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कांग्रेस के 80 नाम तय, इनमें 65 विधायक, 15 ऐसे सीनियर नेता जो पिछला चुनाव हारे

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भोपाल। कांग्रेस की पहली सूची के लिए 80 नाम तय किए गए हैं। इनमें से 65 माैजूदा विधायक हैं। वहीं, 15 नाम ऐसे हैं जो सीनियर हैं लेकिन पिछली बार चुनाव हार गए थे। ये नाम अब सीईसी में भेजे जाएंगे। सात और 8 अक्टूबर को सेंट्रल इलेक्शन कमेटी (सीईसी) से इसे मंजूरी मिल जाएगी। इससे पहले मंगलवार काे दिल्ली में स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हुई। इसमें एआईसीसी के ताजा सर्वे रिपोर्ट और एआईसीसी सचिवों के फीडबैक के आधार पर टिकट तय करने का फैसला हुआ है। अब तक जिलाध्यक्ष, प्रभारी, ब्लाॅक अध्यक्षों और प्रदेश चुनाव समिति के द्वारा दिए गए पैनल पर चर्चा हुई थी।
मीटिंग में कांग्रेस की ओर से प्रदेशभर में निकाली गई 7 जनआक्रोश यात्राओं में भागीदारी को टिकट का आधार बनाया गया है। इन यात्राओं की माॅनिटरिंग के लिए पार्टी के रणनीतिकार सुनील कानुगोलू की टीम ने सर्वे किया। साथ ही एआईसीसी के सचिव हर समय यात्राओं में रहे। इस दौरान सभी जगह देखा गया कि यात्रा में आम जनता को लाने में टिकट के पैनल में शामिल दावेदारों की कितनी सक्रियता रही।
लोगों से चर्चा के साथ दावेदारों की भी लोकप्रियता देखी गई। स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग में नेताओं द्वारा सुझाए गए नामों पर कह दिया गया है कि यहां सिस्टम से काम चलेगा। जीतने वाले उम्मीदवार को टिकट दिया जाएगा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ स्पष्ट कर चुके हैं कि ​मौजूदा विधायकों और सिंगल नाम वाली मिलाकर करीब सीटों दावेदारों को चुनाव की तैयारी करने के संकेत दिए जा चुके हैं। कांग्रेस के मप्र प्रभारी रणदीप सुरजेवाला 5 अक्टूबर के बाद सूची घोषित किए जाने की बात कह चुके हैं। इस तरह 130 सीटों के नाम ऐसे है जहां एआईसीसी के सर्वे और सचिवों की रिपोर्ट में नाम होना जरूरी होगा।
इससे पहले नारी सम्मान के आवेदन भरवाए जाने की संख्या को उम्मीदवारी में बारीकी से देखा गया था। भाजपा अब तक 79 सीटों पर नाम घोषित कर चुकी है, जिनमें 76 सीटें वे हैं जहां अभी कांग्रेस के विधायक हैं। भाजपा की दूसरी सूची में जिस तरह से बड़े नाम सामने आए हैं, उसे देखते हुए कांग्रेस की रणनीति है कि उन सीटों पर मजबूत चेहरे उतारे जाएं।
स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग में सिटिंग एमएलए को टिकट दिए जाने के मामले में कुछ ऐसे विधायकों के नाम भी शामिल कर लिए गए हैं जिनकी परफाॅर्मेंस रिपोर्ट ठीक नहीं थी। पिछले सर्वे रिपोर्ट में 23 विधायकों की स्थिति ठीक नहीं बताई गई थी।
इस तरह सिर्फ 72-75 विधायकों को टिकट दिया जाना था, लेकिन अब यह संख्या 80 तक जा सकती है। स्क्रीनिंग कमेटी के द्वारा जिन विधायकों के नामों को हरी झंडी दे दी गई है, उसे सीईसी के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा जहां से अनुमोदित होने के बाद कांग्रेस सिटिंग एमएलए के नामों की पहली सूची जारी करेगी।

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कार से बकरियां चुराकर उज्जैन ले जाकर बेची, दो आरोपित गिरफ्तार
रतलाम । रावटी पुलिस ने बकरियां चुराने के मामले में उज्जैन के दो युवकों को गिरफ्तार किया है। वे जिले के ग्राम भेरूघाटी से चार बकरियां चुराकर कार से उज्जैन ले गए थे और वहां बेच दी थी। उनके कब्जे से कार व साढ़े आठ हजार रुपये जब्त किए गए हैं।
पुलिस के अनुसार शांतिबाई पत्नी प्रभु गणावा निवासी ग्राम भेरूघाटी 26 सितंबर 2023 को सुबह करीब दस बजे घर के पास खेत में घास काट रही थी। तभी घर के पास एक कार आकर रुकी, उसमें से दो व्यक्ति उतरे और रस्सी खोलकर बकरियों को कार में डालकर भाग गए।
