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बहन को नकल कराने के लिए बना नकली पुलिसकर्मी:गलत सैल्यूट करने पर पकड़ा गया

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मुंबई। महाराष्ट्र में बहन को एग्जाम में चीटिंग करवाने के लिए फर्जी तरीके से पुलिस बने शख्स को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी की पहचान 24 साल के अनुपम मदन खंडारे के रूप में हुई है।
दरअसल, शख्स अपनी बहन को 12वीं की परीक्षा में नकल करवाना चाहता था। इसलिए वो वर्दी पहनकर फर्जी पुलिसकर्मी बन गया। लेकिन परीक्षा केंद्र पर जब उसने अधिकारियों को गलत तरीके से सैल्यूट किया तो पकड़ा गया।
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 417, 419, 170, 171 और 1982 एक्ट की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया है। इसके बाद उसे हिरासत में ले लिया है।
अधिकारियों ने बताया कि पकड़े गए आरोपी अनुपम पांगरा बांदी का रहने वाला है। पातुर के शाहबाबू हाईस्कूल में उसकी बहन का 12वीं कक्षा की परीक्षा थी। अनुपम इस एग्जाम सेंटर पर पुलिस की वर्दी पहनकर पहुंच गया।
आरोपी युवक अपनी बहन को नकल कराने की फिराक में सेंटर के आसपास घूमने लगा। उस समय सुरक्षा के लिए पातुर पुलिस स्टेशन के पुलिस इंस्पेक्टर किशोर शेलके अपनी टीम के साथ परीक्षा केंद्र पर पहुंचे। सीनियर अफसर को देख अनुपम ने उन्हें सलाम किया, लेकिन पुलिस को उसकी सलामी देखकर शक हुआ।
आरोपी युवक ने जो वर्दी पहनी थी, उस पर लगी नेम प्लेट भी गलत थी। ये सब सामने आने के बाद पुलिस ने उसकी जांच की। इसके बाद उससे पूछताछ कर तलाशी ली गई तो उसकी जेब से अंग्रेजी की नकल की कॉपी मिली।
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J&K के पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक के घर CBI रेड, 30 ठिकानों पर छापे
नई दिल्ली। सीबीआई ने आज (22 फरवरी) पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक के ठिकाने पर छापा मारा। साथ ही दिल्ली में 29 अन्य ठिकानों पर भी रेड की है। ये कार्रवाई कीरू हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट में करप्शन को लेकर की गई। सत्यपाल मलिक ने गवर्नर रहने के दौरान दावा किया था कि हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट की 2 फाइलें क्लियर करने के लिए उन्हें 300 करोड़ की रिश्वत की पेशकश की गई थी।
इससे पहले कीरू हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट को लेकर 6 जुलाई 2022 में भी देशभर में 16 जगहों पर छापेमारी की गई थी। गुरुवार को रेड के बाद मलिक ने X पर पोस्ट किया और कहा कि किसान का बेटा हूं, छापों से नहीं घबराऊंगा।
सत्यपाल मलिक ने 17 अक्टूबर 2021 को राजस्थान के झुंझुनू में एक कार्यक्रम में कहा था कि उन्हें जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल रहते करोड़ों की रिश्वत ऑफर हुई थी। उस दौरान उनके पास दो फाइलें आई थीं। इनमें एक बड़े उद्योगपति और दूसरी महबूबा मुफ्ती और भाजपा की गठबंधन सरकार में मंत्री रहे एक व्यक्ति की थी। मलिक ने कहा था कि उनके सचिवों ने बताया कि इसमें घोटाला है, इसके बाद उन्होंने दोनों डील रद्द कर दी थीं।
मलिक ने ये भी कहा था कि उन्हें दोनों फाइलों के लिए 150-150 करोड़ रुपए देने का ऑफर दिया गया था। मलिक ने कहा, 'मैंने कहा था कि मैं पांच कुर्ता-पायजामे के साथ आया हूं और सिर्फ उसी के साथ यहां से चला जाऊंगा। जब CBI पूछेगी तो मैं ऑफर देने वालों के नाम भी बता दूंगा।'
