नवरात्र का पर्व इस बार अगले सप्ताह से शुरू होने जा रहा है। इस बार भी मूर्तिकारों की रोजगार से जुड़ी उम्मीद पूरी करेगा। शहर में आधा दर्जन से अधिक मूर्तिकार आर्थिक समृद्धि से जुड़ी उम्मीद को पूरा करने के लिए माता रानी की प्रतिमाएं तैयार करने में जुटे हैं। ये प्रतिमाएं पीओपी, जूट आदि से सांचे में तैयार मां दुर्गा की मूरत में रोजगार की आस पूरी करने को रंग भरे जा रहे हैं। अष्टभुजी मां की प्रतिमा को सार्वजनिक पंडाल में विराजमान करने के लिए तैयार करने का काम होने लगा है। मां की यह प्रतिमाएं 1000 रुपए से लेकर साढ़े 11 हजार रुपए तक कीमत में विभिन्न आकार में बिक्री को उपलब्ध हैं।
इस बार माता रानी का हर घर आगमन 15 अक्टूबर रविवार से होगा। शारदीय नवरात्र प्रारंभ होते ही धरा पर माता रानी की जय-जयकार सुनाई देगी। ऐसे में नवरात्र से आय की आस में मूर्तिकार भी तैयारी में जुट गए हैं। माता रानी की अष्टभुजी प्रतिमाएं तैयार होने लगी हैं। मूर्तिकार प्रेम नरायण अपने तीन अन्य साथियों के साथ जूट के मिश्रण से दुर्गा रानी की मूर्तियां 40 दिन से तैयार कर रहे हैं। बनाई गई यह मूर्तियां अब धूप में सुखाई जा रही है। फिर उसके बाद उनमें रंग भर रहे है। शहर में 10 स्थानों दुर्गा रानी की बनाई जा रही मूर्तियों में सात प्रकार के रंग भरे जा रहे हैं। लाल, गुलाबी, हरा, पीला, सफेद, आसमानी और नीले रंग के समायोजन से तैयार की जा रही प्रतिमाओं को अब संवारा जा रहा है। सादा और कपड़े वाली प्रतिमाएं बनाई जा रही है। कई आकार में तैयार हो रही प्रतिमाओं में यह रंग प्रेशर के माध्यम से भरे जा रहे हैं। इस बार माता रानी की प्रतिमाओं पर कुछ महंगाई भी है। मूर्तिकार प्रेम नारायण का कहना है कि जूट, पीओपी और रंगों के महंगाई से मूर्तियों पर कुछ महंगाई भी है। इस साल 10 फीसदी रंगों व पीओपी की कीमत बढ़ गई है।