This website uses cookies to ensure you get the best experience on our website.

फिर मराठा आंदोलन की तैयारी:जरांगे बोले- यह सरकार अंग्रेजों से भी बुरी

User Rating: 4 / 5

Star ActiveStar ActiveStar ActiveStar ActiveStar Inactive
 

मुंबई। मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता म​​​नोज जरांगे ने 24 फरवरी को फिर से राज्य में आंदोलन करने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा यह सरकार निजाम और अंग्रेजों से भी बुरी है। इसलिए इस बार बच्चे और बुजुर्ग भी आंदोलन में शामिल होंगे। अगर एक भी बुजुर्ग की मौत होती है तो सरकार इसके लिए जिम्मेदार होगी।
जरांगे ने चुनाव आयोग से इलेक्शन न करवाने की विनती की है। उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई नेता लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने आता है तो उसकी गाड़ी कब्जे में ले लो।
दरअसल, महाराष्ट्र विधानसभा में मंगलवार 20 फरवरी को मराठाओं को 10% आरक्षण देने का बिल पास हो गया। CM शिंदे अब इस बिल को विधान परिषद में पेश करेंगे। वहां से पास होने के बाद यह कानून बन जाएगा। मराठा आरक्षण बिल पारित होने से मराठाओं को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10% आरक्षण मिलेगा। राज्य में 52% आरक्षण पहले से है। 10% मराठा आरक्षण जुड़ने से रिजर्वेशन लिमिट 62% हो जाएगी।
रिजर्वेशन कोटा 50% से ज्यादा होने से इस बिल को कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने मई 2021 में मराठा समुदाय को अलग से आरक्षण देने के फैसले को रद्द कर दिया था, क्योंकि रिजर्वेशन लिमिट 50% से ऊपर हो गई थी।
जरांगे ने बिल को लेकर कहा कि इसमें मराठाओं की मांग को पूरा नहीं किया गया है। आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत के ऊपर हो जाएगी तो सुप्रीम कोर्ट इसे रद्द कर देगा। हमें ऐसा आरक्षण चाहिए जो ओबीसी कोटे से हो और 50 प्रतिशत के नीचे रहे।
बिल पास होने के बाद CM शिंदे ने कहा- जो हमने बोला था, वो किया। हमने कोई राजनीतिक लाभ के लिए फैसला नहीं लिया है। मराठा समाज आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा है। मराठाओं को आरक्षण मिलने से OBC या किसी अन्य समाज के आरक्षण को नुकसान नहीं होगा।
मराठाओं का आरक्षण बढ़ाने की पहल महाराष्ट्र पिछड़ा वर्ग आयोग (MBCC) की एक सर्वे रिपोर्ट के आधार पर की गई थी। MBCC ने 16 फरवरी को मराठा समुदाय के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक पिछड़ेपन पर आधारित सर्वे रिपोर्ट शिंदे सरकार को सौंपी थी।
इसमें बताया गया कि मराठा समुदाय सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा है। सर्वे में बताया गया कि राज्य में आत्महत्या करने वाले 94% किसान मराठा समुदाय के थे। माध्यमिक और उच्च शिक्षा में मराठा समुदाय का प्रतिशत कम है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि सरकारी नौकरियों में मराठाओं की संख्या कम है।
इस सर्वे में 2.5 करोड़ परिवारों को शामिल किया गया था। रिपोर्ट पर CM शिंदे ऑफिस की तरफ से बयान जारी करते हुए कहा गया था कि सर्वे के निष्कर्षों पर राज्य कैबिनेट की बैठक में 20 फरवरी को चर्चा की जाएगी।
--------------------------------
किसानों का दिल्ली कूच : बनाएंगे नई रणनीति, पुलिस का दावा- प्रदर्शनकारियों के हमले में 12 जवान घायल
केंद्र सरकार के प्रस्ताव को मानने से इनकार के बाद किसान दिल्ली कूच पर आमादा हैं। इसके लिए शंभू बॉर्डर पर हाईड्रोलिक क्रेन, जेसीबी व बुलेटप्रूफ पोकलेन जैसी भारी मशीनरी लाई गई है। वहीं खनौरी बॉर्डर पर गोली लगने से दो किसानों की मौत की सूचना है। यहां पढ़ें किसान आंदोलन का हर अपडेट...