CBI ने इस मामले में 2 FIR दर्ज की थीं। पहली FIR लगभग 60 करोड़ रुपए के कॉन्ट्रैक्ट को जारी करने में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित है। यह रकम 2017-18 में जम्मू-कश्मीर कर्मचारी स्वास्थ्य देखभाल बीमा योजना का ठेका देने के लिए एक इंश्योरेंस कंपनी से रिश्वत के तौर पर ली गई थी।
दूसरी FIR 2019 में एक निजी फर्म को कीरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट (एचईपी) के सिविल वर्क के लिए 2,200 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट देने में भ्रष्टाचार से जुड़ी है। CBI इन दोनों मामलों की जांच कर रही है।
सत्यपाल मलिक कई मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेरते रहे हैं। 2021 में किसान आंदोलन खत्म होने पर उन्होंने कहा था कि किसानों का धरना खत्म हुआ है, आंदोलन नहीं। उन्होंने 400 किसानों की मौत पर प्रधानमंत्री की तरफ से शोक सन्देश नहीं जाने पर भी तल्ख टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि किसानों का कर्ज माफ होना चाहिए।
मलिक ने अपने रिटायरमेंट के बाद किसानों के लिए संघर्ष करने की बात कही थी। वहीं, रिश्वत का ऑफर, राष्ट्रपति चुनाव और उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत से जुड़े अपने बयानों को लेकर भी चर्चा में रहे।
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त्रिपुरा HC ने छेड़छाड़ के आरोपी मजिस्ट्रेट को हटाया:रेप पीड़ित को गलत तरीके से छुआ था
अगरतला। त्रिपुरा हाईकोर्ट ने रेप पीड़ित से छेड़छाड़ के आरोपी मजिस्ट्रेट बिश्वतोष धर को हटा दिया है। स्टेट लॉ डिपार्टमेंट ने बुधवार (21 फरवरी) को बताया कि हाई कोर्ट ने बिश्वतोष धर को 'क्लोज' किया है। कानूनी शब्दों में, 'क्लोजिंग' का मतलब किसी अधिकारी को बिना किसी असाइनमेंट के अलग स्थान पर रखना होता है। धर को बिना इजाजत जिले से बाहर जाने की अनुमति नहीं है।
बिश्वतोष धर धलाई जिले के कमालपुर के फर्स्ट क्लास ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट हैं। एक हफ्ते पहले 16 फरवरी को 23 साल की एक महिला अपने पति के साथ रेप के खिलाफ बयान दर्ज कराने मजिस्ट्रेट के चैंबर में गई थी। महिला के साथ 13 फरवरी को उसके घर पर 26 साल के एक शख्स ने रेप किया था।
पीड़िता के पति के मुताबिक, बयान लेने के दौरान जज ने उसकी पत्नी के शरीर को गलत ढंग से छूना शुरू कर दिया। मजिस्ट्रेट ने महिला से कहा कि रेप के मामलों में बयान दर्ज करते समय जजों को इस तरह से व्यवहार करना पड़ता है। यह सुनकर महिला रोने लगी। इसके बाद जज ने उसे वहां से जाकर बाहर बैठने को कहा।
कमालपुर पुलिस स्टेशन ने आरोपों के आधार पर 16 फरवरी को मामला दर्ज किया था। महिलाओं ने पुलिस को बताया कि धर ने उन्हें धमकी भी दी कि अगर उन्होंने बात नहीं मानी तो मामला उनके खिलाफ चला जाएगा। जज की बात सुनकर वह कुछ ही मिनटों में बिना कोई बयान दिए चैंबर से बाहर आ गई।
महिला ने अपने साथ हुई घटना के बारे में पति के अलावा मजिस्ट्रेट कोर्ट के बाहर मौजूद वकीलों को भी जानकारी दी। मजिस्ट्रेट के चैंबर में पीड़ित के साथ एक महिला कॉन्स्टेबल भी गई थी, लेकिन आरोपी जज ने उसे महिला के साथ नहीं रहने दिया। इसके बाद उसके पति ने भी घटना को लेकर कमालपुर बार एसोसिएशन में एक अलग शिकायत दर्ज कराई।
एक सीनियर एडवोकेट ने 18 फरवरी को बताया था कि धलाई डिस्ट्रिक्ट-सेशन जज गौतम सरकार की अध्यक्षता में तीन जजों के पैनल ने जज पर लगे आरोपों की जांच शुरू कर दी है।
एडवोकेट बॉडी के शिबेंद्र दासगुप्ता ने कहा- जांच पैनल ने कोर्ट कैंपस में कमालपुर बार एसोसिएशन के सदस्यों से भी मुलाकात की और महिला के आरोपों पर हमारी राय मांगी। हमने पैनल को सारी जानकारी दी है।