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18 दिन की बेटी को झाड़‍ियों में छोड़ आया पिता, पिता अपहरण के आरोप में गिरफ्तार

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इंदौर। गौरीनगर में हैरान करने वाला मामला सामने आया है। निजी संस्थान में काम करने वाला कमयूरटर आपरेटर रोहित यादव अपनी 18 दिन की बेटी को सुनसान जगह पर झाड़‍ियों में छोड़कर आया गया। कुछ देर बाद पत्नी ने बच्ची को ढूंढने लगी और पति को फोन लगाया तो बोला उसे बिल्ली उठाकर ले गई होगी। पुलिस ने सख्ती दिखाई तो उसने बच्ची को छोड़ने की बात बता दी, इसके बाद पुलिस सांवेर जेल के पास पहुंची और उसे सुरक्षित पाया। हीरा नगर टीआई पप्पू लाल शर्मा के मुताबिक़ रोहित को अपहरण के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
पूरी घटना-रोहित डकाच्या क्षेत्र में रहता है, ससुर की तबीयत खराब होने पर इंदौर के गौरीनगर आया था। पत्नी अनिता ने गुरुवार सुबह 10 बजे छोटी बेटी को नहलाकर तैयारी किया और सुला दिया। रोहित चुपके से बच्ची को झोले में भरकर झाड़ी में छोड़कर अपने काम पर चला गया। बच्ची गुम होने पर मोहल्ले में हड़कंप मच गया, रहवासी एकत्र हुए और पुसिल को बुलाया। पुलिस ने रोहित से संपर्क किया तो वह टालता रहा। घर आया तो उसका झोला चेक किया, जिसमें एक शॉल थी।
रोहित शाल को लेकर स्पष्ट जवाब नहीं दे पाया। लेकिन अनिता वह शॉल पहचान गई और बोली कि इसी शाल में बेटी को रखा था। पुलिस ने पूछताछ की तो रोहित टूट गया और सारी बात बता दी। करीब 5 घंटे बाद पुलिस सांवेर जेल से पास पहुंची और बच्ची झाड़‍ियों के बीच सोती हुई मिली। गनीमत रही कि बच्ची सुरक्षित मिली। कोई जानवर नहीं आया, न ही किसी ने देखा।
जानकारी के मुताबिक रोहित की पहले से एक बेटी है और 18 दिन पहले उसे दूसरी बेटी हुई। उसके बड़े भाई हेमराज की भी दो बेटियां हैं। इसी को लेकर परिवार में विवाद चल रहा था।
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महिला सरपंच रिश्वत लेते गिरफ्तार: लोकायुक्त ने रंगे हाथों दबोचा, मांगी थी 18 हजार की घूस
मंडला। मध्य प्रदेश में भष्ट्रचार का खेल जारी है. ताजा मामला मंडला जिले से सामने आया है. जहां जबलपुर लाेकायुक्त ने महिला सरपंच को 18 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है. आरोपी महिला ने बिल पास कराने के एवज में घूस की डिमांड की थी.
दरसअल, यह मामला जिले के ग्राम पंचायत बड़ी खैरी की है. बताया जाता है कि ठेकेदार शिशु भलावी ने विधायक निधि एक कॉलेज में चबूतरा और ब्रांड्री वॉल का निर्माण करवाया था. बिल पास कराने के लिए महिला सरपंच सीमा कोटिया ने ठेकेदार से 18,000 की मांग की थी.
इसकी शिकायत उसने जबलपुर लोकायुक्त में की. गुरुवार को ठेकेदार ने जैसे ही महिला सरपंच को पैस दिए, वैसे ही लोकायुक्त की टीम महिला सरपंच को रंगेहाथों दबोच लिया. पुलिस आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज आगे की कार्रवाई कर रही है.

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व्यापारी अब पोर्टल पर कर सकेंगे अधिकारियों की शिकायत, केंद्रीय मंत्री ने की घोषणा
इंदौर। देशभर के व्यापारी अपनी समस्याओं की ही नहीं बल्कि अधिकारियों की ज्यादती की शिकायत भी सीधे केंद्र को भेज सकेंगे। केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय एक वीडियो पोर्टल शुरू कर रहा है। जहां शिकायतें हो सकेगी।
नेशनल ट्रेड वेलफेयर बोर्ड की बैठक में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने यह घोषणा की। हाल ही में गठित बोर्ड की यह दूसरी बैठक थी। अहिल्या चेंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल बोर्ड में मध्य प्रदेश से एक मात्र सदस्य रहे।
बैठक में मप्र के प्रतिनिधि ने पांच मांगे रखी। इनमें मंडी टैक्स की असमानता से लेकर जीएसटी की विसंगतियां तक शामिल थी। नेशनल ट्रेड वेलफेयर बोर्ड की बैठक बुधवार को दिल्ली में हुई। प्रदेश के व्यापारियों की ओर से उन्होंने कहा कि एक देश और एक टैक्स के नारे के दौर में देश में बिजली-डीजल-पेट्रोल के दाम भी एक समान होना चाहिए।
बैठक में केंद्र के विभिन्न मंत्रालयों के सचिव भी उपस्थित थे।प्रदेश के व्यापारियों की ओर से पांच बिंदुओं का लिखित सुझाव भी बोर्ड के सामने प्रस्तुत किया गया। इसमें मांग रखी गई कि मिलावट के खिलाफ मौजूदा कानून फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2006 और रैग्युलेशन 2011 में फिलहाल विदेशी कानूनों की नकल दिखती है।
इसे भारतीय परिवेश के अनुकुल पुन:परिभाषित किया जाना चाहिए। राज्यों में खाद्य नमूनों की जांच के लिए अधिसूचित प्रयोगशालाएं भी नहीं है। इससे रिपोर्ट में देरी हो रही है। मिलावटखोरों बल मिलता है लिहाजा एक्रीडिटेट प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाने की जरुरत है।
निजी क्षेत्र के सहयोग से प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाई जा सकती है। प्रदेश ने आयातित दलहन पर लगाए जा रहे मंडी टैक्स और दोहरे टैक्स पर भी आवाज उठाई। सभी राज्यों में मंडी टैक्स एक समान होना चाहिए। जीएसटी को लेकर सुझाओं की फेहरिस्त केंद्रीय अधिकारियों के सामने रखी गई।
सदस्यों ने कहा कि जीएसटी में न तो अभी तक रिटर्न में त्रुटी सुधार की सुविधा मिली है ना ही आइटीसी मिसमैच की विसंगतियां दूर हुई है। इस कर कानून में अब तक हजारों संशोधन हो चुके हैं। बेहतर है कि जीएसटी की नियमावली को पुन: प्रकाशित किया जाना चाहिए।
जीएसटी के पत्र आम हिंदी भाषा में जारी हो। साथ ही साथ इसमें व्यापारियों से ज्यादा ब्याज वसूल कर उन्हें कम ब्याज रिफंड पर देने की प्रवृत्ति भी समाप्त होना चाहिए।
पुराने कानून खत्म हो रहे हैं खंडेलवाल ने बताया कि सुझावों पर केंद्र सरकार ने काम करने का आश्वासन तो दिया ही। केंद्रीय मंत्री ने घोषणा भी की कि अनुपयोगी पुराने कानूनों को समाप्त किया जा रहा है।
इनमें कई ऐसे कानून है जिसमें व्यापारियों की छोटी-छोटी गलतियों पर सजा का प्रविधान भी है। जीएसटी के मुद्दे पर आश्वासन दिया कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में बिंदुओं को भेजकर विचार किया जाएगा।