरीबों को मकान बनाकर देने का कार्य चल रहा है। प्रदेश में किसी भी गरीब को बिना मकान के सड़कों पर नहीं रहने दिया जाएगा।
सु-राज कॉलोनियों में सभी बुनियादी सुविधाएँ मिलेंगी। प्रदेश में कुल 2 हजार 792 कॉलोनियों को वैध किया जा रहा है,जिसमें जबलपुर की 39 कॉलोनी भी शामिल हैं। प्रदेश के 35 लाख नागरिकों को इससे लाभ मिलेगा। सभी 413 नगरीय निकायों में कायाकल्प अभियान के तहत राशि जारी कर शहरों को सुंदर और आकर्षक बनाया जाएगा।
श्री चौहान ने कार्यक्रम में 11 करोड़ 76 लाख रूपए लागत की अंधमुख चौक से मेडिकल कॉलेज होकर एल.आई.सी कार्यालय तक सड़क निर्माण, 8 करोड़ 43 लाख रूपए की भंवरताल में मल्टीलेवल पार्किंग, 8 करोड़ 08 लाख रूपए के रानीताल तालाब के पास 5 एम.एल.डी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, 18 करोड़ 88 लाख रूपए की भेड़ाघाट सीवरेज परियोजना, 18 करोड़ रूपए के बायो सी.एन.जी प्लांट की स्थापना, 9 करोड़ 63 लाख रूपए के गार्बेज ट्रांसफर स्टेशन के निर्माण तथा विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन किया।
सांसद राकेश सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जनता को सुख-दुख को समझकर परिवार की भांति सरकार चला रहे हैं। संवेदनशीलता से प्रदेश के विकास और जन-कल्याण के कार्यों में निरंतर लगे हुए हैं। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह, विधायक अशोक रोहाणी, पूर्व मंत्री अजय विश्नोई सहित जन-प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में लाड़ली बहनें तथा आमजन उपस्थित थे।
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ड्रग कंपनियों के कार्यक्रम में शामिल हुए डॉक्टर तो होगा लाइसेंस सस्पेंड
इंदौर। डॉक्टर अब किसी ऐसे सेमिनार या कॉन्फ्रेंस में भाग नहीं ले सकेंगे, जिन्हें फार्मा कंपनियों ने डायरेक्ट या इनडायरेक्ट रूप से स्पॉन्सर किया हो। दरअसल, नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने डॉक्टर्स के लिए कुछ कड़े नियम कड़े लागू किए हैं। इन नियमों के उल्लंघन पर डॉक्टर्स का लाइसेंस तीन महीने के लिए सस्पेंड कर दिया जाएगा।
एनएमसी के नए नियमों में डॉक्टर्स और उनके परिवार को फार्मा कंपनियों या उनके प्रतिनिधियों से कंसल्टेंसी फीस या ऑनरेरियम लेने पर भी बैन लगा दिया गया है। साथ ही डॉक्टर्स के लिए जेनेरिक दवाएं लिखना अनिवार्य कर दिया गया है। हालांकि डॉक्टर्स और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन इन नियमों का लगातार विरोध कर रहा है। इसके चलते केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने सोमवार को एक बैठक बुलाई है।
जानकारी के अनुसार, मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने 2010 में डॉक्टरों और उनके परिवारों के नाम पर दवा कंपनियों से गिफ्ट, ट्रेवल्स सुविधाएं या हॉस्पिटेलिटी पर रोक लगा दी थी। इसके बाद कई दवा कंपनियों ने डॉक्टरों के साथ कॉन्ट्रेक्ट कर लिया था कि वे लेक्चर देंगे और वर्कशॉप कराएंगे। डॉक्टर्स यह इनकम घोषित कर देते थे। कई कॉरपोरेट अस्पतालों ने भी मरीजों को भेजने के लिए डॉक्टरों के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया और उन्हें सुविधा शुल्क बताकर बड़ी धनराशि का भुगतान किया।
