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शाहजहांपुर में NRI पत्नी को फांसी की सजा,बॉयफ्रेंड को उम्रकैद; इंग्लैंड में पति की हत्या की साजिश रची थी

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शाहजहांपुर। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर कोर्ट ने शनिवार 7 अक्टूबर को पति की हत्या करने वाली NRI पत्नी को फांसी की सजा सुनाई है। महिला पर 5 लाख का जुर्माना भी लगाया। वहीं, महिला के बॉयफ्रेंड को उम्रकैद की सजा के साथ 3 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
पुलिस पूछताछ में NRI महिला ने बताया था कि इंग्लैंड-दुबई के मुकाबले भारत की कानून व्यवस्था कमजोर है। इसलिए हम दोनों ने उसे भारत लाकर मारा। ADJ कोर्ट के फैसले पर मृतक के परिवारवालों ने कहा, "भारत के कानून ने उनके बेटे को न्याय दिलाया है। हम लोग कोर्ट से फांसी की सजा मांग कर रहे थे।"
शाहजहांपुर के बंडा के बसंतापुर गांव निवासी सुखजीत सिंह लंदन में ट्रक ड्राइवर थे। एक सितंबर 2016 की रात तीसरी मंजिल पर सोते समय उनकी गला रेत कर हत्या कर दी गई थी। NRI पत्नी रमनदीप कौर ने अज्ञात हमलावरों पर घर में घुसकर हत्या का आरोप लगाया था, लेकिन जांच में सच्चाई सामने आने पर रमनदीप और दुबई में रहने वाले उसके बॉयफ्रेंड मिट्ठू सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। इसके बाद से कोर्ट में केस की सुनवाई चल रही थी।
मर्डर की पूरी कहानी -सुखजीत और मिट्ठू बचपन के दोस्त थे और एक ही गांव के थे। सुखजीत नौकरी के लिए इंग्लैंड में रहने वाली अपनी बहन के पास चला गया। वहां सुखजीत टैंकर चलाने लगा। मिट्ठू सिंह भी दुबई चला गया। इसी बीच इंग्लैंड में सुखजीत की मुलाकात इंग्लैंड में जन्मीं रमनदीप कौर से हुई। दोनों के बीच अफेयर शुरू हुआ और बाद में दोनों ने शादी कर ली। हालांकि, शादी से रमनदीप के परिजन खुश नहीं थे।
शादी के बाद सुखजीत और रमनदीप दुबई घूमने गए। यहां दोनों की मुलाकात मिट्ठू सिंह से हुई। दुबई में सुखजीत और रमनदीप करीब 6-7 दिन रहे। इस बीच रमनदीप और मिट्ठू सिंह की अच्छी दोस्ती हो गई। उसके बाद मिट्ठू भी इंग्लैंड आने-जाने लगा। रमनदीप और मिट्ठू के बीच अफेयर हो गया। सुखजीत को इसका शक हो गया और उसने पत्नी रमनदीप पर नजर रखनी शुरू कर दी।
रमनदीप ने सुखजीत को अफेयर के पता चलने का बताया और कुछ दिन दूर रहने को कहा, ताकि सुखजीत का शक दूर हो जाए। घर में दिक्कतें बढ़ जाने मिट्ठू और रमनदीप ने सुखजीत को रास्ते से हटाने की साजिश की। मिट्ठू चोरी से इंग्लैड आया, फिर वापस दुबई लौट गया। कुछ दिन बाद रमनदीप ने पति सुखजीत से दुबई घूमने जाने के लिए कहा।
पत्नी की खुशी के लिए सुखजीत दुबई जाने के लिए तैयार हो गया। दुबई में ये लोग एक होटल में रुके। मिट्ठू भी उन लोगों से वहां मिलने आता था। दुबई में ही रमन और सुखजीत ने भारत आने का प्लान बनाया। इनके साथ मिट्ठू भी 15 दिन के लिए भारत आया। भारत में अपने घर आने के बाद सुखजीत और मिट्ठू मिला करते थे। रमन भी उनके साथ रहती थी। 15 दिन बीतने के बाद मिट्ठू दुबई जाने लगा।
मिट्ठू ने सुखजीत से खुद को एयरपोर्ट तक छोड़ने के लिए कहा। सुखजीत के साथ पत्नी रमन भी उसको छोड़ने गई। कार से तीनों एयरपोर्ट के लिए निकले। मिट्ठू को एयरपोर्ट छोड़ने के बाद रमन और सुखजीत वापस घर लौट रहे थे। कार सुखजीत चला रहा था, रमन बगल वाली सीट पर बैठी थी।
तभी एक सुनसान जगह पर रमन ने सुखजीत पर चाकू से हमला कर दिया, लेकिन सुखजीत ने किसी तरह अपनी जान बचा ली। इसके बाद रमन रोने लगी और माफी मांगी। दोनों किसी तरह घर पहुंचे। सुखजीत ने सच छिपाने के लिए घर पर कार का शीशा लगने की बात कही। इलाज कराने के बाद रमन और सुखजीत ऊपर कमरे में चले गए।
मिट्ठू, सुखजीत के घर की छत पर दोनों का पहले से इंतजार कर रहा था। मिट्ठू दुबई गया ही नहीं था। ये रमनदीप और मिट्ठू का प्लान था कि अगर पहले हमले में वो बच जाएगा तो फिर उसको घर में मार देंगे और लूट की झूठी कहानी बता देंगे।
