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पुलिस ने आधे घंटे शख्स को बेवजह लॉकअप में रखा:दिल्ली हाईकोर्ट बोला- यह अत्याचार, 50 हजार मुआवजा दें

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नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस से पीड़ित एक शख्स को 50 हजार रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया है। दिल्ली पुलिस ने उसे बिना वजह आधे घंटे तक हिरासत में रखा था। जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने दिल्ली पुलिस को आदेश दिया कि मुआवजा बदरपुर थाने के उन दोनों सब इंस्पेक्टरों की सैलरी से वसूला जाए, जो पीड़ित व्यक्ति को लाए थे और लॉकअप में रखा था।
कोर्ट ने कहा पीड़ित को लॉकअप में जितना समय गुजारना पड़ा, वह उसका उत्पीड़न है। उन पुलिस अधिकारियों को दोषमुक्त नहीं कर सकते, जिन्होंने कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना पीड़ित को लॉकअप में डाला। इस मामले में सिर्फ पुलिस अधिकारियों की आलोचना करने से ऐसी घटनाएं नहीं रुकेंगी। आलोचना ऐसी होनी चाहिए, जिससे बाकी अधिकारी भविष्य में ऐसी हरकतें करने से बचें।
जस्टिस प्रसाद ने कहा कि यह अदालत इस बात से बहुत परेशान है कि याचिकाकर्ता को गिरफ्तार भी नहीं किया गया। उसे बस मौके से उठाकर पुलिस स्टेशन लाया गया। बिना किसी कारण लॉकअप में डाल दिया गया। जिस तरह से पुलिस अधिकारियों ने एक नागरिक के संवैधानिक और मौलिक अधिकारों की धज्जियां उड़ाते हुए मनमानी की है, वह भयावह है।
पूरा मामला-पिछले साल सितंबर में दिल्ली के बदरपुर पुलिस स्टेशन में एक शिकायत मिली थी, जिसमें कहा गया था कि महिला को सब्जी वाले ने चाकू मार दिया है। शिकायत मिलने पर सब इंस्पेक्टर मौके पर पहुंचा। वहां उसे एक महिला और याचिकाकर्ता मिले।
पुलिस उसे थाने ले आई और रात 11:01 बजे हवालात में डाल दिया। इसके बाद रात 11:24 बजे रिहा कर दिया। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि उन्हें बिना किसी गिरफ्तारी, FIR के हिरासत में लिया गया था।
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न्यूजक्लिक मामला...HC का दिल्ली पुलिस को नोटिस, जवाब मांगा, प्रबीर पुरकायस्थ ने FIR रद्द कराने की मांग की
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने न्यूजक्लिक के एडिटर-इन-चीफ प्रबीर पुरकायस्थ और HR प्रमुख अमित चक्रवर्ती की गिरफ्तारी के विरोध और अंतरिम रिहाई की मांग करने वाली याचिकाओं पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती ने हाईकोर्ट में अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने अपने खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत दिल्ली पुलिस की FIR को रद्द कराने की मांग की है। अब अगली सुनवाई 9 अक्टूबर को होगी।
याचिका में पटियाला हाउस कोर्ट के उस आदेश को भी चुनौती दी गई है, जिसमें उन्हें 7 दिनों की रिमांड पर भेजा गया है। इस मामले में सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने दिल्ली हाईकोर्ट से अर्जेंट हियरिंग की अपील की थी।
इसके बाद चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस संजीव नरूला की बेंच आज सुनवाई के लिए तैयार हुई थी। दिल्ली पुलिस ने 3 अक्टूबर को प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया था। 4 अक्टूबर की सुबह उन्हें 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। दिल्ली पुलिस ने विदेशी फंडिंग लेने के आरोप में इनके खिलाफ UAPA के तहत केस दर्ज किया है।
दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस ने सिटी कोर्ट के निर्देश पर न्यूजक्लिक को आज FIR की कॉपी दी है। दिल्ली पुलिस ने अपनी FIR में आरोप लगाया है कि भारत की संप्रभुता को बिगाड़ने के लिए चीन से फंड आया।
देश के खिलाफ असंतोष पैदा करने के लिए जानबूझकर पेड न्यूज फैलाई गई, जिसमें सरकार की नीतियों और विकास परियोजनाओं की आलोचना की गई। वहीं चीनी सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों का प्रचार किया गया।
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, FIR में लिखा है कि प्रबीर पुरकायस्थ ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान माहौल बिगाड़ने के लिए एक ग्रुप- पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म (PADS) के साथ साजिश रची।
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने दावा किया था कि उसके पास प्रबीर पुरकायस्थ और अमेरिकी टेक मुगल नेविल रॉय सिंघम के बीच के ईमेल ट्रेल्स हैं। इनमें चर्चा की गई है कि भारत का नक्शा कैसे बनाया जाए, जहां कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश 'विवादित क्षेत्र' के रूप में दिखाए जाएं।
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चुनाव आयोग की ऑब्जर्वर्स के साथ बैठक:MP-राजस्थान समेत 5 राज्यों में 15 नवंबर से 7 दिसंबर तक वोटिंग संभव
नई दिल्ली। देश के 5 राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसको लेकर दिल्ली में चुनाव आयोग की एक बैठक जारी है। इसमें चीफ इलेक्शन कमिश्नर राजीव कुमार समेत पांचों राज्यों के इलेक्शन ऑब्जर्वर शामिल हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इन राज्यों में 15 नवंबर से 7 दिसंबर तक मतदान हो सकते हैं। तारीखों का ऐलान 8 अक्टूबर के बाद कभी भी हो सकता है। 2018 में 6 अक्टूबर को तारीखों का ऐलान हुआ था।
चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा कि राजस्थान, मध्य प्रदेश, मिजोरम और तेलंगाना में 2018 की तरह एक ही चरण में मतदान हो सकता है। छत्तीसगढ़ में भी पिछली बार की तरह दो चरणों में मतदान होने की संभावना है।
पांचों राज्यों में मतदान की तारीखें अलग-अलग हो सकती हैं। पांचों राज्यों में वोटों की गिनती एकसाथ 10 से 15 दिसंबर के बीच हो सकती है। जिन पांच राज्यों में चुनाव होना है, उनमें से 2 में महिला वोटर, पुरुषों की तुलना में ज्यादा हैं।
मिजोरम की विधानसभा का कार्यकाल इस साल 17 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। भाजपा की सहयोगी मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) पूर्वोत्तर राज्य में सत्ता में है। तेलंगाना, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की विधानसभाओं का कार्यकाल अगले साल जनवरी में अलग-अलग तारीखों पर खत्म हो रहा है।
तेलंगाना में के. चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति (BRS) का शासन है, जबकि मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार है। छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की सरकारें हैं।
पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा से पहले, चुनाव आयोग ने राजस्थान, मिजोरम, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में चुनाव तैयारियों का जायजा लिया है।
चुनाव आयोग ने चुनाव प्रक्रिया की रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए शुक्रवार को अपने पर्यवेक्षकों की एक बैठक बुलाई है।