कई डॉक्टर्स ने फार्मा और मेडिकल डिवाइस उपकरण कंपनियों के साथ इन कंसल्टेंसी के माध्यम से और ऐसी फैसिलिटेशन फीस से अपनी सैलरी से ज्यादा कमाई की। अब डॉक्टर किसी भी बहाने से व्यावसायिक हेल्थकेयर प्रतिष्ठानों, चिकित्सा उपकरण कंपनियों या कॉर्पोरेट अस्पतालों से कंसल्टेंसी फीस या मानदेय नहीं ले सकते हैं।
जानकारी के अनुसार, सरकार ने एक नया नियम लागू कर डॉक्टरों को जेनेरिक दवाइयां मरीजों को लिखने के लिए कहा है। इसके बाद जहां मरीजों को दवाइयों पर खर्च किए जाने वाली धनराशि पर खर्च तो कम होगा। हालांकि सरकार के इस नियम पर डॉक्टरों ने कड़ी आपत्ति जताई है।
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बूथ लेवल पर जयस बनाएगा कमेटी:कहा- पांचों विधानसभा में जल्द उम्मीदवार की घोषणा करेगा जयस
बैतूल। जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) पांचों विधानसभा में जल्द उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करने जा रहा है। जयस ने प्रदेश की 80 सीटों पर उच्च शिक्षित युवाओं को ही प्रत्याशी बनाने की योजना बनाई है।
जयस ने जिले में इसकी तैयारी भी पूरी कर ली है। सामान्य सीटों पर किसी भी वर्ग के जिताऊ उम्मीदवारों को मैदान में उतारा जाएगा। जयस जल्द ही प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करने जा रही है। बीते दिनों प्रदेश स्तरीय जयस चुनाव समिति की बैठक में 80 विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवारों से बायोडाटा की जानकारी मांगी गई है।
जयस संचालन समिति के संयोजक राजेंद्र सिंह पंवार के अनुसार 20 अगस्त तक 5-5 लोगों की कमेटी उम्मीदवारों से बायोडाटा प्राप्त कर चुके हैं। अब उम्मीदवार चुनने की तैयारी की जा रही है। वैसे पांचों सीटों पर जयस के उम्मीदवार लगभग तय करने की खबर सामने आ रही है।
पांच विधानसभा सीटों से संभावित उम्मीदवार के नाम सामने आए हैं। इनमें बैतूल विधानसभा से जयस के जिला प्रभारी महेश शाह उईके, संभागीय सदस्य सोनू धुर्वे, आमला विधानसभा से जिला प्रवक्ता राकेश महाले, भीम आर्मी जिला अध्यक्ष सिद्धार्थ झरबड़े, भैंसदेही विधानसभा से जिला पंचायत सदस्य संदीप धुर्वे, जयस प्रदेश संयोजक जामवंत कुमरे, मुलताई विधानसभा से जयस ब्लॉक अध्यक्ष गुड्डू अहाके, जनपद सदस्य प्रदीप उइके, घोड़ाडोंगरी विधानसभा से जयस जिला संरक्षक इंजी.राजा धुर्वे, जयस जिला कार्यवाहक अध्यक्ष सुनील करोचे मौजूदा समय में जयस से उम्मीदवारी कर रहे हैं।
जयस ने इसके लिए जिला, विधानसभा, सेक्टर और बूथ लेवल पर 1500 लोगों की कमेटी बनाने का निर्णय लिया है। जयस के प्रदेश अध्यक्ष इंद्रपाल मरकाम के अनुसार जयस मध्य प्रदेश की 80 सीटों पर उच्च शिक्षित युवाओं को प्रत्याशी बनाने जा रही है। 80 सीटों पर आदिवासी कैंडिडेट के साथ ही आवश्यकतानुसार सक्षम योग्य ओबीसी और सामान्य वर्ग के नेताओं को भी टिकट देकर चुनाव लड़ा सकती हैं।