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रेलवे स्टेशन में रील बनाना पड़ा महंगा: छात्र-छात्रा पर FIR, प्लेटफॉर्म को बनाया था डांस स्टेज

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सतना। सोशल मीडिया में लाइक और फॉलोवर पाने की चाहत में हर एक शख्स रील बनाने में लगा है। इस दौरान वह यह तक नहीं देख रहे हैं कि वे एक बंद कमरे में हैं या फिर किसी सार्वजनिक जगह में। लोगों तक अपना वीडियो पहुंचाने में कोई भी पीछे नहीं रहना चाहता है, चाहे वह कोई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हो या फिर स्कूल में पढ़ने वाले छात्र। ऐसा ही एक मामला सामने आया है मध्य प्रदेश के सतना जिले से जहां सोशल मीडिया सेंसेशन बनकर कमाई करने की चाहत और रील बनाने का शौक एक लड़का और लड़की को भारी पड़ गया। सतना के स्वशासी महाविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र- छात्रा का रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर डांस करते हुए रील वायरल होते ही आरपीएफ ने दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
जानकारी के मुताबिक, सतना रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म में डांस करते हुए रील बनाने और सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर अपलोड करने के मामले में आरपीएफ ने सख्ती दिखाई है। आरपीएफ ने रील में नजर आ रहे 28 वर्षीय विशाल प्रसाद विश्वकर्मा और 20 वर्षीय रामवन निवासी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरपीएफ ने दोनों को आरपीएफ पोस्ट में तलब कर पूछताछ भी की है।
गौरतलब है कि आरपीएफ की कार्रवाई के दायरे में आए युवक-युवती सतना डिग्री कॉलेज के स्टूडेंट हैं। इन्हीं छात्र-छात्राओं ने पिछले दिनों शासकीय स्वशासी महाविद्यालय के कैंपस के अंदर भी डांस का वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर अपलोड किया था। जिस पर कॉलेज के प्राचार्य ने उन्हें नोटिस जारी कर चेतावनी दी थी।
कॉलेज से झटका मिलने के बाद इन्होंने रेलवे स्टेशन को अपना डांस स्टेज बनाया था। कई अन्य सार्वजनिक स्थानों पर भी उन्होंने वीडियो बनाई हैं और उन्हें सोशल मीडिया पर अपलोड किया है। हालांकि इस बार उन्हें रील बनाना महंगा पड़ गया और आरपीएफ ने इन पर कड़ी कार्रवाई की है।
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सत्य घटनाः 6 दिनों बाद सूखे कुएं से जिंदा निकला युवक, पुलिस और परिजन कर रहे थे तलाश
छिंदवाड़ा। किसी ने सच ही कहा है “जाको राखे साइयां मार सके ना कोई”। इसी कहावत को सार्थक करते हुए एक खबर छिंदवाड़ा से सामने आई है। जहां कुएं में गिरे एक युवक काे 6 दिनों के बाद सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। अचानक कुछ लोगों ने उसकी आवाज सुनी तो ग्रामीणों की मदद से उसे बाहर निकाला गया।
यह घटना परासिया विधानसभा क्षेत्र के मोरडोंगरी की है। बताया गया कि 8 फरवरी को मोरडोंगरी खुर्द में रहने वाला मनोज 40 अचानक एक सूखे कुएं में गिर गया था। यह कुआं झाड़ियाें से छुपा हुआ था और कुएं में गिरने के बाद वह लोगों से मदद मांग रहा था, लेकिन आसपास कोई बसाहट नहीं थी। जिसके कारण उसकी आवाज किसी ने नहीं सुनी। इधर, परिजन और पुलिस उसकी लगातार तलाश कर रहे थे।
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नगर पालिका का कमाल: 6 साल से नहीं आया नल से एक बूंद पानी, थमा दिए हजारों के बिल
विदिशा। मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में नगर पालिका बड़ी लापरवाही सामने आई है। जहां नल जल योजना बंद होने के बाद भी नगर निगम ने रहवासियों को हजारों के बिल थमा दिए। जिससे लोगों में नाराजगी हैं. रविवार को रहवासी नगर निगम कार्यालय पहुंचे और इसकी शिकायत की। यह मामला वार्ड नंबर-2 जतरापुरा का है।
दरअसल, पानी की किल्लत से निजात दिलाने के उद्देश्य को लेकर नगर पालिका ने वार्ड नंबर-2 जतरापुरा क्षेत्र में नल जल योजना की शुरूआत 6 साल पहले की थी। 6 साल बीत जाने के बाद भी आज तक टोटी में पानी नहीं आया। सालों पहले योजना का कार्य पूरा हो चुका है। घर-घर पाइपलाइन बिछाई गई और घरों में नल कनेक्शन भी दिए गए। लेकिन अभी तक पानी की समस्या का कोई स्थाई हल नहीं निकल सका है। पानी की सप्लाई शुरू नहीं होने के बाद भी अब गरीब बस्ती के लोगों को हजारों के रुपए के बिल थमा जा रहे हैं।
नल-जल योजनाओं के अंतर्गत नगर पालिका को हर साल लाखों रुपये मिलते रहे हैं। विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते सही दिशा में योजना के क्रियान्वयन न होने से जनता आज भी पानी की समस्या से जूझ रही है। पानी की किल्लत अब लोगों को जद्दोजहद के लिए मजबूर कर रही है। कई वार्डों में टैंकर के जरिए लोग अपनी प्यास बुझा रहे हैं। पानी की समस्या के लिए वार्डवासी अब सड़क पर प्रर्दशन के लिए उतारू हो रहे हैं। नगर में हर एक दिन गुजरने के साथ जल प्रदाय व्यवस्था ध्वस्त होते जा रही है। नगर पालिका के पास स्थाई जल स्त्रोत की कमी है। नगर पालिका जल प्रदाय की व्यवस्था भी चरमरा गई है।
पानी की समस्या से निजात पाने के लिए योजनाएं तो बनती है, लेकिन अभी तक पानी की समस्या का कोई स्थाई हल निकल सका है। कई बंद योजनाओं के अन्तर्गत नगर पालिका हर साल लाखों रुपये बिल भेजती है। जिसके कारण गरीबों को इसका भुगतान करना मुश्किल में डाल देता है।