उज्जैन। खुद को टीटीई बताकर ट्रेनों में यात्रियों से वसूली करने वाले एक युवक को जीआरपी ने गिरफ्तार किया है। आरोपित सूट-बूट पहनकर तथा गले में टाई लगाकर यात्रियों से रुपये वसूलता था। वह कई दिनों से भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में चेकिंग के नाम पर वसूली कर रहा था।
जीआरपी टीआइ ज्योति शर्मा ने बताया कि यात्रियों द्वारा रेलवे अधिकारियों व आरपीएफ को शिकायत की जा रही कि चेकिंग के नाम पर वसूली की जा रही है। गुरुवार को सीसीटीसी (वाणिज्यिक सह टिकट क्लर्क) राजेश्वर कुमार शर्मा व टीम ने भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन से एक युवक को पकड़ा।
उसके बैग की तलाशी ली तो उसके पास रेलवे का फर्जी परिचय पत्र मिला। इसमें उसका नाम दिवाकर मिश्रा पद- एसी कोच मैकेनिक लिखा था। आरोपित ने भारतीय रेलवे के परिचय पत्र का यह पट्टा पहना हुआ था। आरोपित 31 वर्षीय दिवाकर निवासी शिव नगर कालोनी विदिशा रोड हुजूर, भोपाल के परिचय पत्र की जांच की गई तो वह फर्जी निकला।
रेलवे पुलिस के अनुसार, पूछताछ में सामने आया है कि आरोपित दिवाकर सामान्य यात्रियों की तरह ट्रेन में चढ़ता था, फिर ट्रेन के शौचालय में टीटीई की ड्रेस पहनकर नकली आइडी गले में लटका लेता था। इसके बाद वह यात्रियों के टिकट चेक करने के नाम पर वसूली कर फिर से कपड़े बदलकर बाहर निकल जाता था। पुलिस ने आरोपित के पास से यात्रियों से वसूले गए 200 रुपये, टीटीई की ड्रेस व फर्जी परिचय पत्र जब्त कर उसके खिलाफ केस दर्ज किया है।
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ग्वालियर के नेवी ऑफिसर को कतर में मौत की सजा,बहन परेशान, PM से मांग चुकीं मदद
ग्वालियर। कतर की कोर्ट ने गुरुवार को भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को मौत की सजा सुनाई है। सभी एक साल से कतर की अलग-अलग जेलों में कैद हैं। पूर्व नौसैनिकों में से एक पूर्णेंदु तिवारी की छोटी बहन डॉ. मीतू भार्गव ग्वालियर के विंडसर हिल्स इलाके में रहती हैं।
हम डॉ. मीतू भार्गव के आवास पर पहुंचे। मीतू और उनके पति आशीष भार्गव ग्वालियर से बाहर हैं। घर की देखभाल करने वाले ट्विंकल वर्मा ने बताया, 'मीतू भार्गव दो दिन पहले ही बाहर गई हैं। उनकी मां भोपाल में रहती हैं। मुझे बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है।' ट्विंकल से बातचीत में हमें पता चला कि कतर की कोर्ट के फैसले के बाद से परेशान हैं।
बता दें, डॉ. मीतू ने 25 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्वीट कर मदद मांगी थी। उन्होंने लिखा था, 'भाई पूर्णेंदु तिवारी इंडियन नेवी से रिटायर्ड ऑफिसर हैं। वे अपने 7 ऑफिसर के साथ कतर की कंपनी दाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी एंड कंसलटेंसी सर्विसेज के लिए काम करते हैं। पूर्णेंदु इस कंपनी में मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। कंपनी की ओर से ये सभी 8 रिटायर्ड इंडियन नेवी ऑफिसर कतर की नौसेना को ट्रेनिंग देने गए थे। अचानक वहां की सरकार ने उन्हें नजरबंद कर दिया।'
पिछले साल बातचीत में उन्होंने कहा था, 'मेरे बड़े भाई रिटायर्ड कमांडर पूर्णेंदु दोहा में अवैध रूप से बंद हैं। उनके साथ दूसरे पूर्व सैनिक भी हैं। जल्द उन्हें भारत लाया जाए। भाई को न किसी से मिलने दिया जा रहा है, न ही उनके परिवार के पास जाने दिया जा रहा है।'
इन 8 पूर्व नौसेना अफसरों को दी गई मौत की सजा
कैप्टन नवतेज सिंह गिल
कैप्टन सौरभ वशिष्ठ
कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा
कमांडर पूर्णेंदु तिवारी
कमांडर सुग्नाकर पकाला
कमांडर संजीव गुप्ता
कमांडर अमित नागपाल
सेलर रागेश
दाहरा कंपनी में मैनेजिंग डायरेक्टर रिटायर्ड कमांडर पूर्णेंदु तिवारी को भारत और कतर के बीच द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने में उनकी सेवाओं के लिए साल 2019 में प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार मिला था। यह पुरस्कार पाने वाले वे आर्म्ड फोर्सेज के एकमात्र शख्स हैं।