हरियाणा पुलिस ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि दाता सिंह-खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियो ने पराली में मिर्च पाउडर डालकर पुलिस को चारो तरफ से घेर लिया। इसके बाद पथराव के साथ लाठी, गंडासे से पुलिसकर्मियों पर हमला किया। इसमें लगभग 12 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हैं। हरियाणा पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से शांति की अपील।
किसान नेता काका सिंह कोटड़ा ने बताया कि संगरूर के खनौरी बॉर्डर पर 23 साल के शुभकरण सिंह पुत्र चरणजीत सिंह गांव वलो जिला बठिंडा की मौत हो गई है। मृतक के शव को पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में रखा गया है। वहीं पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने भी इस बारे में ट्वीट किया है।
दाता सिंह वाला-खनौरी बॉर्डर पर दो किसानों की मौत को हरियाणा पुलिस ने अफवाह करार दिया है। पुलिस का कहना है कि दो पुलिसकर्मी और एक प्रदर्शनकारी घायल हुआ है। वहीं जींद के पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार ने कहा कि फिलहाल किसी किसान की मौत नहीं हुई है। एक किसान गंभीर रूप से घायल बताया जा रहा है। किसानों ने धान की पराली में आग लगाकर और मिर्ची डालकर पुलिस पर हमला किया है। इसके अलावा काफी किसानों ने तलवार व गंडासों से भी पुलिस पर हमला किया है। अब तक लगभग 10 पुलिस गंभीर गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
अभी तक की प्राप्त जानकारी के अनुसार आज #किसानआंदोलन में किसी भी किसान की मृत्यु नहीं हुई है। यह मात्र एक अफवाह है। दाता सिंह-खनोरी बॉर्डर पर दो पुलिसकर्मियों तथा एक प्रदर्शनकारी के घायल होने की सूचना है जो उपचाराधीन है। @ssk303 @DGPPunjabPolice @cmohry @anilvijminister
टोहाना बॉर्डर पर तैनात हरियाणा पुलिस के एसआई विजय कुमार का निधन हो गया है। बताया जा रहा है कि ड्यूटी के दौरान उनका स्वास्थ्य अचानक बिगड़ गया था। अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया
केंद्रीय मंत्रियों से वार्ता को लेकर संगठन एकमत नहीं है। कुछ किसान नेता वार्ता को तैयार हैं लेकिन कुछ का मानना है कि सरकार से अब तक बातचीत में कोई मसला हल नहीं हुआ है। इस ग्रुप का यह भी मानना है कि युवा बहुत उत्तेजित हैं अगर बार बार आगे बढ़ने की स्थिति को डिफ्यूज किया गया तो वे हुड़दंग भी मचा देंगे। धरना स्थल पर कई निहंग भी आगे बढ़ने को लेकर बयान दे रहे हैं, दूसरी तरफ हरियाणा पुलिस की ओर से एक बार फिर ड्रोन के जरिए पंजाब के अधिकार क्षेत्र में गोले फेंके जा रहे हैं। पंजाब पहले भी इस पर एतराज जता चुका है।
शंभू बॉर्डर पर एक तरफ जहां किसान नेताओं के बीच बातचीत चल रही है। वहीं दूसरी तरफ उग्र हुए किसान और निहंग हरियाणा की बैरिकेडिंग के बिल्कुल नजदीक पहुंच चुके हैं।
