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राघुरधाम के महंत की हत्या के बाद बवाल मचा , इलाके में फैली सनसनी

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नागौर । मेड़ता से महंत की हत्या का मामला समाने आया है। मेड़ता के रियांबड़ी उपखंड क्षेत्र के गांव जाटाबास में राघुरधाम के महंत की देर रात हत्या कर दी गई। अभी तक हत्या के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है।
मेड़ता से महंत की हत्या का मामला समाने आया है। मेड़ता के रियांबड़ी उपखंड क्षेत्र के गांव जाटाबास में राघुरधाम के महंत की देर रात हत्या कर दी गई। अभी तक हत्या के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है। पुलिस ने शव को रियांबड़ी के सरकारी अस्पताल स्थित मोर्चरी में रखवाया है। इसके साथ ही एक व्यक्ति को डिटेन भी किया है।
जानकारी के अनुसार इस वारदात के बारे में आज सुबह पता चलते ही आसपास के इलाकों में सनसनी फैल गई। पुलिस ने महंत छोटू पुरी (65) के शव को रियांबड़ी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्थित मोर्चरी में रखवाया है। जहां मेडिकल बोर्ड की ओर से पोस्टमार्टम करवाया जाएगा। इस पूरे मामले को लेकर पादू कलां थाना पुलिस ने एक व्यक्ति को हिरासत में भी लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है। एक ओर रियां बड़ी के सरकारी अस्पताल में बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुटने लगी है। महंत की हत्या के बाद बवाल मचा है। लोगों में खासा आक्रोश देखा जा रहा है। पुलिस पूरे मामले को संभालने में जुटी है। आरोपियों की तलाशी के लिए पुलिस भागदौड़ कर रही है।

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निर्वाचन आयोग ने जारी की सख्त गाइडलाइन, अब चुनावी रैलियों और पोस्टर में नहीं दिखेंगे बच्चे
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में अब कुछ समय ही शेष बचा है। राजनीतिक पार्टियों ने अपने अपने स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी है। भारतीय निर्वाचन आयोग ने भी अपनी कमर कस ली है। चुनाव आयोग ने सोमवार को लोकसभा चुनाव को लेकर सख्त गाइडलाइन जारी की है। आयोग ने राजनीतिक पार्टियों, नेताओं और चुनाव मशीनरी को राजनीतिक प्रचार और रैली में बच्चों का इस्तेमाल नहीं करने के निर्देश जारी किए हैं। हालांकि, अपने माता-पिता के साथ बच्चे की उपस्थिति मात्र या किसी नेता के साथ अभिभावक और बच्चे का होना दिशानिर्देशों का उल्लंघन नहीं माना जाएगा।
चुनाव आयोग ने सोमवार को गाइडलाइन जारी करते हुए कहा कि राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को किसी भी तरह से राजनीतिक अभियानों और रैलियों में बच्चों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। गाइडलाइन में किसी भी तरीके से बच्चों का राजनीतिक अभियान में शामिल करना, जिसमें कविता पाठ करना, गीत, नारे या बच्चों के द्वारा बोले गए शब्द या फिर उनके द्वारा किसी भी राजनीतिक पार्टी या उम्मीदवार के प्रतीक चिन्हों का प्रदर्शन करना शामिल है।
आयोग ने अपने नोटिस में बताया कि सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को बाल श्रम (निषेध और विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2016 द्वारा संशोधित बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986 का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करना है। आयोग ने बॉम्बे हाईकोर्ट के एक फैसले का भी जिक्र किया है। उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, CJI बोले- लोकतंत्र का मजाक बनाया
चंडीगढ़। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली का आरोप लगाकर आम आदमी पार्टी सुप्रीम कोर्ट की शरण में चली गई थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने सुनावाई कर सख्त टिप्पणी की है। चीफ जस्टिस डॉ. धनंजय वाई चंद्रचूड़ ने पीठासीन अधिकारी के वीडियो को देखकर कहा कि यह लोकतंत्र का मजाक है।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवीई चंद्रचूड़ ने वीडियो देखकर निर्वाचन अधिकारी की नीयत पर सवाल उठा दिए। उन्होंने कहा कि अधिकारी आखिर कैसे मतपत्र को खारिज कर सकता है। यह लोकतंत्र की हत्या है। ऐसे अधिकारी पर तो मुकदमा चलना चाहिए।