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130 घंटे से फंसी है 41 श्रमिकों की जान, मलबे को 24 मीटर तक भेद दिया

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उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में सिलक्यारा सुरंग के एक हिस्से के ढहने के कारण उसके अंदर पिछले 130 घंटे से अधिक समय से फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए ‘एस्केप टनल’ बनाने के लिये नयी और शक्तिशाली अमेरिकी ऑगर मशीन ने मलबे को 24 मीटर तक भेद दिया। सुरंग में बचाव अभियान के लिए अमेरिकी मशीन के समान उपकरण इंदौर से ‘बैकअप’ के रूप में मंगाए जा रहे हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग अवसंरचना विकास कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचआइडीसीएल) के एक अधिकारी ने उन खबरों को खारिज कर दिया कि अमेरिकी मशीन में तकनीकी समस्याओं के कारण बचाव कार्य में बाधा आ रही है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि इंदौर से मशीन केवल ‘बैकअप’ के लिए मंगाई जा रही है।
एनएचआइडीसीएल के निदेशक अंशु मनीष खाल्को ने कहा कि मलबे में ड्रिलिंग कर छह मीटर लंबे चार पाइप डाल दिए गए हैं जबकि पांचवें पाइप को डालने की कार्रवाई जारी हैं। उन्होंने बताया कि चौथे पाइप का अंतिम दो मीटर हिस्सा बाहर रखा गया है जिससे पांचवें पाइप को ठीक तरह से जोड़कर उसे अंदर डाला जा सके । यह पूछे जाने पर कि मशीन प्रति घंटा चार—पांच मीटर मलबे को भेदने की अपनी अपेक्षित गति क्यों नहीं हासिल कर पाई, उन्होंने कहा कि पाइपों को डालने से पहले उनका संरेखण करने तथा जोड़ने में समय लगता है।
खाल्को ने यह भी दावा किया कि डीजल से चलने के कारण ड्रिलिंग मशीन की गति भी धीमी है । उन्होंने कहा कि बीच-बीच में ड्रिलिंग को रोकना भी पड़ता है क्योंकि भारी मशीन में कंपन होने से मलबा गिरने का खतरा हो सकता है । खाल्को ने कहा, ‘‘हम एक रणनीति से काम कर रहे हैं लेकिन यह सुनिश्चित करना होगा कि बीच में कुछ गलत न हो जाए।’’
उन्होंने कहा कि ‘बैक अप’ योजना के तहत इंदौर से हवाई रास्ते से एक और ऑगर मशीन मौके पर लाई जा रही है जिससे बचाव अभियान निर्बाध रूप से चलता रहे। इससे पहले, मंगलवार देर रात एक छोटी ऑगर मशीन से मलबे में ड्रिलिंग शुरू की गयी थी, लेकिन इस दौरान भूस्खलन होने तथा मशीन में तकनीकी समस्या आने के कारण काम को बीच में रोकना पड़ा था।
इसके बाद भारतीय वायुसेना के सी-130 हरक्यूलिस विमानों के जरिए 25 टन वजनी बड़ी, अत्याधुनिक और शक्तिशाली अमेरिकी ऑगर मशीन दो हिस्सों में दिल्ली से उत्तरकाशी पहुंचाई गयी जिससे बृहस्पतिवार को दोबारा ड्रिलिंग शुरू की गयी। मौके पर बचाव कार्यों की निगरानी कर रह एक विशेषज्ञ आदेश जैन ने बताया कि अमेरिकी ऑगर मशीन को बचाव कार्यों की गति तेज करने के लिए मंगाया गया।
उन्होंने कहा कि पुरानी मशीन की भेदन क्षमता मलबे को 45 मीटर भेदने की थी जबकि ऊपर से लगातार मलबा गिरने के कारण वह 70 मीटर तक फैल गया है । इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि सुरंग में फंसे श्रमिकों को लगातार खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। उन्हें ऑक्सीजन, बिजली, दवाइयां और पानी भी पाइप के जरिए निरंतर पहुंचाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि श्रमिकों से निरंतर बातचीत जारी है और बीच-बीच में उनकी उनके परिजनों से भी बात कराई जा रही है। इस बीच, झारखंड सरकार की एक टीम अपने श्रमिकों से कुशलक्षेम जानने के लिए मौके पर पहुंची।
आईएएस अधिकारी भुवनेश प्रताप सिंह के नेतृत्व में पहुंची तीन सदस्यीय टीम ने झारखंड के मजदूर विश्वजीत एवं सुबोध से पाइप के जरिए बातचीत कर उनका हालचाल लिया । इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए सिंह ने केंद्र एवं उत्तराखंड सरकार द्वारा बचाव एवं राहत के लिए चलाए जा रहे प्रयासों की सराहना की और कहा कि प्रशासनिक स्तर पर इस हादसे के प्रबंधन और बचाव कार्य हेतु मुकम्मल इंतजाम किए गए हैं।
उत्तरकाशी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसीएस पंवार ने कहा कि सुरंग के पास छह बिस्तरों का अस्थाई चिकित्सालय तैयार कर लिया गया है।उन्होंने बताया कि मौके पर 10 एंबुलेंस के साथ कई मेडिकल टीम भी तैनात हैं ताकि श्रमिकों को बाहर निकलने पर उनकी तत्काल चिकित्सकीय मदद दी जा सके। चारधाम परियोजना के तहत निर्माणाधीन सुरंग का सिलक्यारा की ओर के मुहाने से 270 मीटर अंदर एक हिस्सा रविवार सुबह ढह गया था जिसके बाद से उसमें फंसे 40 श्रमिकों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है।


