बीड। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को NCP अजीत पवार गुट के एक विधायक के घर पर हमला बोल दिया। प्रदर्शनकारियों ने बीड के माजलगांव में विधायक प्रकाश सोलंके के घर और दफ्तर पर पथवराव किया।
सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने यहां दर्जनों बाइक और कार को भी फूंक दिया। मराठा आरक्षण आंदोलन इस साल अगस्त से ही चल रहा है। आरक्षण की मांग को लेकर 11 दिनों में 13 लोग सुसाइड कर चुके हैं।
NCP विधायक प्रकाश सोलंके ने घटना को लेकर कहा- जब हमला हुआ तब मैं अपने घर के अंदर ही था। हालांकि मेरे परिवार का कोई भी सदस्य या कर्मचारी घायल नहीं हुआ। हम सभी सुरक्षित हैं, लेकिन आग के कारण संपत्ति को भारी नुकसान हुआ। घटना के बाद इलाके में पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
वहीं, माजलगांव में प्रदर्शकारियों ने नगर परिषद कार्यालय में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। इसमें काफी नुकसान की बात कही जा रही है। प्रदर्शनकारियों ने जालना के बदनापुर तहसीलदार दफ्तर को जबरन ताला लगाया और महिला तहसीलदार को बाहर निकाला। यही नहीं, लैंड रिकॉर्ड्स, नगर पंचायत, पंचायत समिति कार्यालय में भी तालाबंदी कर दी।
प्रकाश सोलंके के नाम से वायरल हो रही एक ऑडियो क्लिप को हमले के लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है। इस ऑडियो क्लिप में प्रकाश सोलंके कथित तौर पर मनोज जारांगे पर टिप्पणी करते सुनाई देते हैं। मराठा आरक्षण के लिए मनोज जरांगे ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की थी।
विधायक प्रकाश सोलंके ने कहा कि प्रदर्शनकारियों से बात नहीं हो सकी। उन्होंने सीधे घर पर पथराव शुरू कर दिया। वह बात करने के मूड में नहीं थे। उन्होंने मेरा घर घेर लिया। मैं मराठा हूं, आरक्षण का समर्थन करता हूं। कुछ लोग मेरी एडिटेड ऑडियो क्लिप वायरल कर गलतफहमी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। मेरा अनुरोध है कि प्रदर्शनकारियों के साथ हाथ मिलाएं। उनके बल और प्यार से मैं विधायक बना। यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। राजनीतिक शरारत के कारण ऐसा हुआ है।
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शराब घोटाला में मनीष सिसोदिया जेल में ही मनाएंगे दिवाली, सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने से किया इंकार
आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। दरअसल, उच्चतम कोर्ट ने आप नेता के जमानत याचिका पर 30 अक्टूबर को सुनवाई की। सुनवाई के बाद कोर्ट ने सिसोदिया की तरफ से दायर की गई जमानत याचिका को खारिज कर दिया। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के जरिए सिसोदिया के खिलाफ जांच किए जा रहे मामलों पर फैसला सुनाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने भले ही सिसोदियाा की याचिका को खारिज करते हुए जांच एजेंसी को निर्देश दिया कि सिसोदिया के खिलाफ मुकदमें को 6 से 8 महीने के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया है। अगर मुकदमे की प्रक्रिया धीमी रहती है, तो सिसोदिया तीन महीने के भीतर फिर से जमानत के लिए याचिका दायर करने के लिए हकदार होंगे। ऐसे में एक बात साफ हो गई कि आप नेता की दिवाली जेल में ही बीतेगी।
शीर्ष अदालत ने इससे पहले कथित दिल्ली एक्साइज पॉलिसी और सिसोदिया के खिलाफ मामलों के संबंध में सीबीआई और ईडी से कई सवाल पूछे थे। सिसोदिया फरवरी से ही कथित शराब घोटाले में जेल में बंद हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में सिसोदिया की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। सिसोदिया ने अपने खिलाफ दो अलग-अलग मामलों में जमानत मांगी है। इसमें से एक केस सीबीआई और दूसरा केस ईडी ने दायर किया है।
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तेलंगाना में BRS सांसद कोथा प्रभाकर को चाकू मारा:चुनाव प्रचार के दौरान हमला
हैदराबाद। तेलंगाना के मेडक से सांसद और विधानसभा चुनाव में BRS प्रत्याशी कोथा प्रभाकर रेड्डी पर सोमवार को चाकू से हमला किया गया। घटना को उस वक्त अंजाम दिया गया, जब वो सिद्दीपेट के सुरामपल्ली गांव में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे थे।
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक प्रभाकर को पेट में चाकू मारा गया। उन्हें तुरंत गजवेल अस्पताल ले जाया गया। उनकी हालत अभी स्थिर है। उन्हें हैदराबाद भी शिफ्ट किया जा सकता है। वहीं, भीड़ ने आरोपी को पकड़कर उसकी पिटाई की और फिर पुलिस के हवाले कर दिया।
इस घटना से जुड़े दो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। एक वीडियो में कोथा हाथ से पेट दबाकर अस्पताल जाते नजर आ रहे हैं। वहीं दूसरी में पार्टी कार्यकर्ता आरोपी को पीटते हुए दिख रहे हैं।
चश्मदीदों के मुताबिक, कोथा अपने चुनावी प्रचार के दौरान एक पादरी के घर की ओर जा रहे थे। तभी एक अज्ञात शख्स भीड़ से निकलकर कोथा के सामने आया। ऐसा लगा जैसे वो सांसद से हाथ मिलाना चाहता हो, लेकिन उसने अचानक चाकू निकाला और उनके पेट में घोंप दिया।
सिद्दीपेट की पुलिस कमिश्नर एन श्वेता ने बताया कि हमलावर को पकड़ लिया गया है। उसकी पहचान और हमले की वजह पता की जा रही है।
वहीं, इस घटना के बाद तेलंगाना के राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने DGP को चुनाव प्रत्याशियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
कोथा प्रभाकर रेड्डी ने 2014 में मेडक (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) के लिए हुए उप चुनाव में तेलंगाना राष्ट्र समिति के उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी। उन्होंने 3.61 लाख वोटों से जीत हासिल की थी।