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नफरती भाषण देने के आरोप में एटीएस ने मौलाना को किया गिरफ्तार, दो दिन की रिमांड पर भेजा

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मुंबई। मौलाना मुफ्ती सलमान अजहरी को गुजरात एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया है। अजहरी पर भाषण के जरिए नफरत फैलाने का आरोप है। एटीएस ने अजहरी को मुंबई के घाटकोपर से गिरफ्तार किया गया है। मुंबई डीसीपी हेमराज सिंह राजपूत ने बताया कि घाटकोपर के साथ-साथ पूरे मुंबई में शांति है। पुलिस सड़कों पर मुस्तैद है। हर जगह शांति हैं। अफवाहों पर ध्यान देने से बचें। पुलिस की मानें तो मौलाना के खिलाफ धारा 153 (ए), 505 सहित कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
मौलाना अजहरी के वकील आरिफ सिद्दीकी ने बताया कि पुलिस ने ट्रांजिट रिमांड के लिए आवेदन किया था। हमने इसका विरोध किया है। अजहरी को अवैध रूप से हिरासत में लिया गया था। हमें नोटिस दिया जाना चाहिए लेकिन अभी तक हमें कोई नोटिस नहीं मिला है। मौलाना को दो दिन की ट्रांजिट रिमांड पर भेज दिया गया है। मौलाना को गुजरात एटीएस जूनागढ़ लेकर जाएगी।
अजहरी को हिरासत में लेने की वजह से समर्थकों में काफी आक्रोश है और बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन भी किया जा रहा है। मौलाना ने घाटकोपर पुलिस स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे अपने समर्थकों से कानून और व्यवस्था बनाए रखने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा जोश में होश नहीं खोना चाहिए। स्थिति जो भी हो, मैं आपके सामने हूं। न तो मैं अपराधी हूं और न ही मुझे अपराध करने के लिए यहां लाया गया है। अजहरी ने समर्थकों से अनुरोध किया कि प्रशासन जांच कर रहा है। मैं भी जांच में सहयोग कर रहा हूं। कानून व्यवस्था बनाए रखें। मैं आपसे अनुरोध कर रहा हूं कि यदि आप मुझसे प्यार करते हैं, तो यह जगह खाली कर दें।
मौलाना के वकील वाहिद शेख ने बताया कि मौलाना के घर सुबह-सुबह 35 से 40 पुलिसकर्मी सिविल ड्रेस में पहुंचे थे। हमने उनसे आने का कारण पूछा तो उन्होंने कुछ नहीं बताया। उन्होंने बाद में मौलाना को ले जाते समय कहा कि गुजरात में इनके खिलाफ 153 बी के खिलाफ केस दर्ज किया है। मौलाना पुलिस का सहयोग करने को तैयार हैं।

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UP के मेरठ से ISI एजेंट गिरफ्तार, मास्को स्थित भारतीय दूतावास में काम करता था
मेरठ। उत्तर प्रदेश एटीएस ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए मेरठ से एक पाकिस्तानी आईएसआई एजेंट को गिरफ्तार किया है। आरोपी का नाम सत्येंद्र सिवाल है जो मास्को स्थित भारतीय दूतावास में काम करता था।
समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ मिलकर भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने और उन्हें रणनीतिक गतिविधियों के संबंध में महत्वपूर्ण गोपनीय जानकारी प्रदान करने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और भारतीय सेना ने यह जानकारी दी।
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि जनपद हापुड के थाना क्षेत्र के गांव शाह महीउद्दीनपुर निवासी जयवीर सिंह के पुत्र सतेंद्र सिवाल को एटीएस ने गिरफ्तार किया है। सिवाल विदेश मंत्रालय में कार्यरत हैं और वर्तमान में रूस के मास्को में भारतीय दूतावास में तैनात हैं।
एटीएस को विभिन्न गोपनीय स्रोतों से खुफिया जानकारी मिल रही थी कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई भारत में विदेश मंत्रालय के कर्मचारियों को गोपनीय जानकारी प्राप्त करने के लिए पैसे का लालच दे रही है। बयान में कहा गया है कि यह भारत की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है।
यूपी एटीएस की लंबे समय से सत्येंद्र सिवाल पर नजर थी। उसके खिलाफ पर्यात सबूत होने के बाद उसे गिरफ्तार किया गया।
सिवाल को एटीएस फील्ड यूनिट मेरठ लाया गया और पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान वह संतोषजनक जवाब नहीं दे सका और अपना अपराध कबूल कर लिया।
रूस के मॉस्को में भारतीय दूतावास में 2021 से आईबीएसए (भारत आधारित सुरक्षा सहायक) के पद पर कार्यरत सिवाल के खिलाफ लखनऊ के एटीएस पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 121 ए (के खिलाफ युद्ध छेड़ना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
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नहीं थम रही चिली के जंगलों में लगी भीषण आग; 64 लोगों की मौत, 1100 से ज्यादा घर राख
मध्य और दक्षिण क्षेत्र में 92 जंगलों में आग लगी है। बड़ी चिंता यह है कि आग घनी आबादी वाले क्षेत्रों की ओर फैल रही है। इस कारण लोगों, घरों और सुविधाओं के प्रभावित करने की बहुत अधिक आशंका है।
दक्षिण अमेरिकी देश चिली के जंगलों में आग भड़कने से 64 लोग मारे गए, जबकि 1100 से ज्यादा घर राख हो गए। आपाकालीन सेवा विभाग हेलिकॉप्टर व ट्रकों की मदद से शहरी इलाकों में आग बुझाने का प्रयास कर रहा है। बड़ी संख्या में लोग झुलस गए हैं, जिसके कारण मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। लगभग 10 लाख की आबादी वाले मध्य चिली के वालपराइसो क्षेत्र के कई हिस्सों में काला धुआं फैला हुआ है।
तटीय शहर वीना डेल मार के आसपास के इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। गृह मंत्री कैरोलिना टोहा ने कहा, वालपराइसो की स्थिति सबसे नाजुक है। सड़कों पर भी लोगों के शव मिल रहे हैं। वर्ष 2010 के भूकंप के बाद चिली में यह सबसे बड़ी आपदा है। उस वक्त भूकंप के कारण लगभग 500 लोग मारे गए थे। राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक ने टेलीविजन संबोधन में कहा कि स्थिति बहुत कठिन है। फिलहाल आग 43 हजार हेक्टेयर में फैल चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक, भीषण आग ने शहर के पहाड़ी इलाके विला इंडिपेंडेंसिया को भी अपनी चपेट में ले लिया है। सड़कों पर जली हुई कारें खड़ी दिखाई दे रही हैं।
मध्य और दक्षिण क्षेत्र में 92 जंगलों में आग लगी है। बड़ी चिंता यह है कि आग घनी आबादी वाले क्षेत्रों की ओर फैल रही है। इस कारण लोगों, घरों और सुविधाओं के प्रभावित करने की बहुत अधिक आशंका है। बता दें कि चिली में गर्मियों के दौरान जंगल की आग आम बात है। पिछले साल यहां रिकॉर्ड गर्मी के दौरान लगी आग में 27 लोगों की मौत हो गई और 400,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि प्रभावित हुई थी।