भोपाल। राजधानी की कोलार थाना पुलिस ने बैंक ऑफ बड़ौदा के तत्कालीन मैनेजर, मूल्यांकनकर्ता समेत आठ लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, अमानत में खयानत और षड्यंत्र रचने का केस दर्ज किया है। आरोपियों में तीन महिलाएं हैं। इनमें आईएएस-आईआरएस अधिकारियों की पत्नी और आयुष विभाग के पूर्व ओएसडी की बेटी है। FIR कोर्ट के आदेश पर दर्ज की गई है। बंजारी में स्थित यह जमीन बैंक में लोन पर गिरवी रखी थी। इसकी वर्तमान कीमत करीब 30 करोड़ है। इस प्रॉपर्टी को महज साढ़े 6 करोड़ में नीलाम कर दिया गया था।
पुलिस के मुताबिक शाहपुरा के रहने वाले आदित्य भटनागर ने अपनी एक्सटोल इंडस्ट्रीज लिमिटेड के लिए साल 2010 में बैंक ऑफ बड़ौदा से 4.75 करोड़ का लोन लिया था। इसके बाद कंपनी को 12.72 करोड़ का टर्म लोन दिया गया था। उस समय बैंक ने उक्त जमीन का वैल्युएशन कराया था, जो 13.72 करोड़ रुपए से अधिक था।
कंपनी द्वारा जनवरी 2016 तक लोन की किश्त लगातार जमा की जा रही थीं। मार्च 2016 में बैंक ने अचानक खाता नॉन परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) घोषित कर दिया। (जब कर्जदाता किश्त नहीं चुका पाते, तो बैंक इसे एनपीए घोषित कर देता है।) इस संपत्ति का विवाद डीआरटी, जबलपुर में लंबित है। इस बीच बैंक प्रबंधन ने सीज जमीन को वैल्युअर की मदद से वर्ष 2021 में 6.22 करोड़ में नीलाम कर दी, जिसकी बोली में सिंगल पार्टी ही शामिल हुई थी।
इस संबंध में आदित्य भटनागर ने कोर्ट में परिवार लगाया था। कोर्ट के आदेश पर कोलार रोड पुलिस ने बैंक आफ बड़ौदा के प्रबंधक आंचलिक दबाव ग्रस्त आस्ति वसूली शाखा जबलपुर राकेश भाटिया, मुख्य प्रबंधक आरओएसआरबी अरेरा हिल्स एवं आंचलिक दबाव ग्रस्त वसूली शाखा जबलपुर प्रेम सिंह, दून मोटर्स, ज्योति शॉपिंग कॉम्प्लेक्स एमपी नगर अबरार खान, ओमैन एसेसर्स शिवाजी नगर संदीप अग्रवाल, मनोज गुप्ता एंड एसोसिएट कस्तूरबा नगर मनोज गुप्ता, लीड मेंबर मुस्कान गुप्ता, सागर लैंडमार्क निवासी सोनू पचौरी, बागपत, उप्र निवासी रेनू चौधरी और ग्लोबस फेव सिटी, चूना भट्टी सुनीता डेहरिया के खिलाफ मामला दर्ज किया है। फरियादी आदित्य भटनागर ने बताया कि आरोपी महिला रेणु चौधरी आईएएस अधिकारीकी पत्नी हैं, जबकि मुस्कान आयुष विभाग के पूर्व ओएसडी की बेटी हैं। सुनीता एक आईआरएस अधिकारी की पत्नी हैं।
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राजगढ़ में प्रियंका गांधी ने कहा-आदिवासी क्षेत्र में 18 वर्ष में नहीं खुला एक भी विश्वविद्यालय
राजगढ़ । आदिवासियों के विकास का झूठा दम भरने वाली भाजपा सरकार ने 18 वर्ष में आदिवासी क्षेत्र में एक भी विश्वविद्यालय शुरू नहीं किया। मनरेगा और अन्य योजनाओं में रोजगार नहीं मिलने के कारण क्षेत्र से आदिवासियों का पलायन सतत जारी है। मेरी दादी इंदिरा गांधी हमेशा से कहती रहीं कि आदिवासी संस्कृति एवं परंपराओं को मजबूत बनाए रखना जरूरी है।
