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स्कूल टीचर बनाता था महिलाओं के अश्लील वीडियो, मोहत्सव के दौरान धरा गया रंगे हाथों

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नागपुर। पुलिस के हाथों एक ऐसा आदमी लगा है, जो महिलाओं के अश्लील वीडियो बनाता था। ये शख्स पेशे से है आर्ट टीचर है लेकिन महिलाओं के बाथरूम के पास चोरी छिपे जाकर वीडियो बनाया करता था। नागपुर पुलिस ने शख्स का नाम मंगेश खापरे बताया है। पुलिस ने बताया कि मंगेश ने नागपुर के यूनिवर्सिटी ग्राउंड में चल रहे खासदार औद्योगिक महोत्सव के दौरान कई महिलाओं के बाथरूम में अश्लील वीडियो बनाए हैं।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, 28 जनवरी को कुछ महिला नागपुर खासदार औद्योगिक महोत्सव में शामिल होने के लिए पहुंची थीं, इसी दौरान उन्होंने कार्यक्रम स्थल में बने वॉशरूम का इस्तेमाल किया तभी उन्हें लगा कि पास ही खिड़की से कोई उनका वीडियो बना रहा हैं। दोनों महिलाएं भागकर पुलिस के पास पहुंची। पुलिस को इस घटना के बारे में बताया पर इस दौरान मौके पर कोई नहीं मिला। इसके बाद फिर 29 जनवरी को एक और महिला भी पुलिस के पास पहुंची और उसने भी भी बताया कोई बाथरूम की खिड़की से कोई वीडियो बना रहा है।
फिर इसके बाद पुलिस को फिर संदेह हुआ और पुलिस ने इस मोहत्सव में लगे सभी सीसीटीवी खंगाले और पुलिस को वीवीआईपी लाउंज में कई बार नज़र आ रहे एक शख्स पर शक हुआ। पुलिस ने जब मंगेश को हिरासत में लिया और उसका मोबाइल की जांच की तब पुलिस को उसके मोबाइल में अलग-अलग 20 से अधिक इसी तरह के अश्लील वीडियो मिले।
पुलिस ने महिलाओं की शिकायत के बाद वीडियो बनाने के आरोप में मंगेश खापरे को गिरफ्तार कर लिया है और अब ये जानने में लगी है की ये व्यक्ति क्यों इस तरह के वीडियो बनाता था?
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दिल्ली के मुख्यमंत्री को ED का 5वां समन, 2 फरवरी को पूछताछ के लिए बुलाया
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 मामले में अनियमितताओं से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग जांच में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 5वां समन जारी किया है। उन्हें 2 फरवरी को जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है।
सीएम केजरीवाल को अब तक ईडी द्वारा भेजे गए चार समन को अवैध और राजनीति से प्रेरित बताते हुए नजरअंदाज कर दिया है। एजेंसी रिश्वतखोरी के आरोपों जैसे मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल का बयान दर्ज करना चाहती है।
प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जारी चौथे समन को अनदेखा करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे अवैध करार दिया। उन्होंने कहा कि वह सहयोग करने के लिए तैयार हैं, लेकिन ईडी का उन्हें गिरफ्तार करना चाहती है। सीएम केजरीवाल ने कहा, ईडी द्वारा भेजे गए सभी चार नोटिस कानून की नजर में अमान्य हैं। जब भी अतीत में एजेंसी द्वारा ऐसे सामान्य, गैर-विशिष्ट नोटिस भेजे गए थे। उन्हें रद्द कर दिया गया था। वहीं, अदालतों द्वारा अमान्य घोषित कर दिया गया।
यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति (2021-22) के गठन और कार्यान्वयन में अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली एफआईआर पर आधारित है। भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद पॉलिसी वापस ले ली गई थी। बता दें शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसौदिया और संजय सिंह न्यायिक हिरासत में है। तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सिसौदिया को 26 फरवरी 2023 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। वहीं, राज्यसभा सदस्य संजय को 5 अक्टूबर 2023 को ईडी ने अरेस्ट किया था।
