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बदमाशों के हौसले बुलंद, दिनदहाड़े 1.64 लाख रुपए से भरा बैग उड़ाया

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बुरहानपुर। लंबे समय से न्यूनतम अपराध वाले जिलों में टाप पर रहे बुरहानपुर में बीते कुछ समय से आपराधिक गतिविधियों में वृद्धि दर्ज की जा रही है। खासतौर पर लूट और चोरी जैसे अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन पुलिस अपराधियों तक नहीं पहुंच पा रही है।
शनिवार सुबह सवा दस बजे के आसपास दो बाइक सवार बदमाशों ने बस स्टैंड के पीछे से एक कूरियर कलेक्शन एजेंट का 1.64 लाख रुपये से भरा बैग पार कर दिया। बदमाशों का शिकार बने राजपुरा निवासी सुनील वर्मा ने बताया कि वे लालबाग क्षेत्र स्थित फ्लिपकार्ट के कार्यालय से जैसे ही राशि लेकर निकले दो बदमाशों ने बाइक से उनका पीछा करना शुरू कर दिया था।
बस स्टैंड के पीछे एक दुकान में कुछ काम से रुके तो बैग बाइक पर रख दिया। कुछ सेकंड के लिए उनकी नजर बैग से हटी। इसी बीच बदमाश उसे लेकर फरार हो गए। घटना की सूचना मिलते ही सीएसपी गौरव पाटिल, कोतवाली थाना प्रभारी सीताराम सोलंकी भी मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने आसपास के दुकानदारों से पूछताछ की है।
साथ ही उस क्षेत्र के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज देखे हैं। जिसमें दो युवक बैग ले जाते हुए नजर आए हैं। फुटेज के आधार पर उनकी पहचान और तलाश शुरू कर दी गई है। पुलिस ने शहर के प्रमुख मार्गों पर नाकाबंदी भी कराई थी, लेकिन आरोपितों का कोई सुराग नहीं लगा था।
शहर में हुई इस वारदात से तीन दिन पहले खकनार थाना क्षेत्र में एक कपास व्यापारी से 2.30 लाख रुपये की लूट हो चुकी है। रात में बाइक से घर लौट रहे व्यापारी का इसी तरह बाइक सवार दो बदमाशों ने पीछा किया था और सुनसान जगह पर उसकी आंख में मिर्ची झोंक कर रुपयों से भरा बैग छीन लिया था।
इसके अलावा गुरुवार रात नेपानगर के तीन मकानों में चोरों ने धावा बोला था। इनमें से एक मकान से चोर आभूषण व नकदी ले गए थे। दो मकानों में कुछ नहीं मिलने पर सामान तहस-नहस कर दिया था। नेपानगर में इससे पहले भी चोरी की कई वारदातें हो चुकी हैं, लेकिन किसी भी मामले में आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
एक साल पहले तत्काली पुलिस अधीक्षक राहुल लोढ़ा ने विभाग और जन सहयोग से शहर के अलावा नेपानगर, शाहपुर आदि में सीसीटीवी कैमरों का जाल बिछाया था। पांच सौ से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए थे। जिनके माध्यम से पलक झपकते अपराधियों को तलाश लिया जाता था।
उनके स्थानांतरण के बाद मेंटेनेंस पर ध्यान नहीं देने के कारण कई स्थानों के कैमरे बंद पड़े हैं। इसके चलते भी पुलिस को कई मामलों में अपराधियों का सुराग नहीं मिल पा रहा है।
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डॉ मोहन भागवत ने कहा- जिस तरह शरीर का हर अंग जरूरी है, वैसे ही सब मिलकर हिंदू समाज की चिंता करें