1 सितंबर 2016 की रात खाने में बिरयानी बनाई, जिसमें नशीली दवा मिलाकर सुखजीत और परिवार के सभी सदस्यों को खिलाई। घर में कुत्ते पले हुए थे। वे शोर ना करें, इसलिए उन्हें भी यह बिरयानी देकर बेहोश कर दिया गया।
इसके बाद छत पर बच्चों के साथ अलग कमरे में सो रहे सुखजीत की गला रेत कर हत्या कर दी। मिट्ठू ने सुखजीत के सिर पर हथौड़े से वार किए। सुबह जब घरवालों को होश आया तो रमनदीप ने शोर मचाया। कहा कि कोई बाहर से छत पर चढ़ आया और सुरजीत की हत्या करके भाग गया।
इस घटना का खुलासा पुलिस ने एक दिन में कर दिया था। पुलिस ने शक के आधार पर रमनदीप को मौके से गिरफ्तार कर लिया था। उसके बाद सख्ती से हुई पूछताछ में रमनदीप ने सारा सच उगल दिया। इसके बाद मिट्ठू को भी एयरपोर्ट जाने वाले रास्ते से गिरफ्तार कर लिया।

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दूसरे आदमी के साथ संबंध, पत्नी गुजारा-भत्ता की हकदार नहीं
बेंगलुरु। कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा कि दूसरे आदमी के साथ संबंध रखने वाली महिला को पति से गुजारा-भत्ता लेने का अधिकार नहीं है। जब महिला पति के साथ ईमानदार नहीं है, तो उसे गुजारा-भत्ता देने का सवाल ही नहीं उठता।
जस्टिस राजेंद्र बदामीकर ने एक महिला की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। महिला ने हाईकोर्ट में चिक्कामगलुरु के सेशन कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उसे गुजारा-भत्ता ना देने का आदेश दिया गया था।
महिला ने दावा कि वो कानूनी तौर पर शादीशुदा है। ऐसे में वह गुजारा-भत्ता की हकदार है। महिला ने अपने पति पर अवैध संबंध का भी आरोप लगाया। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि जब महिला का अपना कैरेक्टर ही सही नहीं है तो वो पति पर उंगली नहीं उठा सकती।
दरअसल, पति ने कोर्ट को बताया कि महिला एक पड़ोसी के साथ भाग गई थी। उसने पति के साथ रहने से इनकार कर दिया था। साल 2009 में महिला ने घरेलू हिंसा कानून के तहत याचिका दायर की थी। इसमें उसने पति से 25 हजार रुपए जुर्माने के साथ हर महीने 3000 रुपए गुजारा-भत्ता की मांग की थी।
13 मार्च 2013 को मजिस्ट्रेट ने महिला के पति को 5000 रुपए जुर्माना के अलावा हर महीने 2500 रुपए गुजारा-भत्ता देने का आदेश दिया था। पति ने सेशन कोर्ट में इस फैसले को चुनौती दी थी। 6 नवंबर 2015 को सेशन कोर्ट ने मजिस्ट्रेट के फैसले पलट दिया था। कर्नाटक हाईकोर्ट ने सेशन कोर्ट के फैसले को सही ठहराया और महिला की याचिका को खारिज कर दिया।
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आग का तांडव: मुंबई और अमृतसर में भीषण अग्निकांड, कुल 11 की मौत, कई गंभीर घायल
मुंबई। मुंबई में गोरेगांव की 7 मंजिला इमारत में शुक्रवार सुबह भीषण आग लग गई। समाचार एजेंसी के मुताबिक, 40 लोग झुलसे हैं, जबकि 7 की मौत हो गई है। घायलों में कुछ की हालत गंंभीर है, जिन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
सूचना मिलने पर अग्निशमन वाहन पहुंचे और आग पर काबू पाया गया। जिस इमारत में आग लगी, वह पांच मंजिला है। यहां लेवल 2 की आग लगी थी। मुंबई पुलिस के मुताबिक, बचाए गए छह लोगों की हालत गंभीर थी, जिनकी मौत हो चुकी है।
आग की चपेट में आने से 30 वाहन भी खाक हो गए हैं। अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि आग कैसे लगी। शुरुआत जांच में शॉर्ट सर्किट को जिम्मेदार माना जा रहा है। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक, आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया है।
इसी तरह अमृतसर में भी भीषण आग लग गई। यहां 4 लोगों के मारे जाने की सूचना है। यह आग एक दवा फैक्टरी में लगी, जिसके बाद केमिकल ड्रमों में धमाका हुआ। जिस यह आग लगी, उस समय 1600 कर्मचारी काम कर रहे थे।