भोपाल । गुना जिले की सेमरी घाटी पर डंपर की टक्कर से पलटी सवारियों से भरी बस आग के गोले में बदल गई और 13 जिंदगियां असमय ही काल कवलित हो गई, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने संजीदगी दिखाते हुए तत्काल एक्शन लिया, मृतकों के परिजनों और घायलों को आर्थिक सहायता घोषित की , घायलों से मिलकर उन्हें भरोसा दिलाया कि सरकार आपके साथ है और दो अफसरों को निलंबित कर एवं 4 बड़े अफसरों को उनके पदों से हटाकर सरकारी अमले को ये संदेश दिया कि वे लापरवाही से समझौता नहीं करेंगे, कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के एस एक्शन की तारीफ की है।
मप्र कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमेन केके मिश्रा ने सोशल मीडिया X पर ट्वीट किया – गुना हादसे में हुई 13 निर्दोषों की असामयिक मौतों पर सीएम डॉ मोहन यादव द्वारा की गई त्वरित कार्यवाही काबिले तारीफ है, इसी के साथ उन्होंने आगे लिखा – हटाए गए और निलंबित किए गए जिम्मेदार अफसरों को आरोपी मानकर उनके नाम भी एफआईआर में शुमार किए जाएं, सरपरस्ती तो इन्हीं की रहती है, कारण सभी जानते हैं (चढ़ोत्रा)।
कांग्रेस नेता ने कहा – सीएम साहब, यदि आप वास्तव में अयोध्या में राम मंदिर के शुभारंभ के साथ मप्र में रामराज्य लाने के पक्षधर हैं (?) तो हटाए, निलंबित किए गए सभी अफसरों और पूर्व परिवहन मंत्री की सभी चल-अचल, ज्ञात-अज्ञात संपत्तियों की जांच भी ईडी, आयकर विभाग, सीबीआई, लोकायुक्त या ईओडब्ल्यू जैसे संगठन से करवा लीजिए, कुछ हद तक ऐसी घटनाओं पर लगाम लग सकेगी।
आपको बता दें कि परसों 27 दिसंबर की रात गुना से आरोन जा रही एक प्राइवेट बस में बैठी सवारियों को इस बात का अंदाजा भी नहीं रहा होगा कि सामने से मौत बनकर एक डंपर आएगा और उनकी खुशियों को आग लगा देगा, रात को करीब साढ़े आठ बजे घाटी से उतर रहे डंपर में सामने से आ रही बस में टक्कर मार द , टक्कर लगते ही बस पलट गई, कुछ यात्रियों ने बमुश्किल कांच तोड़कर अपनी जान बचाई, घायलों ने एक दूसरे की मदद कर उन्हें बाहर निकाला इतने में एक जोरदार धमाका हुआ और बस में आग लग गई और फिर 13 यात्री उसमें जलकर खाक हो गए। करीब 17 लोग घायल हुए जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
घटना के बाद मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने तत्काल गुना एसपी और कलेक्टर से फोन पर बात की, घटना की जांच के आदेश दिए, मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख की सहायता और घायलों को 50-50 रुपये की आर्थिक सहायता घोषित की और सुबह अपने कार्यक्रम में बदलाव कर घायलों को देखने गुना जिला अस्पताल पहुँच गए।
मुख्यमंत्री ने घायलों से बात करने के बाद बिना परमिट और एक्सपाइरी रजिस्ट्रेशन के साथ बस के चलने की जानकारी लगते ही तत्काल गुना RTO रवि बारेलिया और घटना स्थल पर देर से फायर ब्रिगेड पहुँचने के कारण गुना नगर पालिका सीएमओ बीडी कतरोलिया को निलंबित कर दिया।
घायलों से मिलकर और अन्य लोगों से बात करने के बाद मुख्यमंत्री भोपाल पहुंचे और उन्होंने परिवहन आयुक्त संजय कुमार झा, गुना कलेक्टर तरुण राठी, गुना एसपी विजय खत्री को उनके पदों से हटा दिया, फिर रात होते होते एक अन्य आदेश जारी करते हुए संभागीय उप परिवहन आयुक्त एके सिंह को भी उनके पद से हटा दिया , कांग्रेस सीएम मोहन यादव के इसी त्वरित एक्शन की तारीफ कर रही है।
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सजा सुनने के बाद महिला ने खाया जहरीला पदार्थ, अस्पताल में भर्ती