कतर सरकार ने 8 भारतीयों पर लगे आरोपों को अब तक सार्वजनिक नहीं किया है। हालांकि, सॉलिटरी कन्फाइनमेंट में भेजे जाने से यह चर्चा है कि उन्हें सुरक्षा संबंधी अपराध के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी इजराइल के लिए उनके देश की जासूसी कर रहे थे। हालांकि, इसमें भी कोई तथ्य पेश नहीं किया गया है।
यह पूछे जाने पर कि उन पर क्या आरोप लगाए गए हैं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस साल जनवरी में अपनी वीकली ब्रीफिंग में कहा था कि यह सवाल कतर के अधिकारियों से पूछा जाना चाहिए।
भारत सरकार ने इस पर हैरानी जाहिर की है। उन्हें छुड़ाने के लिए कानूनी रास्ते खोजे जा रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि हम जजमेंट की डिटेलिंग का इंतजार कर रहे हैं।
कतर की इंटेलिजेंस एजेंसी के स्टेट सिक्योरिटी ब्यूरो ने इंडियन नेवी के 8 पूर्व अफसरों को 30 अगस्त 2022 को गिरफ्तार किया था। भारतीय दूतावास को सितंबर के मध्य में पहली बार इनकी गिरफ्तारी के बारे में बताया गया।
30 सितंबर को इन भारतीयों को अपने परिवार के सदस्यों के साथ थोड़ी देर के लिए टेलीफोन पर बात करने की अनुमति दी गई। पहली बार कॉन्सुलर एक्सेस 3 अक्टूबर को गिरफ्तारी के एक महीने बाद मिला। इस दौरान भारतीय दूतावास के एक अधिकारी को इनसे मिलने दिया गया। इसके बाद इन लोगों को हर हफ्ते परिवार के सदस्यों को फोन करने की अनुमति दी गई। दूसरा कॉन्सुलर एक्सेस दिसंबर में दिया गया।
कतर की कोर्ट के फैसले पर भारत सरकार ने इस पर हैरानी जाहिर की है। उन्हें छुड़ाने के लिए कानूनी रास्ते खोजे जा रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि हम जजमेंट की डिटेलिंग का इंतजार कर रहे हैं।
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चंद्रग्रहण शनिवार को: शाम 4.05 बजे से लगेगा सूतक, इन राशियों वालों के लिए रहेगा शुभ फलदायी
इंदौर। शरद पूर्णिमा पर शनिवार को साल का अंतिम चंद्रग्रहण होने जा रहा है। अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि में लगने जा रहे इस ग्रहण का असर सभी राशियों पर पड़ेगा। मिथुन, कर्क, वृश्चिक, धनु, कुंभ राशि के लिए शुभ फलदायी रहेगा। ग्रहण के चलते मंदिरों में पूजा-अर्चना का क्रम बदलेगा।
ज्योतिषाचार्य पं.सर्वेश्वर शर्मा के अनुसार, चंद्रग्रहण केवल वैज्ञानिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण घटना है। चंद्रग्रहण शनिवार रात 1 बजकर 6 मिनट से लेकर 2 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। यानी यह ग्रहण 1 घंटा 16 मिनट का रहेगा। चंद्रग्रहण का सूतक काल ग्रहण के नौ घंटे पहले से शुरू हो जाता है। अतः भारतीय समय अनुसार, चंद्रग्रहण का सूतक शाम 4 बजकर 5 मिनट पर आरंभ हो जाएगा। इस ग्रहण में चंद्रबिंब दक्षिण की तरफ से ग्रस्त होगा।
शनिवार को होने वाला खंडग्रास चंद्रग्रहण भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, संपूर्ण एशिया, यूरोप, अफ्रीका, दक्षिणी-पूर्वी अमेरिका, उत्तरी अमेरिका, कनाड़ा, ब्राजील, एटलांटिक महासागर में दिखाई देगा। भारत में ग्रहण शुरुआत से अंत तक पूरे समय दिखाई देगा।
चंद्रग्रहण का सूतक शाम 4 बजकर 5 मिनट पर प्रारंभ हो जाएगा। इस दौरान आपको किसी प्रकार का मांगलिक कार्य, स्नान, हवन और भगवान की मूर्ति का स्पर्श नहीं करना चाहिए। सूतक काल के दौरान भोजन बनाना व भोजन करना भी उचित नहीं है। हालांकि, सूतक काल में गर्भवती स्त्री, बच्चे, वृद्धजन भोजन कर सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें दोष नहीं लगेगा। ध्यान रखें कि सूतक काल आरंभ होने से पहले खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते अथवा डाल कुश डालना चाहिए।
ग्रहण मोक्ष होने के बाद स्नान- दान- पुण्य- पूजा उपासना इत्यादि का विशेष महत्व है। अतः ग्रहण मोक्ष के बाद स्नान अवश्य करें, तथा 29 अक्टूबर, सुबह स्नान के बाद भगवान की पूजा उपासना, दान पुण्य करें। ऐसा करने से चंद्रग्रहण के अशुभ प्रभाव कम होते हैं।
चंद्रग्रहण ग्रहण मेष, वृष, सिंह कन्या, तुला मकर, मीन राशियों के लिए अशुभ फलदायी है। वहीं मिथुन, कर्क , वृश्चिक, धनु, कुंभ राशि के लिए शुभ फल प्रदान करने वाला रहेगा।