इंदौर। 70 साल के विजय माठे ने एक कैफे को आग लगाकर खाक कर डाला। सीसीटीवी फुटेज से पुलिस घर पहुंची तो माठे बोला यहां लड़कियां सिगरेट पीती हैं।मैंने सबक सिखाने के लिए कैफे जलाया है। विजय ,अभिनेता अमिताभ बच्चन की फिल्म शहंशाह से प्रभावित है। उसका कहना है कि लोगों को सुधारना ही उसका मकसद है।
टीआइ तारेश सोनी के मुताबिक स्कीम-78 में स्काई कार्पोरेट के पास 'द स्ट्रेट' के नाम से शुभम भोलाराम चौधरी(लसूड़िया मौरी) का कैफे है। सोमवार-मंगलवार के दरमियानी रात कैफे में आग लग गई।
सुबह शुभम पहुंचा तो देखा आग इतनी भीषण थी कि फर्नीचर, डी-फ्रीजर, फ्रीज, काफी मशीन, समोसा मशीन, मिक्सर, डीप फ्रायर, इनडेक्शशन, पिज्जा ओवन, समोसा ओवन सहित सारा सामान जल गया।
शुभम ने पहले सोंचा आग शार्ट सर्किट के कारण लगी होगी। शक के आधार पर कैफे के पास स्थित फायनेंस कंपनी के सीसीटीवी फुटेज निकाले तो एक वृद्ध नजर आया जो अक्सर आसपास ही घूमता रहता था। लोगों ने बताया उसका नाम विजय माठे है और उसे कई बार देखा है।
बुधवार को पुलिस ने विजय को घर से गिरफ्तार कर लिया। उससे थाने में पूछताछ की तो आग लगाना स्वीकार लिया। टीआइ से बोला वहां लड़कियां सिगरेट पीती हैं। माहौल खराब हो रहा था। मैंने तो समाज में सुधार लाने के लिए आग लगाई है। टीआइ ने फटकार लगाई और कहा कि कैफे में पांच लाख रुपये का नुकसान हुआ है। इस पर विजय ने ठप्पे से फोन लगाया और कहा कि थाने में पांच लाख रुपये लेकर आ जाना। विजय थाने में बहकी बहकी बातें कर रहा था।
शुभम के मुताबिक फायनेंस कंपनी के फुटेज में विजय साइकिल से जाता हुआ दिखा। चार अन्य जगहों के फुटेज निकाले तो हाथ में ज्वलनशील पदार्थ की कुप्पी लिए नजर आया। कड़ियां जोड़ते हुए घर पहुंचे तो लोगों ने बताया विजय वहां रहता है और साइकिल भी चलाता है। टेलिफोन विभाग से सेवानिवृत होने के बाद विजय अक्सर क्षेत्र में ही घूमता देखा गया है।
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युवती की खुले में डिलीवरी, पैसे नहीं देने पर अस्पताल से बाहर निकाला
भिंड। भिंड में मानवता को शर्मसार कर देनेवाला मामला सामने आया है। यहां एक गर्भवती का खुले में प्रसव कराया गया। पैसे नहीं देने पर उसे अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया था। बाद में सास ने युवती की डिलीवरी कराई। भिंड के सरकारी जिला अस्पताल में यह शर्मनाक घटना हुई। सिविल सर्जन डॉ. अनिल गोयल ने इस मुद्दे पर फार्मल सा जवाब दिया।
जिला अस्पताल में अटेर के किपिड़ोरा गांव से डिलीवरी को आई महिला को अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया। मजबूरी में गर्भवती की डिलीवरी उसकी सास ने प्रसूति वार्ड के बाहर खुले में कराई।
25 वर्षीय राखी पत्नी बंटी परिहार को पहले ऑपरेशन की बात कहकर डराया गया। गरीब परिवार होने से ऑपरेशन कराने का खर्च उठाने में असमर्थता व्यक्त करने पर नर्स ने नॉर्मल डिलीवरी के लिए पांच हजार रुपए मांगे। जब परिवार ने पैसे नहीं दिए तो गर्भवती को बाहर निकाल दिया। बाद में प्रसूति वार्ड के टीनशेड में महिला की नॉर्मल डिलीवरी हो गई।
महिला की सास गुड्डीबाई ने आरोप लगाया है कि अस्पताल का नर्सिंग स्टॉफ पैसे न देने पर इधर-उधर भगाता रहा और बाद में कह दिया कि बाहर ले जाओ। इतना समय नहीं था, मजबूरी में हमने खुले में प्रसव कराया।
इधर सिविल सर्जन डॉ. अनिल गोयल ने इस मुद्दे पर फार्मल सा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि परिजन रुपए मांगने वाली नर्स को पहचान लें, शिकायत कर दें तो हम जांच करवा लेंगे और जांच रिपोर्ट के अनुसार उचित कार्रवाई करेंगे।
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मध्यप्रदेश सहित कई राज्यों में NIA का एक्शन, PFI पर छापे
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल सहित देशभर में एक दर्जन से अधिक ठिकानों पर सुरक्षा जांच एजेंसी एनआईए ने छापेमारी की है। बुधवार सुबह हुई इस छापेमारी से कई राज्यों में हड़कंप मचा हुआ है। राजधानी भोपाल में भी छापेमारी की खबर है। पुराने भोपाल के एक इलाके में एनआईए की टीम तलाशी अभियान में जुटी हुई है। मामला टेरर फंडिंग से जुड़ा बताया जा रहा है।
राजधानी भोपाल में बुधवार को सुबह एनआईए की छापेमारी से हड़कंप मच गया है। सुबह एनआईए के अधिकारियों ने पुराने बोपाल के इलाके में छापेमारी की है। भोपाल में इससे पहले भी छापेमारी की कार्रवाई हो चुकी है। एनआईए की यह छापेमारी पीएफआई पर की जा रही है।
पिछले साल PFI को आतंकवाद विरोधी गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम (UAPA) के तहत बैन कर दिया गया था। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई केस नंबर 31/2022 के अंतर्गत की गई है। ये मामला पीएफआई, उसके नेताओं और कैडरों की हिंसक और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने से जुड़ा बताया जा रहा है।