इंफाल । मणिपुर के टेंग्नौपालजिले के लीथू गांव में सोमवार दो समूहों में गोलीबारी हुई, जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है।
असम राइफल्स के मुताबिक इलाके में दबदबा रखने वाले एक विद्रोही समूह ने म्यांमार जा रहे उग्रवादियों पर घात लगाकर ये हमला किया। अब तक मौके से 13 शव बरामद हुए हैं। यह घटना कुकी बहुल इलाके में हुई है, जो म्यांमार से इंटरनेशनल बॉर्डर शेयर करता है।
मणिपुर में 3 मई के बाद से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा जारी है। इसके चलते करीब 182 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 50 हजार लोगों को घर छोड़ना पड़ा है। वे कई महीनों से रिलीफ कैंप्स में रह रहे हैं।
मणिपुर सरकार ने कल ही (3 दिसंबर) को कुछ क्षेत्रों को छोड़कर पूरे राज्य में मोबाइल इंटनेट सेवाएं 18 दिसंबर तक के लिए बहाल की थीं। राज्य सरकार ने कहा था- कानून-व्यवस्था में सुधार और मोबाइल इंटरनेट बैन के चलते लोगों को होने वाली असुविधाओं को ध्यान में रखते हुए इसमें ढील देने का फैसला किया गया।
चंदेल और काकचिंग, चुराचांदपुर और बिष्णुपुर, चुराचांदपुर और काकचिंग, कांगपोकपी और इंफाल पश्चिम, कांगपोकपी और इंफाल पूर्व, कांगपोकपी और थौबल और टेंग्नौपाल और काकचिंग जिलों के बीच 2 किमी के दायरे में बैन लागू रहेगा। राज्य में हिंसा भड़कने के बाद से मोबाइल इंटरनेट पर पाबंदी थी।
भारतीय सेना के ईस्टर्न कमांड चीफ राणा प्रताप कलीता ने कहा कि मणिपुर की समस्या राजनीतिक है, इसलिए इसका समाधान भी राजनीतिक होना चाहिए। कलीता ने ये बात 21 नवंबर को गुवाहाटी के प्रेस क्लब में पत्रकारों से बात करते हुए कही।
उन्होंने कहा- हमारी कोशिश है कि हिंसा रुके। राजनीतिक समस्या का शांतिपूर्ण समाधान निकालना होगा, इसके लिए दोनों पक्षों (कुकी और मैतेई) को प्रेरित किया जाना चाहिए। हिंसा काबू करने में हमें बड़े पैमाने पर कामयाबी भी मिली है, लेकिन कुकी और मैतेई का ध्रुवीकरण हुआ है, इसलिए कुछ छिटपुट घटनाएं हो जाती हैं।
कलीता ने यह भी कहा कि राज्य के सुरक्षाबलों से लूटे गए 4 हजार हथियार अब भी लोगों के हाथ में हैं और हिंसा में इस्तेमाल हो रहे हैं। जब तक ये लोगों के पास से रिकवर नहीं होंगे, मणिपुर में हिंसा नहीं रुकेगी। करीब 5 हजार हथियार लूटे गए थे, जिनमें से सिर्फ 1500 ही बरामद हुए हैं।
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बीजेपी के हाथ से निकला एक और राज्य, 2024 से पहले दक्षिण के बाद पूर्वोत्तर से भी आई बुरी खबर
नई दिल्ली। रविवार 3 दिसंबर को चार राज्यों में आये चुनाव परिणाम के बाद आज सोमवार को मिजोरम के परिणाम जारी हुए। जिसमें मिजोरम की जानता ने जोरम पीपुल्स मूवमेंट को एकतरफा समर्थन दिया। जेडपीएम ने यहां की 40 में से 27 सीटों पर जीत दर्ज की। जबकि सत्ताधारी मिजो नेशनल फ्रंट महज 10 सीटों पर सिमट गई। वहीं भाजपा के हाथ सिर्फ 2 सीटें लगीं और देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस जैसे-तैसे 1 सीट पर सिमट कर रह गई। एक तरफ भाजपा को जहां हिंदी पट्टी के राज्यों से अपार समर्थन मिल रहा है वहीं दक्षिण और पूर्वोत्तर से उनके लिए अच्छी खबर नहीं आ रही है। मणिपुर हिंसा के कारण लोगों में जो गुस्सा है उसका प्रभाव भी यहां देखने को मिला। मणिपुर बीजेपी के बड़े नेता ने तो चुनाव प्रचार के दौरान यह तक कह दिया था कि पीएम मोदी यहां प्रचार करने न आएं वहीं हमारे लिए ठीक रहेगा।