मुरैना। जैसे शरीर में प्रत्येक अंग की आवश्यकता है। शरीर के हर अंग को सुरक्षित और स्वस्थ रखेंगे, तब ही शरीर स्वस्थ रहेगा। ऐसे ही हम सब मिलकर हिंदू समाज की चिंता करें। आरएसएस में भले ही सामाजिक सद्भाव कार्य की शुरुआत 2007 से हुई है, लेकिन संघ में जात–पात का भेद प्रारंभ से नहीं है। सामाजिक समरसता के लिए संघ प्रारंभ से कार्य कर रहा है। यह बातें आरएसएस के सर संघचालक डा. मोहन भागवत ने मुरैना जिले के समाज प्रमुखों से मुलाकात करते हुए कहीं।
मुरैना में चल रहे आरएसएस के प्रांतीय सम्मेलन में संघ प्रमुख डा. भावगत की अगुआई में नए प्रांतीय पदाधिकारियों के नाम भी शनिवार को घोषित हो गए। मध्य भारत प्रांत के संघ चालक अशोक पाण्डेय ही रहेंगे, उनके कार्यकाल को तीन साल के लिए बढ़ाया गया है। प्रांत कार्यवाह की जिम्मेदारी हेमंत सेठिया को पदोन्न्न करते हुए सौंपी गई है, वे अब तक प्रांत सह कार्यवाह की जिम्मेदारी निभा रहे थे।
प्रांतीय सम्मेलन के दौरान संघ प्रमुख शनिवार को वाल्मीकि समाज के भगवानदास वाल्मीकि, माहौर समाज के नत्थीलाल माहौर, प्रजापति समाज के आशाराम प्रजापति, नागर समाज के राजेंद्र नागर, श्रीवास समाज के मातादीन श्रीवास, राठौर समाज के श्यामलाल राठौर, ब्राह्मण समाज के सुरेश शास्त्री, मांझी समाज के प्रमोद मांझी, वैश्य समाज के डा. अनिल गुप्ता, जैन समाज के मनोज जैन, स्वर्णकार समाज के मदनलाल वर्मा, सिंधी समाज के प्रताप राय और कायस्थ समाज के दिनेश भटनागर से मिले और चर्चा की।
समाज प्रमुखों से डा. भागवत ने कहा, कि हम सबको मिलकर अपने हिंदू समाज को अच्छा और सुंदर बनाना है। सभी जाति बिरादरी माह में एक बार बैठने की योजना करें और विचार करें, कि हम सद्भाव के इस कार्य को खंड, मंडल और बस्ती तक कैसे लेकर जाएं।
संघ प्रमुख ने कहा, कि 22 जनवरी को श्रीराम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा उत्सव में लघु भारत अयोध्या में दिख रहा था और सम्पूर्ण भारत में अयोध्या की अनुभूति हो रही थी। यह अनुभूति स्थायी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एक समय में भारत में जाति एक व्यवस्था थी, जो जन्म के आधार पर नहीं, अपितु कार्य–व्यापार के आधार पर थी।
जैसे आज भी हम देखते हैं कि डाक्टर का बेटा डाक्टर, अधिवक्ता का बेटा अधिवक्ता बनाना पसंद करता है। जाति व्यवस्था ने मुगलों के आक्रमण के दौरान अपने हिंदू समाज के लोगों का संरक्षण किया। परंतु कालांतर में यह जाति व्यवस्था एक कुरीति में बदल गई। पूज्य संतों ने भी अनेक अवसरों पर हमें यह बात समझाने का प्रयत्न किया है। आज आवश्यकता है कि हम सब मिलकर छुआछूत को समाप्त करें।
कार्यकर्ता सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए सरसंघचालक डा. भागवत ने कहा कि हम दुनिया में नया इतिहास घटित होते हुए देख रहे हैं। भारत भी करवट बदल रहा है। पिछले कई वर्षों में अनेक महानुभावों ने जो पुरुषार्थ किया है, उनका परिणाम आज दिख रहा है। हम सब निकट भविष्य में भारत को विश्वगुरु के रूप में देखेंगे, इसके लिए हमें भी अपनी तैयारी करनी होगी। उन्होंने कहा 2025 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं, लेकिन अभी हमारा लक्ष्य पूर्ण नहीं हुआ है। अभी तो आधार बना है।