उज्जैन। चिंतामन थाना क्षेत्र के ग्राम आकासौदा में अगस्त 2020 में हुए सनसनीखेज हत्याकांड में गुरुवार को कोर्ट ने मृतक की पत्नी, साले, पत्नी के प्रेमी व दोस्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। सजा सुनने के बाद महिला ने कोर्ट परिसर में जहरीला पदार्थ खा लिया था। उपचार के लिए उसे जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
बता दें कि 8 अगस्त 2020 को चिंतामन थाना क्षेत्र के ग्राम आकासोदा निवासी टीकमसिंह का शव उसके घर में मिला था। मृतक की पत्नी रचनासिंह ने पुलिस को बताया था कि अज्ञात बदमाश सुबह करीब चार बजे घर में घुस गए थे। बदमाशों ने उसके पति को पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया, घर की अलमारी में रखे 35 हजार रुपये व सोने-चांदी के जेवरात व बाइक लूटकर ले गए थे।
मृतक के भाई अभिजीतसिंह ने पत्नी रचनासिंह व उसके प्रेमी रतनसिंह पर हत्या की आशंका जताई थी। पुलिस ने रचनासिंह से पूछताछ की ताे पता चला था कि उसका रतनसिंह चौधरी से प्रेम प्रसंग चल रहा था। रचना ने अपने भाई वीरेंद्रसिंह निवासी ग्राम नांदेड माकडोन को बुलाया था। वीरेंद्र ने अपने जीजा टीकमसिंह को शराब पिलाई थी। इसके बाद रतनसिंह को बुलाया था। रतनसिंह अपने दोस्त ईश्वरसिंह निवासी खेड़ा पचौला माकडोन के साथ पहुंचा था। इसके बाद चारों ने मिलकर टीकम की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।
गुरुवार को कोर्ट ने सभी आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। सजा सुनने के बाद महिला ने जहरीला पदार्थ खा लिया था। जिस पर ताबड़तोड़ उसे पुलिस अभिरक्षा में जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जहां महिला की हालत में सुधार है। हालांकि वह जहरीला पदार्थ खाने से इंकार कर रही है। उसका कहना है कि भले ही उसे जेल भेज दिया जाए, लेकिन उसके बच्चों से एक बार मिलने दिया जाए।
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भिक्षा मांगने वाली बुजुर्ग महिला के घर में चोरी, गले पर धारदार हथियार रखकर लूटे 80 हजार
इंदौर। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में भिक्षावृत्ति कर अपना जीवन यापन करने वाली 75 वर्षी बुजुर्ग महिला के घर में घुसकर लूटपाट करने का मामला सामने आया है। मामले में जब पुलिस ने जांच शुरू की तो उसमें बुजुर्ग महिला के नाती और उसके अन्य दोस्त आरोपी निकले। फिलहाल इस पूरे मामले में पुलिस जांच कर रही है।
दरअसल, ये मामला शहर के बाणगंगा थाना क्षेत्र का है। जहां मुखर्जी नगर के नजदीक रहने वाली भूरी बाई उम्र 75 वर्षी बुजुर्ग महिला के घर पर महिला के गले पर धारदार हथियार रख लूटपाट की घटना को अंजाम देने वाले बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। बुजुर्ग महिला ने शिकायत की थी कि, वह भिक्षवर्ती कर अपना जीवन यापन जी रही है। बुजुर्ग होने के कारण कुछ रुपए जोड़कर भिक्षावर्ती से ही जमा किए थे।
लेकिन इसकी जानकारी उनके नाती को लग गई और इसके बाद वह अपने दोस्तों के साथ घर पर पहुंचा और घर में घुसकर अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। वहीं बुजुर्ग महिला को धारदार हथियार से डरते हुए घर में रखे हुए 80 हजार रुपए लूटकर अपने साथियों के साथ फरार हो गया।
जानकारी के अनुसार पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर सुरेंद्र, नरेंद्र, विकास साहित्य अन्य आरोपी को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि पकड़े गए आरोपियों ने 80 हजार से 6 हजार खर्च कर दिए है। बाकी के 74 हजार की राशि पुलिस ने बरामद कर ली है। इसी के साथ पुलिस उनके पुराने आपराधिक रिकार्ड भी देख रही है।