कांग्रेस ने हमेशा से ही इसका पालन किया है और आदिवासियों को जल, जंगल और जमीन के अधिकार दिए हैं। समय आ गया है कि महिलाएं चुनाव की लगाम अपने हाथ में लें। सरकार की संवेदनाएं मर गई हैं। पटवारी एक माह तक हड़ताल पर रहे, किंतु सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंगी। 18 वर्ष में भाजपा ने 250 से अधिक घोटाले किए हैं।
उक्त बातें गुरुवार को कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने राजगढ़ की जनआक्रोश सभा को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र का इतिहास गवाह है। अमझेरा के अमका-झमका मंदिर से भगवान श्रीकृष्ण जब रुक्मणि को लेकर जा रहे थे, तब घोड़ों की लगाम रुक्मणिजी ने अपने हाथों में ली थी।
आज फिर वक्त आ गया है, जब क्षेत्र की आदिवासी महिलाएं चुनाव की लगाम अपने हाथों में लेकर भ्रष्ट व चौपट सरकार को उखाड़ फेंके। प्रियंका गांधी की सभा के माध्यम से इंदौर संभाग के छह जिलों की विधानसभा सीटों को टारगेट कर राजगढ़ का चयन किया गया था।
प्रियंका गांधी को सुनने ऐसा जनसैलाब उमड़ा कि सभी व्यवस्थाएं बौनी साबित हो गईं। जनता के बैठने के लिए बनाए गए तीन पंडाल पूरी तरह भर गए थे। बड़ी संख्या में लोगों ने धूप में खड़े होकर प्रियंका गांधी का भाषण सुना।
पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने शिवराज सरकार की तुलना चौपट राजा से करते हुए कहा कि सरकार ने हर क्षेत्र में व्यवस्थाएं चौपट कर दी हैं। मुख्यमंत्री झूठे आश्वासनों की डबल इंजन सरकार चला रहे हैं। भ्रष्टाचार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि शिवराज सिंह नारियल को हाथ में लेकर घूमते रहते हैं।
सड़क पर नारियल फोड़ते हैं तो सड़क टूट जाती है, लेकिन नारियल नहीं फूटता। आज प्रदेश में हर व्यक्ति भ्रष्टाचार का शिकार या गवाह है।
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बीस हज़ार रुपये की रिश्वत लेते हुए एसडीओ को लोकायुक्त टीम ने रंगे हाथों पकड़ा
सतना । सतना जिले के मैहर तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत मैहर में पदस्थ एसडीओ आरईएस गिरीश कुमार मिश्रा को लोकायुक्त संगठन ने उनके कार्यालय में 20000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया है। कार्रवाई पूरी हो जाने के बाद एसडीओ को जमानत पर रिहा कर दिया गया है।
लोकायुक्त संगठन में पदस्थ पुलिस अधीक्षक गोपाल सिंह धाकड़ ने बताया कि गत दिनों सुरेश कुमार गुप्ता ग्राम पंचायत घुरवाई तहसील मैहर कार्यालय में प्रस्तुत होकर शिकायत दर्ज कराई थी।
इसके अनुसार जनपद पंचायत मैहर में पदस्थ आरईएस एसडीओ गिरीश कुमार मिश्रा अमृत सरोवर तालाब का कराए गए काम के भुगतान करने की युवराज में 20000 रुपये की मांग कर रहे हैं।
शिकायत की जांच कराए जाने पर शिकायत प्रमाणित पाई गई जिसे लेकर गुरुवार की देर दोपहर मैहर जनपद पंचायत में उक्त एसडीओ को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया गया।
उक्त कार्रवाई निरीक्षक जिया उल हक के नेतृत्व में की गई है पकड़े गए एसडीओ के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला पंजीकृत कर मामले को विवेचना में लिया गया है।