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ज्ञानवापी परिसर में हिंदू पक्ष को मिला नियमित पूजा का अधिकार, कोर्ट का बड़ा फैसला
वाराणसी।उत्तर प्रदेश के वाराणसी कोर्ट में व्यासजी तहखाने में पूजा का अधिकार हिंदू पक्ष को दे दिया है। हिंदू पक्ष की ओर से व्यासजी तहखाने में नियमित पूजा के अधिकार की मांग की गई थी। इस संबंध में कोर्ट ने सुनवाई पहले ही पूरी कर ली थी। बुधवार को वाराणसी जिला कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। इसमें कहा गया कि हिंदू पक्ष व्यास जी तहखाने में नियमित पूजा कर सकते हैं। कोर्ट का फैसला आते ही हिंदू पक्ष ने कहा कि काशी अब बम बम बोल रहा है। वहीं, हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि यह हमारी सबसे बड़ी जीत है। मुस्लिम पक्ष के दावे को कोर्ट ने नकार दिया है। कोर्ट ने वाराणसी के जिलाधिकारी को 7 दिनों के भीतर पूजा की व्यवस्था करने का आदेश दिया है। वर्ष 1992 तक व्यास जी तहखाने में पूजा नियमित तौर पर होती थी। 6 दिसंबर 1992 को हुए बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद व्यास जी तहखाने में नियमित पूजा को बंद करने का आदेश दिया गया था। इसके बाद यहां पर सालाना माता श्रृंगार गौरी की पूजा हो रही थी।
वाराणसी परिसर स्थित व्यस्त जी तहखाने में दोबारा पूजा की अनुमति देने संबंधी अर्जी पर मंगलवार को जिला जज में सुनवाई पूरी हो गई थी। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने अपना आदेश सुरक्षित कर लिया था। बुधवार को इस संबंध में कोर्ट ने अपना आदेश सुनाया। वादी शैलेश व्यास के अनुसार, उनके नाना सोमनाथ व्यास का परिवार 1993 तक तहखाने में नियमित पूजा- पाठ करता था। वर्ष 1993 से तहखाने में पूजा- पाठ बंद हो गई। वर्तमान में यह तहखाना अंजुमन इंतजार मसाजिद के पास है। तहखाना को डीएम की निगरानी में सौंपने के साथ वहां दोबारा पूजा शुरू करने की अनुमति मांगी गई थी। अदालत के 17 जनवरी के आदेश पर डीएम ने 24 जनवरी को तहखाना अपनी सुपुर्दगी में ले लिया था।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान वादी ने इस मामले में नियमित पूजा पाठ की मांग की। इस पर अंजुमन इंतेजामिया के वकील ने आपत्ति जताते हुए दलील खारिज करने की मांग की। 17 जनवरी के आदेश में कोर्ट ने केवल रिसीवर नियुक्त करने का जिक्र किया है। उसमें पूजा के अधिकार का कोई जिक्र नहीं किया गया है। इसलिए नियमित वाद को निस्तारित करते हुए खारिज करने की मांग की गई। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलित सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
वाराणसी कोर्ट के फैसले के बाद नदी के सामने से व्यासजी तहखाने में जाने का रास्ता बनाया जाएगा। इस संबंध में कोर्ट के आदेश के बाद जिला प्रशासन के स्तर पर कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने सात दिनों के भीतर वाराणसी डीएम को पूजा के लिए व्यवस्था का निर्देश दिया है। हिंदू पक्ष के वकील ने साफ किया कि हिंदू पक्ष को अपने भगवान की पूजा का अधिकार मिला है। वहां भगवान शिव की पूजा अब संभव होगी।
कोर्ट का फैसला आने के बाद मुस्लिम पक्ष ने इस पर नाराजगी जताई है। मुस्लिम पक्ष ने कहा है कि फैसले के बाद हाईकोर्ट में इस आदेश के खिलाफ अपील की जाएगी। मुस्लिम पक्ष ने इस फैसले को नकार दिया है। इससे पहले मुस्लिम पक्ष ने एएसआई के सर्वे को भी नकार दिया था। ज्ञानवापी परिसर में स्थित माता श्रृंगार गौरी भी पूजा का अधिकार मांगा जा रहा है। वहीं, हिंदू पक्ष वाराणसी कोर्ट के फैसले को सबसे बड़ी जीत बता रहा है।