मुरैना। मुरैना में बुधवार सुबह बड़ा हादसा हो गया। नूराबाद के धनेला गांव में साक्षी फूड प्रोडक्ट्स फैक्ट्री में जहरीली गैस से 5 मजदूरों की मौत हो गई। मृतकों में तीन सगे भाई हैं। सांस लेने में तकलीफ की शिकायत पर कुछ मजदूरों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस और प्रशासन के अधिकारी के साथ फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची। फैक्ट्री को खाली करा लिया गया। फैक्ट्री में चेरी, गुलकंद और दूसरे फूड प्रोडक्ट्स बनाए जाते हैं। शुरुआती जानकारी में सामने आया है कि मजदूर सेफ्टी टैंक की सफाई करने के लिए उतरे थे। गैस से उनका दम घुट गया।
ASP अरविंद सिंह ठाकुर ने बताया कि संभवत: सेफ्टी टैंक में जहरीली गैस थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पुष्टी हो पाएगी। फैक्ट्री मालिक की गलती होगी तो केस दर्ज किया जाएगा।
हादसे में इनकी जान गई
राम अवतार, निवासी टिक टोली गांव
रामनरेश, निवासी टिक टोली गांव
धीर सिंह, निवासी टिक टोली गांव
राजेश, निवासी घुरैया वसई गांव
गिरिराज, निवासी घुरैया वसई गांव
फैक्ट्री कौशल गोयल की पत्नी के नाम से है। सेफ्टी टैंक में पपीते डालकर चेरी बनाई जाती है। बताया जा रहा है कि एक मजदूर पहले सेफ्टी टैंक में उतरा। उसकी तबीयत बिगड़ी तो दूसरा और फिर बाकी के मजदूर भी एक के पीछे एक कर उतरे। इसके बाद पांचों बाहर नहीं आ सके।
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महिला आबकारी अफसर 1.20 लाख की घूस लेते गिरफ्तार
उमरिया। उमरिया जिले की महिला आबकारी अधिकारी 1.20 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ी गई है। रीवा लोकायुक्त पुलिस की टीम ने कार्रवाई को अंजाम दिया। महिला अधिकारी ने रिश्वत के रुपए ऊपर तक पहुंचाने का हवाला दिया था।
मानपुर के शराब ठेकेदार ऋषि सिंह के कर्मचारी नीपेंद्र सिंह ने लोकायुक्त से मामले की शिकायत की थी। नीपेंद्र ने कहा था कि आबकारी अधिकारी रिनी गुप्ता दुकान का लाइसेंस देने के बदले में हर महीने 30 हजार रुपए की मांग कर रही हैं। शिकायत पर लोकायुक्त की टीम ने ट्रैप तैयार किया।
तय सौदे के मुताबिक, मंगलवार को ऋषि सिंह अप्रैल से अगस्त तक चार माह की किश्त के 1 लाख 20 हजार रुपए लेकर अधिकारी के पास पहुंचा। जैसे ही रिनी गुप्ता ने रुपए लिए, लोकायुक्त की टीम ने छापा मार दिया।
लोकायुक्त अधिकारी प्रवीण सिंह ने बताया कि विंध्या समूह के शराब ठेकेदार ऋषि सिंह को आबकारी अधिकारी गुप्ता बीते कई महीने से परेशान कर रही थी। वीआईपी ड्यूटी के नाम से पैसे मांगे जा रहे थे। गुप्ता ऊपर से नीचे तक रुपए देने की बात कह रही थी।
नीपेंद्र सिंह ने कहा, 'रिनी गुप्ता ने 23 अगस्त को हमारी दुकान से ड्यूटी पेड 14 पेटी माल जब्त कर लिया था। इसे अवैध बताकर केस बनाने की धमकी दे रही थीं। उन्होंने कहा था कि ऊपर से नीचे तक सिस्टम बनाना पड़ता है। राजनैतिक कार्यक्रमों में पैसे लगते हैं, इसलिए रुपए देना जरूरी है।'
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दिग्विजय सिंह पर FIR:ट्विटर अकाउंट से सांप्रदायिक सौहाद्र बिगाड़ने का आरोप
दमोह। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करने का बाद ट्विटर अकाउंट धारक पर एफआईआर दर्ज की है गई है। आरोप है कि अपने ट्विटर अकाउंट से दमोह जिले के सांप्रदायिक माहौल को बिगड़ने के लिए एक पोस्ट की गई जो की पूरी तरह झूठी थी। शिकायत के बाद पुलिस ने इस मामले की जांच की और दोषी पाए जाने पर एफआईआर दर्ज की है।
पूरा मामला-दिग्विजय सिंह नाम के ट्विटर अकाउंट से एक पोस्ट की गई जिसमें लिखा था कि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी द्वारा पल्लवित देश की सबसे भव्य मंदिरों में से एक श्री दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र कुंडलपुर परिसर में कल रात से बजरंग दल के कथित असामाजिक तत्वों द्वारा शिवजी की पिंडी रख उत्पात शुरू कर चुके हैं। स्थिति कभी भी गंभीर मोड़ ले सकती है। यह गंभीर विषय है। प्रशासन तत्काल कार्रवाई करें।
इस पोस्ट के वायरल होते ही जैन समाज और हिंदू संगठन से जुड़े लोग इस बात का पता लगाने में जुट गए कि आखिरकार ऐसा कैसे हो सकता है। कुछ देर बाद सभी को इस बात की पुष्टि हो गई कि ऐसा कोई भी बात नहीं। पोस्ट फर्जी है, झूठी है। इसके बाद जैन समाज और हिंदू समाज के लोगों ने आपस में बातचीत की और फिर मंगलवार रात कोतवाली में एक आवेदन देकर दिग्विजय सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। पुलिस ने वायरल पोस्ट में लिखी गई सभी तथ्यों की जांच की और उसके बाद ट्विटर अकाउंट धारक दिग्विजय सिंह के खिलाफ धारा 153, 505 और 177 आईपीसी के तहत अपराध दर्ज कर लिया है।
सीएसपी अभिषेक तिवारी का कहना है की बजरंग दल के जिला संयोजक शंभू विश्वकर्मा की ओर से आवेदन दिया गया था, जिसमें सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने से जुड़े दिग्विजय सिंह नाम के ट्विटर अकाउंट से एक पोस्टर वायरल होने की बात की गई थी।
यह भी बताया गया था कि यह भ्रमक खबर है जिससे सांप्रदायिक माहौल खराब हो सकता है। पुलिस ने मामले की जांच करने के बाद संबंधित आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। रही बात गिरफ्तारी की बात तो अभी पुलिस की पता लगा रही है कि अकाउंट धारक कहां से इस अकाउंट को ऑपरेट कर रहा है और भी तथ्य जुटाए जा रहे हैं, उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।