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विश्व कप फाइनल में भारत की जीत पक्की! ,बने 4 गजब संयोग
नई दिल्ली। वनडे विश्व कप 2023 अपने समापन की तरफ है। हाई वोल्टेज मैच भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच होगा। दोनों टीमों के बीच फाइनल मैच 19 नवंबर को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में दोपहर 2 बजे से शुरू होगा। भारतीय टीम तीसरी बार खिताब जीतने की कोशिश करेगी।
रोहित शर्मा की अगुवाई में टीम ने विश्व कप 2023 में 10 मैच जीते हैं। वहीं, ऑस्ट्रेलिया ने दो मैच हारने के बाद लगातार 8 मैचों में विजय दर्ज की। दोनों टीमें अच्छे फॉर्म में है। लीग मैच में भारत ने कंगारू को 6 विकेट से हराया था। रोहित शर्मा, विराट कोहली, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी शानदार फॉर्म में है। फाइनल मैच में मैन इन ब्लू का पलड़ा ऑस्ट्रेलिया पर भारी नजर आ रहा है।
भारत ने 2011 में विश्व कप जीता था। फिर 2015 और 2019 में सेमीफाइनल में सफर खत्म हो गया था। वैसे चार गजब के संयोग बन रहे हैं, जो बताते हैं कि 2011 की तरह इस बार भी टीम इंडिया चैंपियन बनने में कामयाब रहेगी।
1. विश्व कप 2011 में पाकिस्तान के खिलाफ भारत के गेंदबाजों जहीर खान, आशीष नेहरा, मुनाफ पटेल, हरभजन सिंह और युवराज सिंह ने दो-दो विकेट झटके थे। इस विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ मैच में जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, हार्दिक पंड्या, कुलदीप यादव और रवींद्र जडेजा ने दो-दो विकेट लिए थे।
2. वर्ल्ड कप 2011 में बाएं हाथ के स्पिनर युवराज सिंह ने आयरलैंड के खिलाफ 5 विकेट झटके थे। इस बार रवींद्र जडेजा ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ऐसा कारनामा किया है।
3. इंग्लैंड की टीम 2010 में टी20 विश्व कप चैंपियन बनी थी। फिर अगले साल वर्ल्ड कप खेलने भारत आई थी। अब फिर पुरानी कहानी दोहराई गई है। इंग्लैंड ने 2022 में टी20 वर्ल्ड कप खिताब जीता था। फिर 2023 का विश्व कप खेलने भारत आई। 2011 और 2023 दोनों टूर्नामेंट में इंग्लैंड सेमीफाइनल में नहीं पहुंची थी।
4. विश्व कप 2011 में विराट कोहली ने बांग्लादेश के खिलाफ शतक ठोका था। इस वर्ल्ड कप में विराट ने बांग्लादेश के खिलाफ शतक लगाया था।
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भारत रचेगा तीसरा विश्वकप जीतने का इतिहास, सशिमं में हुई प्रार्थना
बिलासपुर। भारत क्रिकेट की फील्ड में 19 नवंबर को इतिहास रचने जा रहा है। अहमदाबाद में आस्ट्रेलिया के साथ जबरदस्त रोमांचक मुकाबले में भारत की जीत सुनिश्चित करने के लिए सरस्वती शिशु मंदिर तिलकनगर के शिक्षकों ने बच्चों के साथ मिलकर विशेष प्रार्थना की।
18 नवंबर को गिने चुने बच्चे स्कूल पहुंचे थे। लिहाजा पढ़ाई शुरू करने से पहले भारत को क्रिकेट के मामले में विश्वगुरू बनाने के लिए देशभक्ति से ओतप्रोत कार्यक्रम आयोजित करना समसामयिक और महत्वपूर्ण माना गया।
संस्कार श्रीवास्तव, भरत श्रीवास, नरेन्द्र दुबे, विनीता पांडेय, ज्योति साहू, शशि थरूर, रिचा क्षत्रीय, शारदा प्रसाद पांडेय, गौरीशंकर मिश्रा, अर्चना मजूमदार, माधुरी बापते, पुष्पलता नामदेव, शालिनी श्रीवास्तव, सुधा दवे, अंजली पाठक ने सरस्वती वंदना के बाद भारत वंदना प्रणवाक्षर मंत्र गायत्री मंत्र का सस्वर पाठ किया।
पंडित गौरीशंकर मिश्रा ने चांटीडीह रामायण चौक स्थित मंदिर में भी पूजा कराई। सभी शिक्षक इस जीत को भारत की बढ़ती हुई प्रतिष्ठा और क्रिकेट में अंग्रेजों की बादशाहत को चुनौती के रूप में देख रहे हैं। क्रिकेट ही नहीं एक दिन समाज देशकाल के सभी संभव क्षेत्रों में भारत पूरी दुनिया में आगे होगा। भावना यही है।
शिक्षकों ने कहा कि रोहित कोहली का चलेगा बल्ला। धराशाई होगा पैट कमिंस। वार्नर हो या मिशेल मार्श दोनों को कर देंगें आउट। जीतने के लिए भारत ने बना लिया है ले आउट। जीतेगा भारत। कर लो दुनिया मुट्ठी में। जीतेंगे हम। आस्ट्रेलिया तेरा निकाल देंगे दम। जय जय श्री राम, हर हर महादेव, इससे पहले भारत ने 1983 में कपिलदेव, धोनी की कप्तानी में 60 और 50 ओवर वाला विश्वकप जीता है। शिक्षकों का मानना है कि शमी को साथ देने के लिए बुमराह मोहम्मद सिराज कुलदीप यादव रविन्द्र जडेजा को लाइन लेंथ के साथ बालिंग करनी होगी। मिस फिल्डिंग ओवरथ्रो स्लो रन रेट से बचना होगा।