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स्कूल के गेट से छात्र का अपहरण, आरोपियों ने निर्वस्त्र कर बनाया वीडियो

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सीधी। प्रवेश पत्र लेने स्कूल आए कक्षा 10 वीं के छात्र का शुक्रवार की दोपहर 12 बजे आधा दर्जन अन्य छात्रों ने विद्यालय के गेट के बाहर से अपहरण कर लिया। आरोपी उसे शहर से करीब दो किमी दूर पड़ैनिया डैम लेकर पहुंचे। वहां 50 हजार रुपए की मांग की। जब छात्र ने पैसा नहीं होने की बात कही तो उसके साथ मारपीट की और उसके कपड़े उतरवा कर वीडियो बनाया।
पीडि़त छात्र ने पुलिस को बताया कि शुक्रवार की सुबह मोहल्ले का सहपाठी घर आया और बोला कि स्कूल में प्रवेश पत्र मिल रहा है। इस पर दोपहर करीब 12 बजे जैसे ही स्कूल के मुख्य द्वार पर पहुंचा तभी दो छात्र आए और मुझे जबरन बाइक पर बैठाकर ले गए। उनके साथ चार और छात्र थे। सभी मुझे लेकर पड़ैनिया डैम पहुंचे। वहां मेरे साथ गाली गलौज करते हुए मारपीट की। 50 हजार रुपए मांगे। रुपए नहीं होने पर मेरे कपड़े उतरवाए और वीडियो बनाया। आरोपियों ने उसे यह कहते हुए जाने दिया कि यदि पैसे नहीं देगा तो वीडियो सोशल मीडिया में वायरल कर देंगे।
उनके चंगुल से छूटकर करीब डेढ़ घंटे बाद जब घर पहुंचा तो आरोपियों ने उसे एक क्यूआर कोड भेजा और 25000 रुपए की मांग की। डरे छात्र ने अपने साथ हुए घटनाक्रम को पिता से बताया और पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई। पूरा वाक्या कोतवाली थाना क्षेत्र का है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मारपीट, अपहरण, फिरौती मांगने सहित लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध कर आरोपी छात्रों को हिरासत में लेकर बाल न्यायालय प्रस्तुत किया है।

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दिनदहाड़े अपहरण से फैली सनसनी: ‘भगवान’ बनकर आई पुलिस, गले लग फूट-फूट कर रोया शख्स
दतिया। झांसी में एक शख्स के दिनदहाड़े अपहरण से सनसनी फैल गई। लेकिन दतिया पुलिस व्यक्ति के लिए भगवान बनकर आई। आप पुलिसवालों के रौब, लेटलतीफी और लापरवाही जैसी नकारात्मक खबरें अक्सर सुनते होंगे। लेकिन इस केस में पुलिस अपनी कर्तव्यनिष्ठा और जिम्मेदारी के मामले में सौ प्रतिशत खरी उतरी। पुलिस की टीम ने किडनैप हुए शख्स को चंद घंटों में मुक्त करा लिया। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। सभी बदमाश हरियाणा के रहने वाले हैं।
दरअसल, झांसी के अम्बावाय गांव से हरियाणा के बदमाशों ने राघवेंद्र पांचाल नाम के व्यक्ति का हथियारों की नोक पर अपहरण कर लिया। बदमाश शख्स से 15 लाख रुपये की मांग कर रहे थे। आरोपी अपहरण के बाद दतिया के रास्ते हरियाणा भाग रहे थे।
अपहरण की सूचना दतिया पुलिस को मिली। दतिया पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सीमाओं की नाकेबंदी की। एसडीओपी बड़ौनी विनायक शुक्ला और आरआई रणवीर सिंह ने उनाव रोड पर गाड़ी का पीछा कर बदमाशों को पकड़ लिया। किडनैप हुआ शख्स बदमाशों के चंगुल से मुक्त होकर और पुलिस को देख कर फूट-फूट कर रोने लगा।
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बिना अपराध तीन सगे भाइयों को जेल, SDM, तहसीलदार के खिलाफ पीड़ित पहुंचे कोर्ट
बैतूल। कहते कि सत्य हैरान और परेशान हो सकता है पराजित नहीं किंतु यहां मामला उलटा है। इसी तरह लंबी लड़ाई के बाद जीत सत्य की होती है वाली कहवात भी चरितार्थ नहीं है। मामला राजस्व विभाग के आला अधिकारी का तुगलकी फरमान का है जहां बिना किसी अपराध के तीन सगे भाइयों को जेल भिजवा दिया। तीनों भाई छह दिनों तक बिना कारण और अपराध के जेल की हवा खाते रहे। तीनों भाई अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ कोर्ट की शरण में पहुंचे हैं।
दरअसल मामला एक जमीन के कब्जे को लेकर एसडीएम कोर्ट का है। प्रकरण में तीनों भाइयों का नाम कहीं पर भी नहीं था। एसडीएम कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट इन तीनों भाइयों के पिता और चाचा के खिलाफ जारी हुआ था लेकिन गिरफ्तारी बेकसूर भाइयों की हो गई। एसडीएम को अपनी गलती का अहसास हुआ तो तीनों की जमानत करवाई गई। जमानत मिलने के बाद अब तीनो भाई न्याय के लिए अदालत पहुंचे हैं। पीड़ित तीनों भाई एसडीएम, तहसीलदार और एक अन्य के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। कानून के जानकारों का कहना है कि बिना अपराध जेल भेजने का यह दुर्लभ से दुर्लभतम मामला है। जिसके पास अधिकार है वो कानून से परे जाकर लोगों को किस तरह परेशान कर सकता है इसका जीता जानगता उदाहरण है। इस मामले में राजस्व अमले की तानाशाही उजागर भी हो रही है। मामलपा शाहपुर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय का है।