शांतूबाई की रिपोर्ट पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर रावटी में लगे सीसीटीवी कैमरे चेक किए तो संदिग्ध कार (एमपी-09/सीए-8627) घटना वाले दिन शिवगढ़ की तरफ जाती दिखी। फुटेज लेकर नंबर से कार मालिक का पता किया तो कार आरोपित वहीद खान पुत्र बशीर खान निवासी चंदननगर आगर रोड उज्जैन की पाई गई।
हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर उसने बताया कि साथी ड्राइवर रफीक शाह पुत्र रमजू शाह निवासी काजीपुरा नयापुरा उज्जैन रमजु शाह निवासी 07 गैस का वाडा काजी पुरा नयापुरा उज्जैन के साथ उसने वारदात की थी। उसी दिन बकरियों को उज्जैन के हाट बाजार में 12 हजार रुपये में बेच दिया था।
वहीद के खिलाफ उज्जैन में मारपीट, शासकीय कार्य में बाधा व अवैध हथियार का एक-एक प्रकरण दर्ज है। आरोपितों को गिरफ्तार करने वाले दल में एसआइ रामसिंह खपेड़, प्रधान आरक्षक आतिश धानक, महेश मईड़ा व पदमसिंह शामिल थे।
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नगर पालिका के 16 पार्षदों इस्तीफा, अल्पमत में आ जाएगी परिषद
नागदा। नागदा नगर पालिका में सत्तापक्ष भाजपा के 22 में से 16 पार्षदों द्वारा पार्टी से त्याग-पत्र देने के बाद कांग्रेस पार्षदों में उत्साह का माहौल दिखाई दे रहा है। विधानसभा टिकट में परिवर्तन नहीं हुआ तो पार्षद त्याग-पत्र मंजूर के लिए दबाव बनाएंगे। मंजूर हो जाते हैं तो नपा में बड़ा उलटफेर होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। परिषद अल्पमत में आ जाएगी। नीतिगत निर्णय नपाध्यक्ष नहीं ले पाएगी।
नगरपालिका में 36 में से 22 पार्षद भाजपा के हैं। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष इसी दल के हैं। विधानसभा चुनाव में पार्टी द्वारा उतारे गए प्रत्याशी पर पुन: विचार करने को लेकर 16 पार्षदों ने पार्टी से त्याग-पत्र दे दिया। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित भाजपा समर्थित अब 6 पार्षद बचे हैं। पार्षदों के त्याग-पत्र के बाद कांग्रेस पार्षदों में उत्साह दिखाई दे रहा है। पार्टी के जिलाध्यक्ष ने अभी त्याग-पत्र मंजूर नहीं किए हैं। प्रत्याशी पर पुन: विचार नहीं किया गया तो पार्षद त्याग-पत्र मंजूर करने के लिए दबाव बना सकते हैं।
त्याग-पत्र मंजूर हो गए तो भाजपा परिषद अल्पमत में जाएगी। कांग्रेस पार्षदों द्वारा आपत्ति लगाकर अध्यक्ष द्वारा नीतिगत निर्णय पर रोक लगाने की मांग करेगी। भाजपा के पाले में नपाध्यक्ष, 3 सभापति व दो पार्षद हैं। पीआइसी के लिए अध्यक्ष को छोड़ 7 सदस्य चाहिए, बचे दो पार्षदों को भी पीआइसी में ले लें तो भी दो पार्षद की और आवश्यकता होगी। इसमें एक निर्दलीय है।
फिर भी भाजपा को कांग्रेस से हाथ मिलाकर उनके एक पार्षद को पीआइसी में रखना पड़ सकता है। नीतिगत निर्णय पर रोक लगने के बाद शहर के निर्माण कार्य भी अवरुद्ध हो जाएगा। बता दें कि भाजपा द्वारा नागदा-खाचरौद विधानसभा से तेजबहादुरसिंह चौहान को टिकट दिया है।
पूर्व विधायक दिलीपसिंह शेखावत के समर्थकों में इससे आक्रोश है। विरोध में सबसे पहले भाजपा के 16 पार्षदों ने पार्टी पद से भाजपा जिलाध्यक्ष को त्याग-पत्र दिया है। हालांकि उन्होंने अभी तक किसी भी त्याग-पत्र मंजूर नहीं किया है। इसी क्रम के चलते खाचरौद के 7 भाजपा पार्षदों ने त्याग-पत्र दिया है। वहां परिषद कांग्रेस की है तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
इसी के चलते शनिवार को वार्ड क्रमांक 20 के जनपद सदस्य रघुनाथसिंह बोड़ाना, वार्ड क्रमांक 3 की सदस्य माया मनोहर बोड़ाना, वार्ड क्रमांक 11 की जनपद सदस्य पावत्री बाई वीरसिंह बोड़ाना, वार्ड क्रमांक 1 दशरथ शर्मा, वार्ड 6 श्यामूबाई चंद्रवंशी, वार्ड 12 के पदमाबाई रमेश, वार्ड 10 मनोहरसिंह राठौर, जिला पंचायत सदस्य वार्ड 14 की राधिका गजेंद्रसिंह केसरिया, वार्ड 15 शारदा बाई राकेश चंद्रवंशी आदि ने पार्टी से त्याग-पत्र दिया।