मिजोरम विधानसभा चुनाव में जोरम पीपुल्स मूवमेंट की आंधी चली। जेडपीएम ने एकतरफा मुकाबले ने कई बड़े खिलाडियों को मात देते हुए 40 में से 27 सीटों पर जीत हासिल कर पूर्ण बहुमत प्राप्त कर ली है। इलेक्शन कमिशन के आधिकारिक वेबसाइट से आए आंकड़ों के मुताबिक राज्य में सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट को करारा झटका लगा है और सीएम जोरामथंगा की पार्टी महज 10 सीट पर ही जीत हासिल कर सकी है। खुद मुख्यमंत्री जोरामथांगा और डिप्टी सीएम तावंलुइया अपनी सीट नहीं बच पाए।
दूसरी ओर बीजेपी की बात करें तो राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में शानदार जीत हासिल करने के बाद पार्टी उम्मीद कर रही थी कि यहां से भी उन्हें खुशखबरी मिलेगी। लेकिन मणिपुर हिंसा को लेकर यहां के लोगों में बीजेपी से प्रति नाराजगी साफ़-साफ नजर आई जिस वजह से पार्टी 23 सीटों पर उम्मीदवार उतारने के बाद भी केवल 2 सीटों पर की सिमट गई।
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बम ब्लास्ट से थर्राया पटना यूनिवर्सिटी का कैंपस, दो गुटों में खूब चली गोलियां
पटना। बड़ी खबर बिहार की राजधानी पटना से है, जहां पटना यूनिवर्सिटी के कैंपस में जमकर फायरिंग और बमबाजी की घटना हुई है। जानकारी के मुताबिक सोमवार की सुबह पटना विश्वविद्यालय के कैंपस में छात्रों का दो गुट आपस में भिड़ गए। इस दौरान दोनों गुटों के बीच हुई झड़प के बाद बमबाजी और फायरिंग की गई।
फायरिंग की घटना से पूरे कैंपस में अफरातफरी मच गई। घटना पटना शहर के पीरबहोर थाना क्षेत्र की है. जिस इलाके में और विश्वविद्यालय के कैंपस में फायरिंग की घटना हुई है वहां पहले से ही पुलिस की टीओपी मौजूद है। इस घटना के बाद पूरा विश्वविद्यालय का कैंपस पुलिस छावनी में तब्दील हो गया।
मामले की जानकारी मिलते ही कई थाना की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची है। घटना के बारे में बता दें कि दरअसल वर्चस्व को लेकर मिंटो जैक्सन और नदवी के छात्रों के बीच जमकर झड़प हुई. दर्जनों राउंड गोली और बम चलने के बाद पत्थरबाजी भी हुई. दो गुटों के बीच हुई इस हिंसक घटना के बाद पूरे विश्वविद्यालय कैंपस में दहशत मच गई।
पांच स्थानों की टीम घटनास्थल पर कैंप कर रही है. दोनों गुटों के बीच हुई झड़प के बाद जगह-जगह गोलियों और बम के निशान मिले हैं. मालूम हो कि इससे पहले भी कई बार पटना विश्वविद्यालय कैंपस में ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं. इस घटना के बाद से कैंपस में रह रहे छात्र भी सशंकित हैं।