गुना। (गरिमा टीवी न्यूज़) गुना जिले के बजरंगगढ़ थाना क्षेत्र में मामूली बात पर दो लोगों के द्वारा लाठी से पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। दोनों आरोपी बजरंगगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम करोद के निवासी हैं।
कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस के निर्देश अनुसार औद्योगिक इकाईयों में होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पांच सदस्यीय निरीक्षण दल का गठन किया गया है, जिनके द्वारा सतत निरीक्षण किया जा रहा है। इसी क्रम में महाप्रबन्धक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र गुना की अध्यक्षता में श्रम अधिकारी, सहायक यंत्री विद्युत सुरक्षा, स्थानीय प्रशासन के प्रतिनिधि एवं सम्बधित तहसील के तहसीलदार सहित पांच सदस्यीय निरीक्षण दल द्वारा मैसर्स ओम इण्डस्ट्री का निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण के दौरान पाया गया कि इकाई द्वारा कच्चे माल के रुप में एग्रो वेस्ट (भूसा) का उपयोग किया जाता है। इस हेतु अग्निशमन यंत्र नही पाये गये, इकाई द्वारा कार्यरत कर्मचारियों को शासन द्वारा तय मानकों अनुसार मजदूरी नहीं दी जा रही है आदि अनियमितताओं की पूर्ति हेतु इकाई को कारण बताओ नोटिस मौके पर ही जारी किये गये।
इसी प्रकार निरीक्षण दल के साथ मैसर्स के.के. ग्रीन्स इण्डस्ट्री में निरीक्षण के दौरान अग्निशमन यंत्र एवं कार्यरत कर्मचारियों का पूर्ण स्थाई रिकार्ड भी नही पाया गया। कारण बताओ नोटिस मोके पर दिया गया। इसके पश्चात मैसर्स पांताजली फूडस प्रा0लि0 के निरीक्षण के दौरान इकाई द्वारा कच्चे माल के रुप में सरसों का उपयोग किया जाता है अग्निशमन यंत्र पर्याप्त नही पाये गये, इनको भी कारण बताओ नोटिस मौके पर दिया गया।
प्राचार्य पीजी कॉलेज सहित कई विभागों को नोटिस जारी...
समय सीमा बैठक में स्टार मार्क पत्रों का समय सीमा में निराकरण नहीं करने के मामले में श्रम अधिकारी, ईई पीआईयू पीडब्लयूडी और पीएचई को कारण बताओ नोटिस जारी किये गये। इसी प्रकार पेंशन अधिकारी द्वारा टीएल पत्र का पत्रक में जबाब फीड नहीं करने पर और प्राचार्य पीजी कॉलेज को बैठक में अनुपस्थित रहने पर कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गये। टूडे मार्क पत्रों को सम्बंधित विभाग समय सीमा में निराकरण की कार्यवाही करें। यदि किसी कारणवश यदि निराकरण संभव नहीं है तो अगले दिन 6 बजे तक आकर कारण सहित अवगत करावें। वन विभाग के प्रतिनिधि द्वारा लंबित समय सीमा पत्रों का निराकरण की जानकारी न होने पर नाराजगी व्यक्त की गयी। इसी प्रकार शिक्षा विभाग के जर्जर और अनुपयोगी भवनों को चिन्हित कर डिसमेन्टल करने के लिए एक अभियान चलाया जावे।