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एसडीएम ने किसानों को दी गालियां, ग्रामीणों ने रेलवे का काम रुकवाया, वीडियो वायरल

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रतलाम । रतलाम- नीमच रेल लाइन पर ग्राम बडायला चौरासी के समीप किए जा रहे हैं कार्य के दौरान किसानों व ग्रामीणों ने अधिक मुआवजा देने और अंडरपास बनाने की मांग को लेकर रेलवे का काम रोक दिया । इस पर जावरा एसडीएम अनिल भाना दल के साथ मौके पर पहुंचे। इस दौरान किसानों और एसडीएम के बीच विवाद की स्थिति बन गई। बात गाली गलौज तक पहुंच गई। एसडीएम पर आरोप है कि उन्होंने ग्रामीणों के साथ गाली गलौज की। किसी ने इसका वीडियो बना लिया जो इंटरनेट पर तेजी से बहुप्रसारित हो रहा है।
जानकारी के अनुसार बड़ायला चौरासी में रतलाम - नीमच रेल लाइन का दोहरीकरण कार्य हो रहा है। इसके लिए जावरा से गुड्स यार्ड को नौ किलोमीटर दूर बड़ायला चौरासी में शिफ्ट किया जा रहा है। रेलवे ने गुड्स यार्ड और वहां तक बनाए जाने वाले एप्रोच रोड, दोहरीकरण के लिए बड़ायला चौरासी के 27 किसानों की जमीन अधिग्रहीत की है। सोमवार शाम किसानों ने गांव में काम रुकवा दिया।
एसडीएम अनिल भाना पहुंचे तो किसान और उनके बीच विवाद की स्थिति बन गई। विवाद का किसी ने वीडियो बना लिया जिसमें एसडीएम बहन गालियां देते हुए सुनाई दे रहे हैं। किसान उनसे कह रहे हैं साहब, गलत शब्द मत कहो। प्यार-मोहब्बत से बात करिए। एसडीएम कहते हैं कि उनसे तमीज से रहना। मुझे जानते नहीं हो।' एक किसान से उन्होंने यह तक कहा, 'समझ नहीं आएगा, कहां जाएगा।' जमीन तो ले लेंगे।
उधर, एसडीएम अनिल भाना का कहना है, उन्होंने गाली-गलौज नहीं की। उनके साथ रेलवे का भी अमला था। किसानों को समझाया तो वे अपशब्द कहने लगे। वहां गांव के सरपंच भी थे। मुआवजा भी डबल दिया जा रहा है। जो वीडियो सामने आया है, उसके पहले भी कुछ हुआ होगा।'
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यूट्यूबर पर केस दर्ज, कालोनाइजर ने लगाया ब्लैकमेल करने का आरोप
खंडवा। फर्जी शिकायतें कर एक कोलानाजर को ब्लैकमेल करने वाले खरगोन के यूट्यूबर के खिलाफ कोतवाली पुलिस ने केस दर्ज किया है।आरोपित वारिस खान खरगोन का रहने वाला है। जो टीवी और यूट्यूब चैनल चलाता है।
शिकायतकर्ता कालोनाइजर ने पुलिस को शिकायत में बताया कि वो पैसे मांगता है, ब्लैकमेल कर फर्जी शिकायतें करता है। कोतवाली पुलिस ने आरोपित खान के ,खिलाफ ब्लैकमेलिंग की धारा में मामला दर्ज किया।
कालोनाइजर रितेश गोयल के अनुसार आरोपित वारिस खान पत्रकार बनकर उनके पास आया और पैसे की डिमांड करने लगा। बाद में मेरे खिलाफ फर्जी शिकायतें की। शिकायतों के जरिये वह ब्लैकमेल करना चाह रहा था। लेकिन उसकी शिकायतें आधारहीन और फर्जी थी।
बीते दो माह से बार-बार रूपयों की डिमांड करता था। मैंने परेशान होकर पुलिस से शिकायत की है। इधर, कोतवाली पुलिस ने वारिख खान पुत्र गुल मोहम्मद खान निवासी काजीपुरा खरगोन को मामले में आरोपित बनाया है।
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कैबिनेट बैठक में यह निर्णय : धार्मिक स्थलों और स्कूलों से डेढ़ किलोमीटर दूर होगी शराब दुकान
भोपाल। मध्‍य प्रदेश में अब कुलपति को कुलगुरु कहा जाएगा। मुख्‍यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्‍यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि मध्‍य प्रदेश में शराब दुकान अब धार्मिक स्थलों और स्कूलों से डेढ़ किलोमीटर दूर पर ही होगी। इसके साथ ही मध्‍य प्रदेश में शराब 15 प्रतिशत महंगी कर दी गई है।
कैबिनेट के निर्णय के अनुसार किसानों को हर साल की तरह इस बार भी मिलेगा शून्य फीसद ब्याज दर पर कर्ज।विश्वविद्यालय में कुल सचिव अब कहलाएंगे कुलपति। विश्वविद्यालय संशोधन अधिनियम के प्रस्ताव को इसके लिए दी मंजूरी।
इसके साथ ही प्रदेश में बाल संरक्षण इकाई द्वारा शुरू की जाएगी, वहीं हेल्पलाइन सेवा संविदा पर तैनात होगा सारा स्टाफ। कैबिनेट ने लेखानुदान और अनुपूरक बजट के मसौदे को भी मंजूरी दी। इन्‍हें विधानसभा में पेश किया जाएगा। बैठक के निर्णयों की जानकारी जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने दी।
मप्र की 16वीं विधानसभा का पहला बजट सत्र बुधवार यानी कल से आरंभ होने जा रहा है। इससे पहले आज मंत्रालय में मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में मुख्यत: सरकार द्वारा बजट सत्र में पेश किए जाने वाले लेखानुदान के प्रारूप पर चर्चा हुई। इसके साथ ही वर्ष 2023-24 के लिए द्वितीय अनुपूरक अनुमान भी सरकार विधानसभा में रखेगी।मंत्रालय में राष्ट्रीय गीत "वंदे मातरम्" के गायन के साथ कैबिनेट की बैठक प्रारंभ हुई।
लेखानुदान प्रारूप में अप्रैल से जुलाई तक विभिन्न योजनाओं के लिए वित्तीय प्रविधान किए जाएंगे। यह एक लाख करोड़ रुपये तक हो सकते हैं। वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट जुलाई-अगस्त में होने वाले मानसून सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा।
इसके अलावा कैबिनेट बैठक में मध्य प्रदेश माल तथा सेवा कर संशोधन, मध्य प्रदेश निजी विश्वविद्यालय और मध्य प्रदेश विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक भी प्रस्तुत किए गए। वहीं, किसानों को सहकारी समितियों के माध्यम से अल्पावधि कृषि ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध कराने की योजना को निरंतर रखने पर भी निर्णय लिया गया।