वास्तविक कार्य करने का समय तो अब आया है। हम 2025 तक अपने संगठन की रचना पूरी करें। भविष्य में समाज को राष्ट्रीय दिशा देने के लिए हमारे कार्यकर्ताओं को अपना आत्म विकास करना होगा। आज संघ की ओर अपेक्षा से देखा जा रहा है। समाज जीवन के सभी प्रश्नों का उत्तर लोग संघ से चाहते हैं। हमें ऐसे समाज का निर्माण करना है, जो अपने प्रश्नों का समाधान करने में स्वयं सक्षम हो।
डा. भागवत ने कहा कि समाज में संघ के अलावा भी बहुत सारी सज्जन शक्ति रचनात्मक एवं सृजनात्मक कार्य कर रहे हैं। हमें समाज की उन सज्जन शक्तियों का भी सहयोग लेना चाहिए और उन्हें भी सहयोग करना चाहिए। कार्यकर्ता सम्मेलन में समापन सत्र में अखिल भारतीय सह सरकार्यवाह डा. मनमोहन वैद्य, क्षेत्र संघचालक अशोक सोहनी, क्षेत्र सह कार्यवाह हेमंत मुक्तिबोध भी शामिल हुए।
आरएसएस के प्रांतीय पदाधिकारियों का चयन हर तीन साल में होता है। मुरैना में चल रहे चार दिवसीय आयोजन के तीसरे दिन यह चुनाव भी सम्पन्न हो गए। सर संघ संचालक डा. मोहन भागवत की मौजूदगी में आरएसएस के मध्य भारत प्रांत सभी आठ विभाग जिनमें 31 जिले शामिल हैं, उनके पदाधिकारी घोषित किए गए।
इनके अलावा प्रांतीय कार्यकारिणी की भी घोषणा कर दी गई, जिसमें सेवानिवृत्त न्यायाधीश अशोक पांडेय पुनः प्रांत संघचालक निर्वाचित हुए। प्रांत संघचालक पाण्डेय ने कुछ देर बाद ही अपनी कार्यकारिणी घोषित कर दी, इनमें प्रांत सह–संघचालक के रूप में डा. राजेश सेठी (भोपाल) बनाए गए हैं।
अब तक प्रांत सह–कार्यवाह का जिम्मा संभाल रहे हेमंत सेठिया (राजगढ़) को प्रांत कार्यवाह नियुक्त किया गया। प्रांत सह–कार्यवाह के रूप में भोपाल के संतोष मीणा को चयन हुआ। पूर्व प्रांत कार्यवाह यशवंत इंदापुरकर की घोषणा क्षेत्र कार्यकारिणी के सदस्य के रूप में की गई।
मुरैना विभाग में चार जिले शामिल हैं। इनमें मुरैना, भिंड, दतिया और चौथे जिले के तौर पर भिंड के लहार को माना जाता है। विभाग संघचालक महेंद्र शर्मा, सह विभाग संघ चालक सुरेंद्र चौहान, विभाग कार्यवाह संजीव मिश्रा, विभाग सह कार्यवाह कविंद्र चौधरी, राघवेंद्र त्रिपाठी, विभाग प्रचारक धनराज, विभाग शारीरिक प्रमुख दिनेश त्यागी, विभाग सह शारीरिक प्रमुख राजेश कुशवाह, विभाग बौद्धिक प्रमुख राजेश कुशवाह, विभाग सह बौद्धिक प्रमुख सौरभ उपाध्याय, विभाग व्यवस्था प्रमुख संतोष गुप्ता, विभाग सह व्यवस्था प्रमुख आलोक राजावत, विभाग सेवा प्रमुख गजेंद्र राजावत, सह सेवा प्रमुख कमलेश राठौर, विभाग संपर्क प्रमुख जगदीश दीक्षित, सह संपर्क प्रमुख अनुराग सावला, विभाग प्रचार प्रमुख राघवेंद्र तोमर, सह प्रचार प्रमुख मनीष ओझा, विभाग समरसता प्रमुख बृजमोहन शर्मा, सह समरता प्रमुख रामकुमार सिकरवार, विभाग धर्मजागरण प्रमुख सुनील शर्मा, सह धर्मजागरण प्रमुख प्रवीण वर्मा, गौसेवा प्रमुख देवेंद्र सेंगर, सह गौसेवा प्रमुख जीतेंद्र धाकड़, पर्यावरण प्रमुख जयवीर सिरौठिया, कुटुंब प्रमुख सुदामा चंद, ग्राम विकास संयोजक महेंद्र तोमर, शालेय कार्य प्रमुख एवं घोष हेमंत शर्मा, महाविद्यालयीन प्रमुख पीयूष भारद्वाज, सद्भाव प्रमुख राजेश लिटोरिया, सह सदभाव प्रमुख मुनेश शर्मा, विभाग कार्यकारिणी सदस्य मनोज दुबोलिया, विभाग प्राध्यापक प्रमुख भारतेंदु तोमर, विभाग कार्यकारिणी सदस्य रामचंद्र तोमर, मुकेश धाकड़ और देवेंद्र शर्मा को बनाया गया है।