जींद के दातासिंह वाला बॉर्डर पर पुलिस तथा किसानों के बीच हुए टकराव में दो किसानों की गोली लगने से मौके पर ही मौत की सूचना है। इसके अलावा 20 से ज्यादा किसान घायल हो गए हैं। काफी किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और उनको हरियाणा की तरफ ले आई है। काफी देर तक किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। काफी किसान खेतों के रास्ते से बॉर्डर को पार करने की तैयारी कर रहे थे, जिस पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। जिस किसान की मौत हुई है, वह खनौरी का बताया जा रहा है। फिलहाल उसके बारे में और कोई जानकारी हासिल नहीं हुई है। पुलिस लगातार आंसू गैस के गोले दाग रही है और लाठीचार्ज किया जा रहा है। पुलिस तथा किसानों के बीच लगातार टकराव जारी है। किसान जेसीबी के माध्यम से बॉर्डर पर लगे अवरोधक को हटाने की कोशिश कर रहे हैं।
----------------------------------
दिल्ली-पुणे से 3500 करोड़ की म्याऊं-म्याऊं ड्रग्स जब्त,8 गिरफ्तार; पुणे पुलिस की सबसे बड़ी जब्ती
पुणे। पुणे और दिल्ली में पिछले तीन दिनों से जारी रेड में पुणे पुलिस ने 1,700 किलोग्राम मेफेड्रोन ड्रग्स जब्त की है। इसकी कीमत करीब 3,500 करोड़ रुपए बताई जा रही है। लोकल भाषा में मेफेड्रोन को म्याऊं म्याऊं भी कहते हैं। महाराष्ट्र में पुणे पुलिस का यह अब तक का सबसे बड़ा ड्रग भंडाफोड़ है और भारत में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई में से एक है।
पुणे सिटी पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने बुधवार (21 फरवरी) को बताया कि पुणे में कई जगहों से लगभग 720 किलोग्राम ड्रग्स बरामद किया गया है। दिल्ली में लगभग 970 किलोग्राम ड्रग्स मिला है। ड्रग नेटवर्क के पीछे एक कूरियर एजेंसी शामिल है, जो प्रोसेस्ड फूड पैकेट में ड्रग्स सप्लाई करती थी। कुछ कूरियर लंदन भेजे गए थे। अब तक 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
पुणे पुलिस सोमवार (19 फरवरी) से रेड कर रही है। पुलिस ने मंगलवार (20 फरवरी) को बताया था कि पुणे के​​​ भैरवनगर और विश्रांतवाड़ी इलाकों में 19 फरवरी को रेड की गई थी। इस दौरान तीन ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया था। उनके पास से 1.75 किलोग्राम मेफेड्रोन जब्त हुई, जिनकी कीमत करीब 3.5 करोड़ रुपए आंकी गई। नमक के गोदाम में नशीली दवाओं की तस्करी का काम किया जा रहा था।
मेफेड्रोन की एक और बड़ी खेप पुणे के कुरकुंभ MIDC इलाके में भी रखी गई थी। पुलिस ने यहां से 650 किलो से ज्यादा ड्रग्स और कच्चा माल जब्त किया। ड्रग तस्करों से पूछताछ के बाद पुणे पुलिस की एक टीम ने दिल्ली के हौज खास इलाके में रेड की। दिल्ली के गोदाम में 400 किलोग्राम ड्रग्स बरामद हुई। आशंका है कि ड्रग्स को कुरकुंभ MIDC से नई दिल्ली ले जाया जा रहा था।
20 फरवरी तक पुलिस ने पांच लोगों को पकड़ा गया था, जिनमें तीन कूरियर बॉय और दो अन्य शामिल थे। तीनों कूरियर बॉय के खिलाफ पहले से केस दर्ज हैं। एक शख्स की पहचान अनिल साबले के रूप में हुई है।
अनिल साबले पुणे में एक फैक्ट्री का मालिक है, जहां ड्रग्स रखी गई थी। पुलिस ने साबले को महाराष्ट्र के ठाणे के डोंबिवली से पकड़ा है। पुलिस को कुख्यात ड्रग तस्कर ललित पाटिल से आरोपियों के जुड़े होने का शक है। मामले में पाटिल की संलिप्तता को लेकर जांच जारी है।