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12.50 करोड़ की 36 किलो चरस के साथ दो तस्कर गिरफ्तार, प्रदेश में पहली बार पकड़ी गई इतनी बड़ी खेप

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भोपाल। राजधानी की क्राइम ब्रांच ने चरस की डिलेवरी देने के लिए कोच फैक्ट्री के पास जंगल में छिपे बैठे दो लोगों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से पुलिस ने 36.18 किलोग्राम चरस बरामद की है। इसकी कीमत लगभग 12.50 करोड़ रुपये बताई जा रही है। मध्य प्रदेश में संभवत: पहली बार पुलिस ने चरस की इतनी बड़ी खेप पकड़ी है। गिरफ्तार दोनों तस्कर बिहार के रहने वाले हैं। पूछताछ में उन्होंने पुलिस को बताया कि नेपाली तस्कर चरस बिहार तक पहुंचाते हैं। बिहार के लोगों से सस्ते दाम में चरस खरीदकर वह भोपाल में दूसरे तस्करों को बेचते हैं। इसके पहले भी वह बड़े पैमाने पर यहां चरस बेच चुके हैं।
पुलिस आयुक्त हरीनारायणाचारी मिश्र ने बताया कि क्राइम ब्रांच को चरस तस्करों से बड़े पैमाने पर मादक पदार्थ बरामद करने में सफलता मिली है। क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि अयोध्या बायपास रोड स्थित कोच फैक्ट्री के जंगल में दो लोग छिपे बैठे हैं। उनके पास बड़े पैमाने में चरस रखी हुई है। वह चरस की डिलेवरी देने के लिए किसी का इंतजार कर रहे हैं। पुलिस स्टेशन बजरिया क्षेत्र से होते हुए संबंधित स्थान पर पहुंची और संदेह के आधार पर दोनों से पूछताछ की। उनकी पहचान ग्राम शीतल बरदाहा थाना उचायकोट जिला गोपालगंज बिहार निवासी 33 वर्षीय विजयशंकर यादव एवं ग्राम हेम बरदाहा थाना उचायकोट जिला गोपालगंज बिहार निवासी 35 वर्षीय हरकेश चौधरी के रूप में हुई।
तलाशी में उनके पास दो पिट्ठू बैग में रखी कुल 36 किलो 180 ग्राम चरस बरामद की गई। पुलिस उपायुक्त श्रुतकीर्ति सोमवंशी एवं अतिपुलिस उपायुक्त अपराध शैलेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि पूछताछ में पता चला कि ये लोग नेपाल बार्डर से आने वाली चरस को भोपाल तक पहुंचाते थे। इनका गिरोह नेपाल से सस्ते दामो में बिहार के तस्करो से चरस खरीदकर भोपाल में लाखो रूपयों का मुनाफा कमाते थे। चरस तस्करी का यह काम काफी समय से चल रहा था। आरोपितों से सघन पूछताछ की जा रही है। बता दें कि इसके पहले भी क्राइम ब्रांच ने 23 किलो चरस बरामद की थी।
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बड़ी सफलता, 32 घंटे बाद मिली अपहरण कॉलेज छात्रा, 3 आरोपी गिरफ्तार
धार। बुधवार को शासकीय पीजी कॉलेज के बाहर से छात्रा का अपहरण होने के मामले में पुलिस को सफलता मिली है। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है और अपहृत छात्रा को सकुशल बरामद किया। साथ ही अपहरण में प्रयुक्त ईको गाडी भी पुलिस ने जब्त की। दरअसल लडकी के पुराने प्रेमी भारत ने इस वारदात को अंजाम दिया क्योंकि वह चाहता था कि इस लडकी से वह शादी कर ले। इसी बात को लेकर उसने अपने साथियों के साथ अंजाम दिया था। हालांकि अभी वह फरार है।
पूरा मामला-बता दें कि जिले के पीजी कॉलेज की छात्रा का कॉलेज कैंपस से परीक्षा देने के बाद अपहरण हुआ था इस घटना को काफी गंभीरता से लेकर धार पुलिस ने अगले 30 घंटे में अपहृत छात्रा को सकुशल बरामद किया है। पूरी घटना बहुत ही सेंसिटिव थी हमने जिले में 10 टीम में बनाई थी। 10 टीम बनाकर हमने जैसे ही सूचना प्राप्त हुई। डेहरी के जंगलों में हम लोगों ने छानबीन शुरू कर दी पुलिस टीम ने दिनरात करके छात्रा को सकुशल बरामद किया है, सकुशल छात्रा का एमएलसी भी कराया है, छात्रा के साथ कोई गलत काम नहीं हुआ है और पूरी टीम जो धार की 10 टीम बनाई गई थी उनके प्रयास से यह अपहृत छात्रा बरामद हुई है इसमें तीन आरोपियों को हिरासत में ले लिया है, वाहन में प्रयुक्त वाहन जप्त किया गया है, घटना के दो आरोपी अभी फरार है जिनकी गिरफ्तारी बहुत जल्द कर ली जाएगी।
पकड़े गए आरोपी भारत का छात्रा से पुराना प्रेम संबंध रहा है, प्रेम संबंध होने के कारण लड़की से बात करने का प्रयास कर रहा था, लड़की बातचीत नहीं कर रही थी इस कारण सुनिश्चित ढंग से उसने टीम बनाकर एक षड्यंत्र पूर्वक उसने लड़की का अपहरण किया था। पुलिस ने बताया कि यह मामला प्रेम संबंध होना अभी तक ज्ञात हुआ है।
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रतलाम के महालक्ष्मी मंदिर के दानपत्र में लगी आग, कई नोट जलकर हुए राख
रतलाम। मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में स्थित महालक्ष्मी मंदिर में शुक्रवार को एक चौंकाने वाली घटना घटित हुई, जिसमें मंदिर के दानपत्र में आग लग गई हालांकि समय रहते लोगों द्वारा आग बुझा लेने से बड़ा नुकसान होने से बच गया। इस घटना की जानकरी के अनुसार, समय पर आग को बुझाने से बड़ा हादसा बचा है।
महालक्ष्मी मंदिर के पुजारी और स्थानीय प्रशासन के अनुसार, दानपत्र में लगी आग की जलती हुई खबर मिलते ही तत्परता से कार्रवाई की गई। समय रहते आग को बुझाने के लिए मंदिर प्रशासन ने बड़ी संख्या में आग पर काबू पाया।
आग के बुझाने के प्रयास के दौरान, दानपत्र में पानी दाल दिया गया जिससे सारे नोट गीले हो गए जिसके बाद उन्हें अलग-अलग किया जा रहा है। प्रशासन ने बताया कि नोटों को सुरक्षित रखने के लिए विशेष प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है ताकि जली हुई धन सुरक्षितता के साथ बाहर निकाला जा सके।
जबकि इस घटना की जानकारी देते हुए मंदिर प्रशासन ने बताया की उत्सव समिति ने बताया कि मंदिर में अन्य यात्री और भक्तों को किसी भी तरह का कोई खतरा नहीं हुआ है। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में चौंकी और आश्चर्य की भावना छाई है, जो इस महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल की सुरक्षा और संरक्षण की मांग कर रहे हैं।