प्रांत कार्यकारिणी में इनको मिला स्थान-प्रांत प्रचारक स्वप्निल कुलकर्णी, प्रांत सह प्रचार प्रमुख विमल गुप्ता, प्रांत शारीरिक शिक्षण प्रमुख कृपाल सिंह, प्रांत सह शारीरिक शिक्षण प्रमुख प्रवेश लोधी, प्रांत बौद्धिक प्रमुख पंकज शर्मा, प्रांत सह बौद्धिक प्रमुख प्रमोद पंवार, प्रांत व्यवस्था प्रमुख कमल जैन, प्रांत सह व्यवस्था प्रमुख रामवीर, प्रांत सेवा प्रमुख विक्रम सिंह, प्रांत सह सेवा प्रमुख जितेंद्र राठौर, प्रांत संपर्क प्रमुख सुनील जैन, प्रांत सह संपर्क प्रमुख गिरीश जोशी, प्रांत सह संपर्क प्रमुख नवल शुक्ला, प्रांत प्रचार प्रमुख मुकेश त्यागी, प्रांत सह प्रचार प्रमुख अखिलेश श्रीवास्तव और प्रांत सह प्रचार प्रमुख लोकेंद्र सिंह को बनाया गया है।
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मध्य प्रदेश में चलेंगी महिला स्पेशल बसें, इंदौर में पहले से दौड़ रहीं
इंदौर। मध्य प्रदेश सरकार अब महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राज्य के 20 से अधिक शहरों में पिंक बसें शुरू करने जा रही है। इसमें चालक, परिचालक और यात्री सभी महिलाएं होंगी। इनमें इंदौर भी शामिल है। हालांकि इंदौर में पहले से महिला स्पेशल पिंक बसें चल रही हैं। पिछले तीन वर्षों से बीआरटीएस कारिडोर में दो पिंक बसों का संचालन किया जा रहा है। इनमें हर दिन 500 से अधिक महिलाएं सुरक्षित सफर कर रही हैं। इंदौर में एक संस्था ऐसी भी है, जो महिलाओं को ड्राइविंग की ट्रेनिंग देकर आत्मनिर्भर बना रही है।
एआइसीटीएसएल द्वारा जून 2021 में बीआरटीएस कारिडोर पर दो पिंक बसों का संचालन शुरू किया गया था। इनमें सिर्फ महिला यात्रियों को ही सफर करने अनुमति है। ड्राइवर और टिकट चेकर भी महिला ही होती हैं। पीआरओ माला ठाकुर ने बताया कि एक संस्था के साथ मिलकर आइ-बस को मोडिफाइड कर पिंक बस में बदला गया था। पिछले तीन वर्षों से ये बसें चल रही हैं। बसों में हर दिन 400 से 500 महिलाएं सफर कर रही हैं। इनमें सबसे ज्यादा संख्या कालेज छात्राओं की है। सुबह 7 बजे से देर रात तक इन बसों का संचालन होता है। मांग बढ़ने पर बसें और बढ़ाई जाएंगी।
सामाजिक संस्था समान सोसायटी ने वर्ष 2015 में महिला ड्राइवर और मैकेनिक की निश्शुल्क ट्रेनिंग शुरू की थी। संस्था के राजेंद्र बंधु ने बताया कि शुरुआत में दर्जनभर महिलाएं कमर्शियल ड्राइवर की ट्रेनिंग के लिए आगे आईं। इसके बाद संख्या बढ़ती गई। वर्तमान में इस सोसायटी से ट्रेनिंग लेकर 500 से अधिक महिलाएं कैब, ई-रिक्शा, पर्सनल ड्राइवर आदि का काम कर रही हैं। एआइसीटीएसएल की पिंक बस में भी सोसायटी से प्रशिक्षित महिलाएं ड्राइविंग कर रही हैं।
आरटीओ के अनुसार कुछ वर्ष पहले तक काफी कम संख्या में महिलाओं के लाइसेंस बनवाने के आवेदन आते थे, लेकिन पिछले चार वर्षों से महिलाओं के आवेदन की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। बीते दो साल ही में लगभग 50 हजार लाइसेंस महिलाओं के बने हैं। इनमें कमर्शियल लाइसेंस भी शामिल हैं।